- दिल्ली में हर वर्ष के ज्वलंत मुद्दे “प्रदूषण“ को लेकर आज दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने तीनों नगर निगम के महापौर के साथ प्रेस वार्ता कर निगमों द्वारा प्रदूषण के रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यों का विवरण दिया
- प्रदूषण की समस्या हर साल होती है और हर साल केजरीवाल सरकार नई घोषणाएं लेकर आती है लेकिन उस पर अमल नहीं किया जाता है इसलिए हालात जस के तस बने हुए हैं
- केजरीवाल सरकार की योजनाओं का कोई भी लाभ दिल्ली के लोगों को नहीं होता है क्योंकि उनकी योजनाएं सिर्फ फोटो खिंचवाने और प्रचार तक ही सीमित है
- क्या अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री सिर्फ प्रचार करने के लिए बने हैं, वह मुख्यमंत्री हैं या प्रचार मंत्री हैं
- दिल्ली सरकार बताए कि दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए आज तक उन्होंने क्या कदम उठाए
- दिल्ली में प्रदूषण में पराली की भूमिका 5 प्रतिशत है और 95 प्रतिशत मुख्य कारण दिल्ली के अंदर ही है और यह दिल्ली सरकार की जिम्मेदारी है कि उन कारकों का पता लगाएं और प्रदूषण बढ़ने से रोकें
- उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने वायु प्रदूषण के रोकथाम के लिए महा अभियान की शुरुआत की है जिसके तहत 6 जोन के 104 वार्डों में यह अभियान चलाया जाएगा जिसके लिए साधन मोदी सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं-जय प्रकाश
- वॉटर स्प्रिंकलर, मैकेनिकल स्वीपर, ऑटोमाउंट लीटर पिकर, सक्शन कम जैटिंग मशीन, एंटी स्मॉग गन, मिनी जैटिंग मशीन के जरिए वायु प्रदूषण को रोकने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा चलाया जा रहा है-निर्मल जैन
- दक्षिणी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में आने वाले पुल के नीचे वर्टिकल गार्डन के माध्यम से हरित क्षेत्र बनाने के लिए कार्य किया जा रहा है-अनामिका मिथिलेश
नई दिल्ली : दिल्ली में हर वर्ष के ज्वलंत मुद्दे “प्रदूषण“ को लेकर आज दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम महापौर जयप्रकाश, पूर्वी दिल्ली नगर निगम महापौर निर्मल जैन एवं दक्षिणी दिल्ली नगर निगम महापौर अनामिका मिथलेश के साथ प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित किया। इस अवसर पर प्रदेश मीडिया प्रमुख नवीन कुमार, मीडिया सह प्रमुख महेश वर्मा एवं प्रवक्ता नीतू डबास भी उपस्थित थे। प्रेस वार्ता में तीनों नगर निगम के महापौर ने प्रदूषण के रोकथाम के लिए नगर निगमों द्वारा किए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी दी।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि हर साल अक्टूबर शुरू होते हैं प्रदूषण की समस्या दिल्लीवासियों के लिए परेशानियों का सबब बन जाता है और हर साल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रदूषण से निपटने के लिए नई-नई घोषणाएं भी लेकर आते हैं, लेकिन सालों से हालात जस की तस हैं। आजकल मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनके मंत्री ग्रीन वॉर रूम में एक नक्शे पर गोला बनाते हैं और फोटो सेशन करवाते हैं और दावा करते हैं कि इससे प्रदूषण की समस्या समाप्त हो जाएगी। केजरीवाल सरकार के एक्शन का कोई भी लाभ दिल्ली लोगों को नहीं होता है क्योंकि उनकी योजनाएं सिर्फ फोटो खिंचवाने तक ही है, उस पर अमल नहीं किया जाता। उन्होंने कहा कि क्रियान्वयन का 90 प्रतिशत का नगर निगम द्वारा किया जा रहा है और निगम का 90 प्रतिशत फंड दिल्ली सरकार के पास है जो वह देना नहीं चाहते हैं। स्प्रिंकलर्स, मैकेनिकल स्वीपिंग, डस्ट सप्रेसेंट, ईपीसी के नियमों का अनुपालन करवाना, कोयला न जलाने या जनरेटर न चलाने की हिदायत, ऐसे तमाम काम नगर निगम कर रही है? उन्होंने तंज कसते हुए सवाल किया कि क्या अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री सिर्फ प्रचार करने के लिए बने हैं, वह मुख्यमंत्री हैं या प्रचार मंत्री हैं? दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए आज तक आपने क्या कदम उठाया है और उसे जमीन पर लागू करवाया है?
गुप्ता ने कहा कि भाजपा सांसद श्री गौतम गंभीर ने स्वयं सड़कों पर उतर कर प्रदूषण के रोकथाम के लिए लाजपत नगर में 20 फीट का स्मॉग टावर लगवाया, गाजीपुर लैंडफिल साइट पर बने कूड़े के पहाड़ की ऊंचाई 40 फीट कम हुई, कूड़े-कचरे को अलग करने के 12 ट्रॉमिल मशीन, कंपोस्ट मशीनें लगवाई। बड़ी संख्या में एयर प्यूरीफायर और स्प्रिंकलर लगाने की दिशा में भी काम चल रहा है। और दिल्ली सरकार के मंत्री सिर्फ और सिर्फ एक ही कमरे में बैठकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं। 2 साल पहले केजरीवाल सरकार में प्रदूषण की रोकथाम में 900 करोड़ रुपए से सिर्फ 5 लाख रुपए ही खर्च किए थे और अभी भी एनजीटी के आदेश के बाद भी केजरीवाल सरकार ने नगर निगम को बकाया 250 करोड़ नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण में पराली की भूमिका 5 प्रतिशत है और 95 प्रतिशत मुख्य कारण दिल्ली के अंदर ही है। यह दिल्ली सरकार की जिम्मेदारी है कि उन कारकों का पता लगाएं और प्रदूषण बढ़ने से रोकें। असल में पराली का मुद्दा जानबूझकर असल मुद्दे से भटकाने के लिए लाया जाता है। हर साल प्रदूषण की रोकथाम के लिए घोषणाएं कर उसका प्रचार करना, लोगों को भ्रमित करना और फिर घोषणाओं को टालना केजरीवाल सरकार की नियत बन गई है। दिल्ली सरकार से मेरा अनुरोध भी है कि आंकड़ों की बाजीगरी न करें और कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए प्रदूषण की समस्या को गंभीरता से लें और प्रचार करना बंद करें और प्रत्यक्ष रूप से प्रदूषण से निपटने के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि जिस तरह कोरोना संकट के समय भाजपा कार्यकर्ताओं ने आगे बढ़कर काम किया था वैसे ही प्रदूषण के रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चलाएंगे।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम महापौर जय प्रकाश ने कहा कि वायु प्रदूषण गंभीर समस्या है जिस से निपटने के लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले 6 वर्षों से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है जो असल में आम आदमी पार्टी नहीं बल्कि आरोप आदमी पार्टी है। काम करने की बजाय पहले केंद्र पर आरोप लगाती रही है और जब उनका कुछ नहीं बिगाड़ पायी तो अब वह नगर निगम पर आरोप लगाती रहती है। उन्होंने बताया कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए इस महा अभियान की शुरुआत की है जिसके तहत 6 जून से 104 वार्डों में यह अभियान चलाया जाएगा। महा अभियान के लिए साधन मोदी सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के तहत उपलब्ध कराए गए हैं। उत्तरी दिल्ली नगर निगम में 18 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनों की मदद से दिन व रात में 613 किलोमीटर सड़क की सफाई की जा रही है, 130 स्प्रिंकलर के माध्यम से पानी का छिड़काव कर धूल को बैठाने का काम हो रहा है। हाई प्रेशर जेट स्प्रे पावर मशीन से पेड़ धोने का काम किया जा रहा है। इस वर्ष सड़कों के किनारे व खुले स्थानों पर 26371 पौधे व 25313 झाड़ी नुमा पौधे लगाए गए। भलस्वा लैंडफिल साइट पर आग लगने की घटना को रोकने के लिए विभिन्न माध्यमों का उपयोंग व एंटी स्मोक गन लगाने का कार्य प्रगति पर है, खुले में कूड़ा जलाने की रोकथाम हेतु निरीक्षण दल का गठन किया गया है। 2000 मीट्रिक टन की क्षमता का निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट संयंत्र कार्य कर रहा है। इसके साथ ही रानीखेड़ा में जून 2021 तक पीपीपी आधार पर 1000 मीट्रिक टन की क्षमता का निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट संयंत्र लगाने की योजना है।
जयप्रकाश ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग ने अभी तक विंटर एक्शन प्लान नहीं दिया है, इसलिए उनके प्रोजेक्ट की सूची बनाकर हमने भेजा है ताकि उनके कंस्ट्रक्शन के काम फिलहाल के लिए रोक कर 2 महीने बाद शुरू किए जाए। बवाना लैंडफिल साइट पर टीम अच्छे से काम कर रही है। उन्होंने बताया कि समीर ऐप के जरिए दिल्ली में प्रमुख प्रदूषणकारी क्षेत्र को सूचीबद्ध कर उस पर काम किया जा रहा है। निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट चिन्हित क्षेत्र अशोक विहार, जहांगीरपुरी, मुंडका, नरेला, रोहिणी सै. 22, सै. 56, बादली नहर, किराणी सुलेमान नगर हैं। सड़कों पर जहां सबसे ज्यादा धूल रहती है, उनमें गलुशन रोड करोल बाग, वार्ड 98 रोहिणी सै. 20-22, नांगलोई से नजफगढ़ रोड़ आनंद पर्वत औधोगिक क्षेत्र व नांगलोई चैक खुले में कुड़ा जलाने वाले क्षेत्र तिमारपुर वार्ड 12, वजीरपुर, आउटर रिंग रोड व मुंडका, ऐसे 20 क्षेत्र हैं जिनसे हमने सहयोग भी मांगा है और चालान भी किया है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के क्षेत्र में हॉट स्पॉट क्षेत्र बवानाध्पूठ खूर्द, नरेला, मुंडका, राहिणी, जहांगीरपुरी और वजीरपुर हैं जिन्हें चिन्हित कर वायु प्रदूषण के रोकथाम के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है।
पूर्वी दिल्ली नगर निगम महापौर निर्मल जैन ने बताया कि 40 वॉटर स्प्रिंकलर डस्ट सप्रेसेंट (मैग्नीशियम क्लोराइड हाइड्रेटिड के जरिए धूल को को दबाने का काम किया जा रहा है, 10 मैकेनिकल स्वीपर सड़कों की सफाई कर रहे हैं, 4 ऑटोमाउंट लीटर पिकर, सक्शन कम जैटिंग मशीन, 5 एंटी स्मॉग गन, 12 मिनी जैटिंग मशीन के जरिए वायु प्रदूषण को रोकने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा चलाया जा रहा है। इन कार्यों में दिल्ली सरकार की ओर से हमें कोई सहयोग नहीं मिल रहा है, और न ही मुख्यमंत्री केजरीवाल ने एक बार भी तीनों नगर निगम के महापौर के साथ इस संदर्भ में बैठक की है।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम महापौर अनामिका मिथलेश ने बताया कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत 15 गांव, 151 शहरीकृत गांव, 388 अधिकृत कॉलोनियां, 32 जेजे क्लस्टर, 111 अनाधिकृत कॉलोनियां, 252 अनाधिकृत रेगुलर कॉलोनियां आती है जहां सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत डोर टू डोर 100 प्रतिशत कूड़ा संग्रह किया जाता है। 7000 हरे व नीले रंग के डस्टबिन में स्थापित किए गए हैं, कूड़ा उठाने के लिए कन्सेशनर्स की व्यवस्था की गई है, 1000 ऑटो टिपर्स, 142 एमटीएस, 67 हुक लोडर्स, 83 स्प्रिंकलर भी काम कर रहे हैं। प्लास्टिक वेस्ट को रिसाईकल करने हेतु 107 एफसीटीएस प्वाइंट बनाए गए हैं। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में आने वाले पुल के नीचे वर्टिकल गार्डन के माध्यम से हरित क्षेत्र बनाने के लिए कार्य किया जा रहा है। कूड़ा जलाने पर प्रतिबंध के अनुपालन के लिए निरंतर निरीक्षण टीम दौरा कर रही है। सभी 104 वार्डों में नाइट पेट्रोलिंग टीम को लगाया गया है। 24 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन के जरिए 700 किलोमीटर सड़क की प्रतिदिन सफाई हो रही है। गीले कूड़े को प्रोसेस कर उससे कंपोस्ट खाद तैयार किया जा रहा है।