- दिल्ली भाजपा हमेशा से कहती आ रही है कि दिल्ली सरकार दिल्ली के लोगों से कोरोना वायरस से हुई मौत के आंकड़ों को छुपा रही है जो एक बार फिर सही साबित हुई
- अगर दिल्ली सरकार टेस्टिंग के, एक्टिव मामलों के, मृत्यु के आंकड़े छुपाती रही तो कोरोना महामारी के खिलाफ यह लड़ाई कमजोर पड़ जाएगी
- कुल मिलाकर दिल्ली में अब तक 2098 लोगों की कोरोना से मौत हुई है लेकिन दिल्ली सरकार के अनुसार 984 मौत ही हुई है
नई दिल्ली : आज दिल्ली के तीनों नगर निगमों ने कोरोना संक्रमित शवों के दाह संस्कार के आंकड़े जारी किए जिसके अनुसार दक्षिणी दिल्ली में 1080 लोगों की मौत, उत्तरी दिल्ली में 976 लोगों की मौत और पूर्वी दिल्ली में 42 लोगों की मौत हुई। कुल मिलाकर दिल्ली में अब तक 2098 लोगों की कोरोना से मौत हुई है लेकिन दिल्ली सरकार के अनुसार 984 मौत ही हुई है। दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने दिल्ली सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि शुरुआती समय से ही दिल्ली भाजपा कहती आ रही है कि दिल्ली सरकार दिल्ली के लोगों से कोरोना वायरस से हुई मौत के आंकड़ों को छुपा रही है जो एक बार फिर सही साबित हुई है। दिल्ली के लोगों के प्रति केजरीवाल सरकार का यह रवैया बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
गुप्ता ने कहा कि चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था को संभालना अब दिल्ली सरकार के लिए मुश्किल होता जा रहा है। दिल्ली के सरकार अस्पतालों में मरीजों की मृत शरीर गायब हो रहे हैं, मृतकों के परिजनों को दूसरे मरीजों का शव सौंपा जा रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर दिखावे के लिए केजरीवाल सरकार न जाने कितने आदेश पारित कर देती है जो जमीनी हकीकत से कोसों दूर होती है। इससे यह साफ जाहिर है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल के पास न तो कोई नजर है और न ही कोई नजरिया और न ही उनकी सरकार कोरोना वायरस जैसी महामारी से निपटने में सक्षम है।
गुप्ता ने कहा कि हर गुजरते दिन के साथ कोरोना तेजी से बढ़ते मामले चिंताजनक है। प्रतिदिन प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए मुख्यमंत्री केजरीवाल कागजी बातें करके चले जाते हैं लेकिन मृत्यु के आंकड़े पूछे जाने पर मौन हो जाते हैं। आज दिल्ली में डर और भय का माहौल है। आने वाले समय में कोरोना महामारी को हम तभी हरा पाएंगे जब सच्चाई के साथ लड़ेंगे। अगर दिल्ली सरकार टेस्टिंग के, एक्टिव मामलों के मृत्यु के आंकड़े छुपाती रही तो कोरोना महामारी के खिलाफ यह लड़ाई कमजोर पड़ जाएगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री से एक बार फिर मेरा यह अनुरोध है कि दिल्ली के लोगों के सामने पारदर्शिता के साथ सभी आंकड़ों की सच्चाई को सामने रखें।