बिज़नेस ब्लास्टर्स के फाइनलिस्ट स्टूडेंट्स को दिल्ली सरकार की टॉप यूनिवर्सिटीज में सीधे एडमिशन देगी केजरीवाल सरकार -400 से अधिक स्टूडेंट्स के लिए आयोजित किया ओरिएंटेशन प्रोग्राम – भारत के इतिहास में पहली बार जब राज्य के टॉप 5 विश्वविद्यालयों के उपकुलपति एडमिशन देने के लिए सीधे जुड़े 400 स्टूडेंट्स के साथ, जो चीजे कभी आईआईटी, आईआईएम में नहीं हुई संभव वो दिल्ली सरकार के स्टूडेंट्स ने कर दिखाया – यह अवसर 400 स्टूडेंट्स को देगा अपने व्यवसाय को और ऊंचाइयों तक ले जाने का मौका, इसके लिए सर्वश्रेष्ठ फैकल्टी और एक्सपर्ट्स से मिलेगी गाइडेंस – बिजनेस ब्लास्टर्स के 400 स्टूडेंट्स का यह ग्रुप बनेगा भारत के 39 करोड़ लोगों की बेरोजगार और गरीबी की समस्या का समाधान सिसोदिया
नई दिल्ली, 8 जुलाई 2022: केजरीवाल सरकार का बिज़नेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम सुपरहिट साबित हुआ और इसने पूरे देश में एंत्रप्रेन्योरशिप को चर्चा का विषय बना दिया। इस प्रोग्राम की शुरुआत में केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली सरकर के एनएसयूटी, डीएसईयू, अम्बेडकर यूनिवर्सिटी सहित अन्य शीर्ष विश्वविद्यालयों में बिज़नेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम के फाइनलिस्ट टीमों के सदस्यों को सीधे एडमिशन की बात कही गई थी। इस दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए दिल्ली सरकार के शीर्ष विश्वविद्यालयों ने शुक्रवार को बिज़नेस ब्लास्टर्स के 126 फाइनल टीमों 400 से अधिक स्टूडेंट्स एंत्रप्रेन्योर्स के लिए संयुक्त रूप से एक नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी में एक ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह भारत के इतिहास में पहली बार है कि किसी स्थान पर 400 स्टूडेंट्स बैठे हैं और राज्य के टॉप 5 विश्वविद्यालयों के उपकुलपति सीधे उन स्टूडेंट्स को अपने संस्थानों में एडमिशन देने के लिए बात कर रहे हैं। जो चीजे कभी आईआईटी, आईआईएम, हार्वर्ड या एमआईटी जैसे संस्थाओं में संभव नहीं हो पाई, उसे दिल्ली सरकार के स्कूलों के स्टूडेंट्स ने अपनी मेहनत के दम पर संभव कर दिखाया है। जो पढ़ाई के अपने कन्वेंशनल तरीके से दूर जाते हुए एंत्रप्रेन्योर माइंडसेट डेवेलोप कर अपना खुद का व्यवसाय स्थापित कर चुके हैं।
ज्ञात हो कि बिज़नेस ब्लास्टर्स कार्यक्रम 60 करोड़ रूपये की सीड मनी, 3 लाख बच्चे व 51,000 से अधिक बिज़नेस आइडियाज के साथ विश्व का सबसे बड़ा स्कूल एंत्रप्रेन्योरशिप प्रोग्राम रहा। यहां विभिन्न स्तर पर शार्टलिस्टेड होते-होते 126 टीमों के 774 स्टूडेंट्स फाइनलिस्ट रहें। इन 774 स्टूडेंट्स में से 416 स्टूडेंट्स 12 वीं कक्षा में थे, जो इस साल स्कूल से पास हो जाएंगे। इन स्टूडेंट्स को दिल्ली के कुछ शीर्ष विश्वविद्यालयों में सीधे प्रवेश पाने का विकल्प दिया जा रहा है, जिनमें एनएसयूटी, डीएसईयू, अम्बेडकर यूनिवर्सिटी सहित अन्य शीर्ष विश्वविद्यालय शामिल हैं।
सिसोदिया ने कहा कि स्कूली शिक्षा के बाद अब उच्च शिक्षा के लिए हमारे बिजनेस ब्लास्टर्स की यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि स्टूडेंट्स अब जो भी कदम उठाएंगे उसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हर दौर की अपनी एक जरुरत रही है, ऐसे भी दौर रहे है जब स्कूलों में बच्चों को सैन्य ट्रेनिंग दी गई क्योंकि वो उस दौर की जरुरत थी। लेकिन वर्तमान में भारत के सन्दर्भ में हमें अपने स्कूलों में बच्चों के अंदर एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट विकसित कर रहे है क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था को अव्वल बनाने और बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए ये इस दौर की जरुरत है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व की कुल गरीब आबादी का 20 प्रतिश हिस्सा भारत में है। हमारे देश के 27 करोड़ लोग प्रतिदिन 35 रूपये से भी कम कमाते है और देश के 12 करोड़ युवा बेरोजगार है। जहाँ ब्राजील जैसे विकासशील देशों की सालाना प्रतिव्यक्ति आय 6 लाख रूपये, अमेरिका की 45 लाख रूपये है वहीं, भारत की प्रतिव्यक्ति आय केवल 1 लाख है। ऐसे में हमारे सभी स्टूडेंट्स को यह ध्यान रखना चाहिए कि भविष्य में वे जो कुछ भी करेंगे उसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। उन्हें देश में बेरोजगारी की बढ़ती दर, घटती प्रति व्यक्ति आय और देश की चरमराती अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखना चाहिए ताकि वे देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने की दिशा में काम कर सकें। उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स को एडमिशन देने वाले विश्वविद्यालयों को भी यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि वे अपने यहां नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले तैयार करें। उन्होंने कहा कि हमारे लिए तरक्की का ये आधार नहीं होना चाहिए कि हमारे स्टूडेंट्स को करोडो का पैकेज मिले बल्कि हमारे लिए तरक्की का ये आधार होना चाहिए कि हमारे स्टूडेंट्स अपनी कम्पनियाँ शुरू कर दूसरे लोगों को करोड़ों की नौकरी देने में सक्षम हो।
सिसोदिया ने कहा कि रोजगार की लाइन में लगे युवा कभी भी किसी देश की शक्ति नहीं बन सकते, ऐसे में 400 स्टूडेंट्स की ये टीम मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि मैं उन्हें भारत के 39 करोड़ लोगों की इस समस्या को दूर करने वाले के रूप में देखता हूं। उन्होंने कहा कि जापान और जर्मनी जैसे देश जिन्होंने युद्ध की भयानक विभीषिका देखी और बर्बाद हो गए अगर आज वो एक विकसित देश बन सकते हैं तो भारत क्यों नहीं। उन्होंने आगे कहा कि हमें ऐसे युवा तैयार करने है जो भारत में गूगल-माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां बनाकर लाखों लोगों को रोजगार दे सके। इसलिए अब उद्यमिता का रास्ता अपनाकर शिक्षा के माध्यम से देश के सभी समस्याओं का समाधान करना होगा।
विश्वविद्यालयों द्वारा स्टूडेंट्स को ऑफर किए जा रहे कोर्सेज में बीबीए इन इनोवेशन एंटरप्रेन्योरशिप एंड वेंचर डेवलपमेंट, बीबीए इन डिजिटल मीडिया और बीए इन डिजाइन, बीसीए, बीएससी डेटा एनालिटिक्स, जैसे लगभग 40 कोर्सेज शामिल है। इनमें से अधिकांश कोर्सेज के लिए पात्रता मानदंड बुनियादी है जिसके लिए कक्षा 12 वीं में लगभग 50 प्रतिशत अंकों की आवश्यकता होती है। कुछ टेक्निकल कोर्सेज के लिए स्पेसिफिक एलिजिबिलिटी है, जैसे डीपीएसआरयू में बीबीए हेल्थकेयर के लिए 11-12वीं में साइंस स्ट्रीम की होना आवश्यक है। उल्लेखनीय है कि ओरिएंटेशन प्रोग्राम में दिल्ली विधानसभा के एजुकेशन स्टैंडिंग समिति की चेयरपर्सन व कालकाजी की विधायक आतिशी, प्रधान शिक्षा सलाहकार शैलेन्द्र शर्मा, एनएसयूटी के उपकुलपति प्रो.जे.पी.सैनी, डीएसईयू की उपकुलपति प्रो. निहारिका वोहरा व आईजीडीटीडब्ल्यू की उपकुलपति डॉ. अमिता देव सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहें।
- कैसे शुरू हुआ बिज़नेस ब्लास्टर्स कार्यक्रम
केजरीवाल सरकार का बिजनेस ब्लास्टर प्रोग्राम दिल्ली सरकार के स्कूलों में लागू किए गए एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम का एक व्यवहारिक घटक है। इस कार्यक्रम के पायलट के तहत छात्रों को शुरू में अपना व्यवसाय स्थापित करने के लिए 1000 रुपये की सीड मनी दी गई थी। पायलट की सफलता के बाद इसे दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में 11वीं और 12वीं कक्षा के लिए विस्तार किया गया और 11वीं-12वीं में पढ़ने वाले प्रत्येक छात्र स्टूडेंट्स को भी 2000 रुपये की सीड मनी दी गई। बिज़नेस ब्लास्टर्स के पहले साल में, 3 लाख से अधिक स्टूडेंट्स से 50,000 से अधिक बिज़नेस आइडियाज मिले। लेकिन इसमें से केवल 126 सर्वश्रेष्ठ बिज़नेस आइडियाज ही 5 मार्च, 2022 को आयोजित बिज़नेस ब्लास्टर्स एक्सपो एंड समिट में अंतिम जगह बना सके, जहाँ स्टूडेंट्स ने देश भर के निवेशकों को अपने बिज़नेस आइडियाज से अवगत करवाया और उसके लिए करोड़ों के ‘लैटर ऑफ़ इंटेंट’ प्राप्त किए।
वर्तमान में क्या है स्थिति
वर्तमान में बिजनेस ब्लास्टर्स का दूसरा साल शुरू हो चुका है, साथ ही पिछले साल के अधिकांश छात्र अपने व्यवसाय को जारी रखने की योजना बना रहे हैं। फाइनल में से 60 टीमों को चुना गया है जिन्हें दिल्ली स्किल एंड एंत्रप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी में शुरू किए गए नए इनक्यूबेशन सेल के तहत इनक्यूबेट किया गया है। साथ ही फाइनलिस्ट 126 टीमों के स्टूडेंट्स जो 12वीं कक्षा में थे, उन्हें केजरीवाल सरकार द्वारा राज्य के विश्वविद्यालयों में सीधे प्रवेश की पेशकश की गई है। साथ ही इस साल से दिल्ली के काई प्राइवेट स्कूलों में भी बिज़नेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम की शुरुआत की गई है। दिल्ली सरकार की किन यूनिवर्सिटीज में बिज़नेस ब्लास्टर्स के फाइनलिस्ट को मिलेगा सीधा दाखिला- नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी – दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी – इंदिरा गाँधी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी फॉर वीमेन – दिल्ली स्किल एंड एंत्रप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी – अम्बेडकर यूनिवर्सिटी – दिल्ली फार्मास्यूटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी – इंद्रप्रस्थ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, दिल्ली