- – हर दिल्लीवासी को वर्ल्ड-क्लास क्वालिटी हेल्थ सर्विसेज प्रदान करना रही केजरीवाल सरकार की प्राथमिकता, यही कारण कि पिछले 7 सालों में सरकारी अस्पतालों के प्रति बढ़ा लोगों का भरोसा – दिल्ली सरकार के अस्पतालों ने पिछले सालों में किया शानदार काम, ऊँचाइयों को छूने के लिए अस्पतालों को अब ट्रेडिशनल फ्रेमवर्क से बाहर निकल आउट-ऑफ़-द-बॉक्स सोचने की जरुरत -दिल्ली के सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाना केजरीवाल सरकार की प्राथमिकता, अस्पतालों में सुविधाएं विकसित करने के लिए कभी नहीं होने दी पैसों की कमी, अस्पतालों के हर इनोवेटिव आइडियाज हमेशा स्वीकार किया – सिसोदिया
नई दिल्ली : 25 जुलाई, 2022 : दिल्ली के लोगों को वर्ल्ड क्लास क्वालिटी हेल्थ फैसिलिटीज उपलब्ध करवाना हमेशा से केजरीवाल सरकार की प्राथमिकता रही है| दिल्ली सरकार के अस्पताल लगातार गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को सुनिश्चित करते हुए मरीजों को बेहतरीन स्वास्थ्य व चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करवाती है| इस दिशा में सोमवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सचिवालय के ऑडिटोरियम आयोजित एक कार्यक्रम में शानदार काम करने वाले अस्पतालों को “कायाकल्प स्टेट अवार्ड” से सम्मानित किया। कार्यक्रम में 24 अस्पतालों और 82 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) को मानक प्रोटोकॉल का पालन करने और मरीजों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान के लिए सम्मानित किया गया।
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अवार्डी अस्पतालों को बधाई देते हुए कहा कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों के डॉक्टर्स और अन्य स्टाफ का अपने अस्पताल की बेहतरी के प्रति प्रतिबद्धता के कारण आज हमारे अस्पतालों में देश भर के लोग इलाज करने आते है क्योंकि उनका दिल्ली के हेल्थ-केयर सिस्टम के प्रति भरोसा बढ़ा है| उन्होंने आगे कहा कि 2015 में अरविंद केजरीवाल जी के सरकार में आते ही स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाना हमारी प्राथमिकता बन गई और तब से हमने अपने अस्पतालों के लिए कभी पैसों की कमी नहीं होने दी| अस्पतालों ने भी सरकार को जो इनोवेटिव आइडियाज दिए उसे हमने हमेशा स्वीकार किया| यही कारण है कि आज दिल्ली सरकार के अस्पतालों में लोगों को शानदार स्वास्थ्य सुविधाएं , शानदार ट्रीटमेंट मिल रही है|
सिसोदिया ने कहा कि हमारे अस्पतालों ने पिछले सालों में शानदार काम किया है लेकिन हमें यही नहीं रुक जाना है| हमारे अस्पतालों को नई ऊँचाइयों तक पहुँचने के लिए आउट-ऑफ़-द-बॉक्स सोचने की जरुरत है| जिसके लिए सबसे जरुरी है नजरिया बदलने की| हमारे हॉस्पिटल लीडर्स व स्टाफ को अपना नजरिए को बदलना होगा| उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल को ट्रेडिशनल तरीके से स्वीकृति देने के भाव को बदलने की जरूरत है और किसी भी चीज के लिए तबतक अपने मन में स्वीकृति नहीं दे जबतक वो शानदार न हो जाए चाहे वो अस्पताल के रखरखाव को लेकर हो या फिर उसकी साफ़-सफाई को लेकर|
उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार के 13 और अस्पतालों ने कायाकल्प अवार्ड के लिए में 70% से अधिक स्कोर किया और उन्हें कमेंडेशन अवार्ड से सम्मानित किया गया साथ ही 6 सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों ने भी 70% से अधिक स्कोर किया है। कमेंडेशन अवार्ड पाने वाले अस्पतालों को 3-3 लाख रूपये की पुरस्कार राशि दी जाएगी|
- – क्या है कायाकल्प अवार्ड : इस पहल का उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन और संक्रमण को रोकने के तरीकों में सुधार और बढ़ावा देने के साथ अनुकरणीय प्रदर्शन सुविधाओं को प्रोत्साहित करना है। इस योजना का उद्देश्य देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं (पीएचएफ) को स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण प्रथाओं के लिए अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने के लिए प्रोत्साहित करना और प्रोत्साहित करना है।
कायाकल्प योजना के अंतर्गत अस्पतालों व स्वास्थ्य केन्द्रों के मूल्यांकन के लिए सरकार की ओर से एक निर्धारित चेकलिस्ट होती है। उसमें बिंदुवार अंक निर्धारित होते हैं। पूरी चेकलिस्ट को आठ भागों में बांटा गया है। जिसमें स्वास्थ्य केंद्र/अस्पताल का रखरखाव, स्वच्छता एवं साफ-सफाई, बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, संक्रमण नियंत्रण, स्वच्छता को बढ़ावा देना, सहयोगी सेवाएं, चारदीवारी के चारों तरफ का क्षेत्र एवं पर्यावरण अनुकूल वातावरण में बांटा गया है। इन बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए ही अवार्ड के लिए स्कोर का निर्धारण किया जाता है|
- – कायाकल्प अवार्ड का उद्देश्य : -> सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में स्वच्छता, सेनिटेशन और संक्रमण नियंत्रण प्रथाओं को बढ़ावा देना। -> स्वच्छता, संक्रमण नियंत्रण और सेनिटेशन के मानक प्रोटोकॉल का पालन करने में अनुकरणीय प्रदर्शन दिखाने वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं को प्रोत्साहित और मान्यता देना, -> सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में स्वच्छता में सुधार से संबंधित प्रथाओं को स्थायी बनाना जो सकारात्मक स्वास्थ्य परिणामों की ओर ले जाए।
- – चयन प्रक्रिया : चयन प्रक्रिया में राज्य चयन समिति अस्पताल के रखरखाव, स्वच्छता, सपोर्ट सर्विसेज, अपशिष्ट प्रबंधन, संक्रमण नियंत्रण, स्वच्छता संवर्धन, पर्यावरण के अनुकूल पहल के आधार पर राष्ट्रीय राजधानी में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले सरकारी अस्पतालों का मूल्यांकन करने के लिए तीन स्तरीय मूल्यांकन प्रक्रिया का पालन करती है| साथ ही यहां और “मेरा अस्पताल” पहल के तहत रोगियों से मिले फीडबैक के आधार पर भी अस्पतालों को नंबर दिए जाते है|
- – किन अस्पतालों को मिला कायाकल्प अवार्ड : जिला अस्पताल(100-250 बेड्स) -> आचार्य श्री भिक्षु गवर्मेंट हॉस्पिटल(प्रथम पुरस्कार, ₹ 15 लाख) -> राव तुलाराम मेमोरियल हॉस्पिटल (फर्स्ट रनर अप, ₹ 7.5 लाख) -> महर्षि वाल्मीकि हॉस्पिटल (सेकंड रनर-अप, ₹ 7.5 लाख) -जिला अस्पताल(250-500 बेड्स) : ->संजय गाँधी मेमोरिल हॉस्पिटल (प्रथम पुरस्कार, ₹ 20 लाख) जिला अस्पताल (500 बेड्स से ज्यादा की क्षमता) ->डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर हॉस्पिटल(प्रथम पुरस्कार, ₹ 25 लाख) – उप-जिला अस्पताल : -> सरदार बल्लभभाई पटेल हॉस्पिटल (प्रथम पुरस्कार, ₹ 10 lakhs)