- यह अत्यंत दुखद है की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने झूठ की कड़ी को आगे बढ़ा रहे हैं
- लोगों को लग रहा है कि कहीं ऐसा तो नहीं दिल्ली सरकार संक्रमित मरीजों की संख्या भी कम बता रही है
- मौतों के आंकड़े में इतने अंतर से दिल्ली में भय व्याप्त है कि आखिर जनता से दिल्ली सरकार आंकड़े क्यों छुपा रही है
- रविवार को सही मौत के आंकड़े बताने की जगह एक केजरीवाल ने और झूठ बोल कर सच्चाई पर पर्दा डालने की कोशिश की
नई दिल्ली: दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दिल्ली सरकार द्वारा विपक्ष पर लगाए गए बेबुनियाद आरोपों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कहा है कि यह अत्यंत दुखद है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने झूठ की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए रविवार को मौत के उचित आंकड़े बताने की जगह एक और झूठ बोल कर सच्चाई पर पर्दा डालने की कोशिश की है। उन्होंने झूठ की सारी पराकाष्ठा पार करते हुए यह साबित कर दिया है कि वह अपनी ओछी राजनीति से कभी ऊपर नहीं उठ सकते हैं।
अध्यक्ष तिवारी ने कहा कि केजरीवाल ने विपक्ष पर बेबुनियाद आरोप लगाया कि विपक्ष कोरोना वॉरियर्स के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। जहां दिल्ली के सभी नागरिक एवं भाजपा नेता आज कोरोना वायरस के कारण हो रही मौतों के आंकड़े पर उतपन्न विवाद से भौचक्के हैं वहीं विपक्ष के नाते दिल्ली भाजपा इस समर्थन में है कि कोरोना वॉरियर्स को अच्छे से अच्छे इंतजाम मिले, पांच सितारा होटल स्टे मिले एवं 1 करोड़ मुआवजा मिले। दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली के लोगों के हित में लिए फैसलों का दिल्ली भाजपा समर्थन करती आई है। आज फिर लाइव टीवी पर संविधान की शपथ लिए मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर विरोध का झूठा आरोप लगा कर जनता को गुमराह करने की ओछी राजनीति की। केजरीवाल द्वारा इस तरह के संवेदनहीन बयान को सुनकर मन को काफी आहत पहुंचा है।
अध्यक्ष तिवारी ने मुख्यमंत्री को चुनौती दी है की वह अपने बेबुनियाद आरोपों पर दिल्ली के लोगों से माफी मांगे। श्री तिवारी ने कहा है की आज दिल्ली की जनता मुख्यमंत्री से दिल्ली में कोरोना वायरस से हुई मौतों के आंकड़े पर उत्पन्न विवाद का जवाब चाहती है। आज समाचार पत्र दिल्ली में 314 कोरोना वायरस से हुई मौतों के सबूत रख रहे हैं और मुख्यमंत्री लगभग 80 मौत की बात कह रहे हैं। मौतों के आंकड़े में इतने अंतर से दिल्ली में भय व्याप्त है कि आखिर क्यों सरकार आंकड़े छुपा रही है, लोगों को लग रहा है कि कहीं ऐसा तो नहीं दिल्ली सरकार संक्रमित मरीजों की संख्या भी कम बता रही है। दिल्ली सरकार के आंकड़े पर उत्पन्न संदेह से कोरोना वायरस से लड़ रहे पूरे सरकारी तंत्र की विश्वसनीयता प्रभावित हो रही है।