Saturday, September 7, 2024
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दिल्ली सरकार की विफलताओं पर दिल्ली भाजपा नेताओं ने जमकर किया विरोध प्रदर्शन

  • अपनी विफलताओं को छुपाने का प्रयार कर रही है दिल्ली सरकार
  • भाजपा नेताओं ने दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में धरना किया और जिलाधिकारियों को ज्ञापन सौंपा
  • कोविड-19 की टेस्टिंग भी 6 दिन के बाद की जा रही है
  • दिल्ली के मुख्यमंत्री ने पिछले 2 महीने में विज्ञापन पर 150 करोड़ रुपए खर्च किया,
  • अगर यही रुपए दिल्ली के स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुधारने में खर्च किए गए होते तो आज दिल्ली की स्थिति बेहतर होती
  • दिल्ली सरकार की अकर्मण्यता के कारण विपदा के समय में दिल्ली के लोग खुद को छला हुआ महसूस कर रहे हैं

नई दिल्ली : कोरोना यानि कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न हुए संकट के समय में दिल्ली के लोगों को सुरक्षित रखने में दिल्ली सरकार नाकाम साबित हुई। दिल्ली सरकार की विफलताओं को लेकर सोमवार को दिल्ली भाजपा ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में धरना किया और जिलाधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व दिल्ली प्रभारी श्याम जाजू और राष्ट्रीय मंत्री सरदार आर पी सिंह ने कनॉट प्लेस, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दुष्यंत गौतम ने शाहदरा, दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी व प्रदेश महामंत्री कुलजीत सिंह चहल ने राजघाट, राष्ट्रीय मंत्री महेश गिरी ने लक्ष्मी नगर, सांसद रमेश बिधूड़ी दिल्ली जल बोर्ड ऑफिस ग्रेटर कैलाश, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने मीठापुर चैक बदरपुर, विधायक व पूर्व दिल्ली भाजपा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने रोहिणी के साईं बाबा चैक, प्रदेश महामंत्री राजेश भाटिया ने राजेंद्र नगर में धरना प्रदर्शन किया। इस धरना में प्रदेश पदाधिकारी, भाजपा विधायक, विधायक प्रत्याशी, जिला व मंडल के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया।

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिल्ली प्रभारी श्याम जाजू ने कहा कि दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री को प्रेस कॉन्फ्रेंस और विज्ञापन से फुर्सत नहीं कि वह इस पर ध्यान दें। इस संकट के समय में भी केजरीवाल ने एक बार भी दिल्ली के लोगों के बीच में जाकर यह जानने की कोशिश नहीं की कि वह स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के अभाव में कोविड-19 महामारी से कैसे लड़ रहे हैं। दिल्ली सरकार की अकर्मण्यता के कारण विपदा के समय में दिल्ली के लोग खुद को छला हुआ महसूस कर रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में बेड मिल ही नहीं रहे हैं और कोरोना इलाज के लिए निजी अस्पतालों में बेड 15 लाख तक में मिल रहे हैं लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री बस प्रतिदिन प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए झूठे आश्वासन दे रहे हैं कि दिल्ली के हालात नियंत्रण में है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सिर्फ विज्ञापन पर 150 करोड़ रुपए खर्च किया, अगर यही रुपए दिल्ली के स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुधारने में खर्च किए गए होते तो आज दिल्ली की स्थिति बेहतर होती।

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दुष्यंत गौतम ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने अपने छल, कपट और झूठ की राजनीति को आपदा के समय में भी बरकरार रखा है। लोगों के लिए क्वारंटाइन की व्यवस्था नहीं है, अस्पतालों में शवों को रखने को जगह नहीं है, एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो रही हैं, दिल्ली सरकार सरकार कोरोना की स्थिति को नियंत्रण में लाने में विफल रही है। दिल्ली सरकार बस इस पर काम कर रही है कि वह मौत के आंकड़ों और मरीजों की संख्या को कैसे कम दिखाएं। दिल्ली सरकार केंद्र सरकार द्वारा मुहैया कराए गए राशन को भी गरीब और जरूरतमंद लोगों के बीच बांटने में असक्षम रही। भाजपा के कार्यकर्ता ने अपनी जान जोखिम में डालकर जनता की मदद की है। राशन किट्स देने से लेकर खाना और मास्क बांटने का काम किया है।

प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी कहा कि दिल्ली सरकार अपनी विफलताओं और नाकामियों को छुपाने के लिए ओछी राजनीति करती आई है। कोविड-19 के समय में भी दिल्ली सरकार दिल्ली के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और इलाज से मोहताज रखा है। न लोगों को अस्पतालों में बेड मिल रहे हैं न वेंटिलेटर और निजी अस्पतालों में इलाज के लिए 5-15 लाखों रुपए देने पड़ रहे हैं। कोविड-19 की टेस्टिंग भी 6 दिन के बाद की जा रही है। दिल्ली सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर सेवाएं मुहैया कराने में पूर्ण रूप से विफल रही है। दिल्ली के अस्पतालों में दिल्ली के लोगों को ही स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल रही है और अब मुख्यमंत्री केजरीवाल अन्य राज्य के लोगों के नाम पर अपनी असफलताओं को छुपाना चाहते हैं।

तिवारी ने राशन वितरण प्रणाली को लेकर भी सवाल उठाए और कहा कि प्रत्येक व्यक्ति अपने स्तर पर कोविड-19 महामारी खुद को सुरक्षित रखने के लिए जूझ रहा है और इसी क्रम में केंद्र की ओर दिल्ली को भी पर्याप्त राशन मुहैया कराया गया था ताकि लॉक डाउन से प्रभावित होकर किसी भी जरूरतमंद व गरीब को भूखा न सोना पड़े। लेकिन गैर जिम्मेदार दिल्ली सरकार ने न तो ई कूपन धारकों को राशन दिया और न ही केंद्र की ओर से मिले राशन को दिल्ली के गरीब व जरूरतमंद लोगों तक पहुंचने दिया। दिल्ली सरकार ने प्रवासी व निवासी मजदूरों को भी राशन से वंचित रखकर दिल्ली से पलायन करने पर मजबूर कर दिया।

दिल्ली में पानी की समस्या को लेकर भी तिवारी ने दिल्ली सरकार को घेरते हुए कहा कि दिल्ली में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। फ्री पानी देने का वादा करने वाली केजरीवाल सरकार आज दिल्ली के लोगों को साफ पानी भी नहीं मुहैया करवा पा रही है। लॉक डाउन के दौरान बिजली का उपयोग ना होने के बावजूद दिल्ली के व्यापारी, उद्यमी, दुकानदार को एवरेज बिल व फिक्स्ड चार्ज के नाम पर बिजली कंपनियों द्वारा भारी-भरकम बिल भेजे जा रहे हैं। दिल्ली के लोगों का हितैषी बनने का ढोंग करनेवाली केजरीवाल सरकार विज्ञापनों में खुद का प्रचार करने के लिए करोड़ों खर्च कर देती है लेकिन जब बात दिल्ली के लोगों के हितों में खर्च करने की आती है या कर्मचारियों को वेतन देना होता है तो कहते हैं कि हमारे पास फंड ही नहीं है। 70 घंटे बीत जाने के बाद भी केजरीवाल सरकार ने यह जवाब नहीं दिया है कि पिछले 2 महीने में उन्होंने विज्ञापन पर कितने करोड़ खर्च किए और अस्पतालों में बेड व वेंटिलेटर उपलब्ध कराने के लिए कितने खर्च किए? प्रदेश महामंत्री कुलजीत सिंह चहल ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को कुंभकर्णी निद्रा से जगाने के लिए आज सभी 70 विधानसभाओं में धरना किया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली भाजपा लगातार दिल्ली सरकार की ध्वस्त होती स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर आवाज उठाती रही है और आगे भी उठाती रहेगी।

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