डीटीसी में 4288 करोड़ के भ्रष्टाचार को हमने पहले ही उजागर किया था
नई दिल्ली, 30 जून 2022: दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के सरंक्षण में रिश्वत लेने का षडयंत्र चल रहा है। रिश्वत कांड के बाद गिरफ्तार अधिकारियों के दिल्ली, गुरुग्राम और सोनीपत सहित अन्य ठिकानों पर आरोपियों के परिसरों की तलाशी की जा रही है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने गुरुवार को केजरीवाल सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर यह बाते कहीं। उन्होंने कहा कि जिसकी सीबीआई जांच कर रही है। डीटीसी में सलाहकार के पद दो उम्मीदवारों की नियुक्ति के लिए डीटीसी के उप मुख्य महाप्रबंधक सहित पांच अन्य कर्मचारियों को सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किया जाने के बाद केजरीवाल सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार एक बार फिर उजागर हो गया है।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि सीबीआई जांच के दौरान उप मुख्य महाप्रबंधक और क्षेत्रीय प्रबंधक (उत्तर), डीटीसी में सलाहकार के रूप में दो उम्मीदवारों की नियुक्ति के एवज में 91 हज़ार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़े गए थे। उन्होंने कहा कि 21 जून को मुख्यमंत्री कार्यालय में कार्यरत उपसचिव, दो एसडीएम और एक सब रजिस्ट्रार को दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव द्वारा उपराज्यपाल के आदेश पर निलंबित करना पड़ा, जबकि केजरीवाल स्वयं जेल में बंद मंत्री सत्येन्द्र जैन को बचाने में लामबंद है और अपने भ्रष्टाचारी नेता और अधिकारियों को देशभक्त बताते है।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि भ्रष्टाचार नियंत्रण पर उपराज्यपाल द्वारा कार्यवाही करने से साफ हो गया कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की नाक के नीचे भ्रष्टाचार फलफूल रहा है। अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल मंत्रिमंडल के 80 प्रतिशत मंत्रियों तथा 38 विधायकों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में आरोप साबित हो चुके है।
चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल द्वारा पारदर्शी प्रशासन और ईमानदारी का ढ़िढोंरा पीटने के बावजूद दिन प्रतिदिन दिल्ली सरकार में भ्रष्टाचार के मामले उजागर सामने आ रहे है। डीटीसी के उप मुख्य महाप्रबंधक गिरफ्तारी के बाद तलाशी में लगभग 40 लाख रुपये की नकदी बरामद की गई। रिश्वत मामले में डीटीसी पूर्व निजी सहायक सुनील, डिपो प्रबंधक, सेक्टर-तीन, रोहिणी, कीर्ति बाला मलिक, सेवानिवृत्त डीटीसी अधिकारी महेंद्र, सेवानिवृत्त सहायक यातायात निरीक्षक सफुज्जमा और डीटीसी अधिकारी जीतू को भी गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि यह अधिकारी अनुचित लाभ के एवज में डीटीसी में सलाहकार के पद पर एक सेवानिवृत्त सहायक यातायात निरीक्षक (एटीआई) की नियुक्ति में आरोपी अवैध गतिविधियों में संलिप्त थे।