नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। नरेला भी दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से प्रमुख है। एक बार फिर इस सीट से आम आदमी पार्टी ने मौजूदा विधायक शरद चौहान को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा ने इस सीट से पूर्व विधायक नीलदमन खत्री को अपना उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस की तरफ से वकील सिद्धार्थ कुंडु मैदान में उतरे हैं। बता दें कि कुंडु पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर 8 फरवरी को मतदान किया जाना है। 2015 में आप पार्टी के शरद कुमार इस सीट से विजय रहे थे। उस वक्त नीलदमन खत्री 40,292 मतों से हारे थे। आगे बढ़ने से पहले बता दें कि 11 फरवरी को चुनावी परिणामों की घोषणा की जाएगी।
पुरुष मतदाता- 134149
महिला मतदाता- 106866
वोट %- 66.52
बड़ा इंडस्ट्रियल एरिया है नरेला
नरेला विधानसभा सीट उत्तर पश्चिम दिल्ली जिले में आती है। इसे 1993 में विधानसभा क्षेत्र घोषित किया गया था। उस वक्त भाजपा के इंद्रराज सिंह जीत हासिल कर विधायक चुने गए थे। फिर 1998 में यहां दूसरे विधानसभा चुनाव के वक्त कांग्रेस ने जीत दर्ज की और पार्टी के चरण सिंह कंडेरा विधायक बने। इसके बाद कांग्रेस ने दो बार जीत हासिल की। नरेला को हड़प्पा संस्कृति के भोरगढ़ गांव के समीप बसा हुआ माना जाता है। इस क्षेत्र से निकला ग्रांड ट्रंक रोड लाहौर और काबुल के रास्ते से जुड़ता है। इतना ही नहीं मुगल सम्राट जहांगीर की जीवन जहांगीरनामा में भी नरेला का जिक्र मिलता है। बता दें कि दिल्ली और हरियाणा राज्य की सीमा पर बसा यह क्षेत्र बड़ा इंडस्ट्रियल एरिया भी है।
शरद कुमार का राजनीतिक सफर
शरद कुमार चौहान को शरद कुमार के नाम से भी जाना जाता है, वह दिल्ली की छठी विधान सभा के सदस्य थे (नरेला निर्वाचन क्षेत्र से विधायक) उन्हें राजस्व का संसद सचिव भी चुना गया था। इससे पहले चौहान बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में थे। उन्हें 2007 में दिल्ली नगर निगम (MCD) वार्ड 4, बख्तावरपुर से 6,593 मतों से पार्षद चुना गया था। उनकी पत्नी वर्तमान में वार्ड का प्रतिनिधित्व करने वाली पार्षद हैं। उनकी पत्नी ने महिलाओं के लिए आरक्षित होने के बाद उसने 2012 में 15,975 मतों से सीट जीती थी। शरद कुमार चौहान 2008 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) पार्टी के जसवंत सिंह के खिलाफ बसपा के टिकट पर 800 वोटों के अंतर से हार गए थे।
शरद कुमार चौहान को शरद कुमार के नाम से भी जाना जाता है, वह दिल्ली की छठी विधान सभा के सदस्य थे (नरेला निर्वाचन क्षेत्र से विधायक) उन्हें राजस्व का संसद सचिव भी चुना गया था। चौहान ने 2015 के चुनावों से ठीक पहले बसपा से आम आदमी पार्टी (AAP) का रुख किया। जिसके बाद चौहान ने नरेला निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा। उन्हें 96,143 वोट मिले और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मौजूदा विधायक नील दमन खत्री को 2015 के दिल्ली विधान सभा चुनावों में 40,292 के अंतर से हराया। AAP ने चुनाव में कुल 70 सीटों में से 67 सीटें हासिल कीं।