- दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर आरोप लगाया
- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने अपनी पब्लिसिटी के लिए विज्ञापनों पर करदाताओं के 2500-3000 करोड़ खर्च कर दिए
- अब अपने कर्मचारियों के वेतन हेतू केन्द्र सरकार से 5000 करोड़ रुपये की भीख मांग रहे है
- जब दिल्ली में सब कुछ खोल दिया गया है, फिर दिल्ली के बॉर्डर सील करने की क्या जरुरत थी
- लोगों को बॉर्डर के इधर-उधर काम धंधे पर जाने के लिए रोक लगाने से बार्डर पर सिर्फ अराजकता ही पैदा होगी
नई दिल्ली : दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने अपनी पब्लिसिटी के लिए विज्ञापनों पर करदाताओं के 2500-3000 करोड़ खर्च कर दिए और अब अपने कर्मचारियों के वेतन हेतू केन्द्र सरकार से 5000 करोड़ रुपये की भीख मांग रहे है। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि यदि सरकारी खजाने के सही वितिय प्रबंधन के साथ इस बेबुनियादी खर्चे पर अंकुश लगाया होता तो कोविड-19 लॉकडाउन महामारी संकट के समय में सरकार के राजस्व संग्रह में मदद मिलती।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल द्वारा लॉकडाउन नियमों में ढील देने का परिणाम यह हुआ कि दिन प्रतिदिन कोरोना मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में घोषणा की कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जब-जब दिशा निर्देश दिए गए दिल्ली राज्य ने उसका ही अनुपालन किया, जिसमें बाजारों का खोलना, दुकानों के लिए ऑड-ईवन मापदंड को खत्म करना, सार्वजनिक परिवहन जैसे ऑटो-टैक्सी में सवारी बैठाने में पूरी छूट देना आदि में लॉकडाउन के नियमों का पालन नही किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि मानो दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल अपने विवेक से फैंसले न लेकर सब कुछ केन्द्र सरकार के इशारे पर कर रहे है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली के बॉर्डरों को बिना सोचे समझे सील कर दिया जबकि कई लोग दिल्ली में दूसरे राज्यों से काम करने के लिए आते है और जाते है, इससे बार्डर पर अराजकता की स्थिति पैदा उत्पन्न हो गई है, और अब केजरीवाल इस बारे में लोगों से सुझाव मांग रहे है, जबकि उन्होंने न कभी अपने विधायकों, विपक्षी पार्टियों या किसी अन्य से चर्चा करने की जरुरत समझी। उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि जब सब कुछ खोल दिया गया है तो दिल्ली के बार्डर सील करने का क्या औचित्य है?
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल पूरी तरह भ्रमित है, उन्हें यह मालूम नही कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को कैसे रोकना है। उन्होंने कहा कि जब शराब की दुकानें खोली गई तो केजरीवाल ने किसी से सुझाव नही लिए और जब शराब की प्रति बोतल पर कोरोना टैक्स लगाया था, उस समय भी केजरीवाल ने लोगों से सुझाव नही मांगे थे। अब जब स्थिति दिल्ली सरकार के हाथ से निकल चुकी है तो केजरीवाल लोगों से सुझाव मांग रहे है, ताकि केजरीवाल अपनी सरकार की प्रशासनिक विफलताओं का ठीकरा लोगों के सर पर फोड सकें। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि इन्हीं विफलताओं को देखते हुए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी सोशल मीडिया विभाग ने आज #FailKejriwalSarkar नाम से अभियान चलाया, जो लगभग 5 घंटे तक ट्वीटर पर ट्रेंड किया। इस अभियान में दिल्ली के लोगों ने केजरीवाल सरकार की विफलताओं पर चर्चा की, जिसमें लगभग 20 हजार लोगों ने अपने मतों को ट्वीट किया।