- सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना मरीजों के समुचित उपचार और शवों के साथ गरिमापूर्ण सलूक नहीं होने को लेकर दिल्ली सरकार को लगाई फटकार
- दिल्ली भाजपा ने दिल्ली सरकार से कोरोना की टेस्टिंग बढ़ाने, सही आंकड़े पेश करने, बेड की संख्या बढ़ाने, ऐप को दुरुस्त करने की मांग रखी
- दिल्ली सरकार राजनीति और बयानबाजी में व्यस्त है
- दिल्ली के 78 प्रतिशत कोरोना संक्रमित मरीज होम क्वारंटीन में हैं
- सोशल मीडिया पर दिल्ली सरकार की बदइंतजामी और अंधेर गर्दी के तमाम सुबूत वायरल हो रहे हैं
- कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं लेकिन टेस्टिंग कम की जा रही है
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली में कोरोना वायरस मरीजों के समुचित उपचार और शवों के साथ गरिमापूर्ण सलूक नहीं होने को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि मैं इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करना चाहूंगा कि उन्होंने दिल्ली के लोगों के स्वास्थ्य के साथ हो रहे खिलवाड़ को लेकर स्वतः संज्ञान लिया। एक जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका अदा करते हुए दिल्ली भाजपा ने समय-समय पर दिल्ली सरकार को उनकी खामियां बताई, सुझाव दिए ताकि स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुधारा जा सके। लेकिन केजरीवाल व उनके मंत्री हमारे सुझावों को राजनीतिक रंग देने में लगे हैं। दिल्ली में लगातार मामले बढ़ रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री अपनी पूरी ताकत उनको दबाने में लगा रहे हैं, यदि यही हालात रहे तो आने वाले समय में दिल्ली के लोगों की हालत बद से बदतर हो जायेगी।
गुप्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी माना कि दिल्ली सरकार ने कोरोना टेस्टिंग घटा दी, अस्पतालों में शवों की उचित देखभाल नहीं की जा रही है, शवों को अव्यवस्थित तरीके से रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि शवों को लेकर जो तस्वीर सामने आई है, काफी भयावह और डरावनी है। यह बहुत ही दुखद है कि कई बार मरीजों के परिवारों को भी मौतों के बारे में सूचित नहीं किया जा रहा है। कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिसमें परिवार अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो पाए हैं। श्री गुप्ता ने कहा कि दिल्ली भाजपा ने दिल्ली सरकार से कोरोना की टेस्टिंग बढ़ाने, सही आंकड़े पेश करने, बेड की संख्या बढ़ाने, ऐप को दुरुस्त करने और समय पर सही कदम उठाने की मांग रखी थी, लेकिन दिल्ली सरकार राजनीति और बयानबाजी में व्यस्त है। दिल्ली सरकार ने लापरवाही की सारी सीमाएं पार कर दी है।
गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए सारा दोष प्राइवेट अस्पतालों पर मढ़ रहे हैं जबकि दिल्ली के 78 प्रतिशत कोरोना संक्रमित मरीज होम क्वारंटीन में हैं। सोशल मीडिया पर दिल्ली सरकार की बदइंतजामी और अंधेर गर्दी के तमाम सुबूत वायरल हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार कंटेनमेंट जोन को मैनेज नहीं कर पा रही है। आंकड़ों के अनुसार 28 मई को 7615 टेस्टिंग की गई लेकिन 11 जून को 5360 टेस्टिंग ही की गई। कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं लेकिन टेस्टिंग कम की जा रही है। केजरीवाल और उनके मंत्रियों से जब दिल्ली के हालातों को लेकर सवाल किए जाते हैं तो वह चुप्पी साध लेते हैं।