- दिल्ली के मुख्यमंत्री बेहिचक बोलते हैं कोरोना के मौत के आंकड़ों पर झूठ
- मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा है और दिल्ली के स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खुल चुकी है
- दिल्ली के लोगों को होम आइसोलेशन में रहने के निर्देश दिए हैं
- दिल्ली को सुरक्षित रखने का केजरीवाल का वादा उनके प्रेस कॉन्फ्रेंस तक ही सीमित रह गया है
नई दिल्ली : दिल्ली में प्रतिदिन कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली भाजपा मीडिया प्रभारी व प्रवक्ता अशोक गोयल देवराहा ने कहा कि प्रारंभ से ही मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली के स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर लोगों को गुमराह करने के लिए झूठ का पुलिंदा तैयार किया जिसका परिणाम है कि एक दिन में सर्वाधिक 1106 मामले सामने आए हैं और शुक्रवार को दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले 16 हजार से ज्यादा हो चुके हैं। कोरोना को लेकर जिस रफ्तार से दिल्ली के मुख्यमंत्री दावे कर रहे हैं, उसी रफ्तार से दिल्ली में कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है।
गोयल ने कहा कि प्रतिदिन प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए दिल्ली के मुख्यमंत्री बेहिचक कोरोना के कारण हुई मौत के आंकड़ों पर झूठ, कोरोना एक्टिव मामलों के आंकड़ो पर झूठ बोलते रहे। केजरीवाल जी ने अस्पताल में बेड के आंकड़ों पर भी झूठ बोला। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के लोगों को भरोसा दिलाया कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सभी स्वास्थ्य संबंधी तैयारियां की जा चुकी है और दिल्ली सरकार के पास 30,000 बेड के इंतजाम हैं। आज जब दिल्ली में मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा है और दिल्ली के स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खुल चुकी है, दिल्ली के पास बढ़ते मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड उपलब्ध नहीं है तो दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं को पुख्ता करने के बजाए दिल्ली के लोगों को होम आइसोलेशन में रहने के निर्देश दिए हैं।
गोयल ने कहा कि कोरोना टेस्टिंग को लेकर भी दिल्ली सरकार ने बड़े-बड़े दावे किए थे कि बड़े पैमाने पर 1 लाख रेंडम टेस्टिंग की जाएगी लेकिन यह दावा भी बाकी दावों की तरह खोखला निकला। अब मुख्यमंत्री केजरीवाल टेस्टिंग के आंकड़ों को भी लेकर झूठ बोल रहे हैं। दिल्ली को सुरक्षित रखने का केजरीवाल का वादा उनके प्रेस कॉन्फ्रेंस तक ही सीमित रह गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से पर्याप्त राशन मुहैया करवाने के बाद भी कोरोना संकट के समय में केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के गरीब और जरूरतमंद लोगों को भोजन और राशन से वंचित रखा। राशन वितरण में हो रही गड़बड़ियों को लेकर कई बार दिल्ली सरकार को अवगत भी कराया गया लेकिन केजरीवाल जी ने इसे लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। दिल्ली सरकार ने यह दावा किया था कि दिल्ली के 38 लाख बिना राशन कार्ड वाले लोगों को भी ई-कूपन के जरिए मुफ्त में राशन देंगे लेकिन जमीनी सच्चाई तो यह है कि जरूरतमंद लोगों तक राशन पहुंच ही नहीं रहा है। राशन वितरण को लेकर हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी और को 21 मई तक राशन लोगों तक पहुंचाने का आदेश भी दिया लेकिन 8 दिन बीत जाने के बाद भी लोगों को राशन नहीं मिल रहा है।
गोयल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने तो खाना खिलाने के आंकड़ों पर भी झूठ बोला। उन्होंने ये भी दावा किया कि दिल्ली सरकार 10 लाख लोगों को खाना खिला रही है लेकिन इस बात को साबित करने के लिए आज तक दिल्ली सरकार 10 लाख लोगों के लिए खाना बना रही किचन की लिस्ट उपलब्ध कराने में नाकाम रही। दिल्ली सरकार ने तो जैसे झूठ बोलने में महारत हासिल कर लिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सिर्फ और सिर्फ मुद्दों को लेकर पब्लिसिटी करते हैं। अखबरों में किसी योजना पर जितने पैसे खर्च कर विज्ञापन दिया जाता है, उसके मुकाबले योजना पर खर्च नहीं किया जाता है।