Saturday, December 21, 2024
Homeअंतराष्ट्रीयडीटीसी की 1000 बसों खरीद में हुए भ्रष्टाचार और आबकारी नीति लागू...

डीटीसी की 1000 बसों खरीद में हुए भ्रष्टाचार और आबकारी नीति लागू करने में भ्रष्टाचार को दबाने के लिए BJP और AAP एजेंसियों का कर रही है दुरुपयोग : आदर्श शास्त्री

  • – प्रदेश अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने सबूतो के साथ दिल्ली पुलिस आयुक्त के समक्ष पेश किया था
  • – डीटीसी घोटाले में शिकायत के बाद 11 जुलाई को तत्कालीन उपराज्यपाल ने जांच के तीन सदस्यीय समिति बनाई
  • – जांच समिति का मुख्य ट्रांसपोर्ट सचिव आशीष कुन्द्रा को बनाकर आरोपी को ही अपनी जांच करने की जिम्मेदारी दे दी गई

नई दिल्ली, 13 सितम्बर, 2022 : दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक आदर्श शास्त्री ने प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि नई आबकारी नीति में हुए भ्रष्टाचार के दोषी मनीष सिसोदिया को बचाने के लिए भाजपा और आम आदमी पार्टी एजेंसियां का दुरुपयोग करके ध्यान भटकाने का काम कर रही हैं, क्योकि शराब घोटाले को प्रदेश अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने सबूतो के साथ दिल्ली पुलिस आयुक्त के समक्ष पेश किया था। भाजपा द्वारा सोम ग्रुप से 2 करोड़ रुपये चंदे के रुप में लिए है जिससे साफ हो जाता है कि शराब घोटाले में भाजपा बराबर की भागीदार है। संवाददाता सम्मेलन में कम्युनिकेशन विभाग के वाईस चेयरमैन परवेज आलम भी मौजूद थे।

संवाददाताओं को संबोधित करते हुए आदर्श शास्त्री ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस द्वारा दिल्ली सरकार द्वारा 1000 बसों की खरीद और मेनटेनैंस के लगभग 4200 करोड़ के घोटाले को उजागर करके सीबीआई और गृहमंत्रालय को जांच की मांग के साथ शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके गृहमंत्रालय सीबीआई को जांच के आदेश दे दिए थे। उन्होंने पूछा कि डीटीसी घोटाले के 1 वर्ष बाद तक भी सीबीआई ने पी.ई. की जांच क्यों नही की और एफआईआर दर्ज क्यू नही की गई। उन्होंने कहा कि जब एक जांच चल रही है तो दोबारा मामले को कमजोर करने के लिए मुख्य सचिव की रिपोर्ट पर सीबीआई जांच की अनुशंसा क्यों हुई। कहीं पहले चल रही जांच को बंद कर कमजोर केस दर्ज करने की साजिश तो नही, सीबीआई को सबूत क्यों नही भेजे जा रहे?

आदर्श शास्त्री ने कहा कि 1000 लो फ्लोर बसों की खरीद में हुए भ्रष्टाचार पर भाजपा ने केजरीवाल सरकार को क्लीन चिट दिलाने का काम किया है। 12 मार्च, 2021 को विपक्ष के नेता द्वारा डीटीसी घोटाले में शिकायत के बाद 11 जुलाई को तत्कालीन उपराज्यपाल ने जांच के तीन सदस्यीय समिति बनाई। जांच समिति का मुख्य ट्रांसपोर्ट सचिव आशीष कुन्द्रा को बनाकर आरोपी को ही अपनी जांच करने की जिम्मेदारी दे दी गई। जिसका परिणाम सिर्फ पांच बिंदुओं पर जांच का दायरा सीमित करके मामले को क्लीन चिट दे दी गई। उन्होंने कहा कि जांच अधूरी की गई क्योंकि बस खरीद के साथ 3 साल मैंटेन्ंस कम्पनी ने देना था तब सरकार ने 3412.78 करोड़ रुपये ए.एम.सी. का कान्ट्रेक्ट क्यों दिया?

आदर्श शास्त्री ने कहा कि बस खरीद के लिए जब एल-1 टाटा मोटर्स का टेंडर दिया था तब उसकी जगह जे.बी.एम. को एल-2 का टेंडर नेगोशेशन और टर्म कंडीशन पर क्यों दिया गया? उन्होंने आम आदमी पार्टी प्रवक्ताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे कह रहे है कि टेंडर हुआ ही नही तो घोटाला कैसा। उन्होंने कहा कि आप प्रवक्ता वही बात कर रहे हैं कि ताला टूटा मौहल्ले को पता चला, पुलिस को खबर जाने के बाद अगर चोर भाग गए तो चोरी हुई ही नही। उन्होंने कहा कि डीटीसी घोटाला सबके सामने है, आम आदमी पार्टी और भाजपा उपराज्यपाल के जरिए दिल्ली के खजाने को लूटने रहे है।

शास्त्री ने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी आबकारी नीति लागू करने में हुए घोटाले और डीटीसी के भ्रष्टाचार के कांग्रेस के आरोपों से ध्यान भटकाने के लिए एक दूसरे के साथ खो-खो खेल रही है। केजरीवाल शराब घोटाला उजागर होने के बाद मनीष सिसोदिया को गिरफ्तारी से बचाने के लिए शराब नीति वापस लेकर पुरानी नीति लागू कर देते है और बस घोटाले में बस खरीद रोक दी गई ताकि सीबीआई एफआईआर दर्ज न करें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि जब भ्रष्टाचार हुआ है तो जांच पूरी होनी चाहिए और आबकारी नीति और डीटीसी घोटाले के दोषियों को सजा भी मिलनी चाहिए।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments