- कोरोना महामारी के चलते लॉक डाउन के दौरान तमाम प्रतिष्ठान थे बंद
- बिजली की खपत न होने पर भी एवरेज बिल और फिक्स्ड चार्ज के नाम पर भारी भरकम बिल भेजे जा रहे हैं
- बिजली बिल से फिक्स्ड चार्ज माफ करने के लिए बिजली कंपनियों को आवश्यक निर्देश प्रदान करें
नई दिल्ली : दिल्ली के लोगों ने कोरोना महामारी के संक्रमण से बचने के लिए लॉकडॉउन का पालन किया और तमाम प्रतिष्ठान, छोटे-छोटे दुकान, शोरूम, छोटे उद्योग, होटल बंद है, ऐसे में वहां बिजली का इस्तेमाल नहीं हुआ है लेकिन अब उन्हें फिक्स्ड चार्ज के साथ बिजली के बिल बढ़ा कर भेजे जा रहे हैं। लॉक डाउन की अवधि में बिजली बिल पर लगे फिक्स्ड चार्ज को माफ करने की मांग करते हुए दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि लॉक डाउन के दौरान तमाम प्रतिष्ठान बंद होने के कारण बिजली की खपत नहीं हुई है, ऐसे में एवरेज बिजली बिल भी कम आना चाहिए था लेकिन बिजली कंपनियों की ओर से लोगों को पहले से भी ज्यादा बढ़ा कर बिल भेजे जा रहे हैं। एवरेज बिल के नाम पर पहले से भी ज्यादा बिल भेजना अनुचित है। यह बिजली बिल इन दिनों इन प्रतिष्ठानों के लिए जी का जंजाल बने हुए हैं।
गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के व्यवसाई, उद्यमी एवं अन्य प्रतिष्ठानों के बिजली बिलों में लगाए जा रहे हैं फिक्स्ड चार्ज से परेशान है और उनका कहना है कि जब कोरोना महामारी के कारण हुए लॉक डाउन में उद्यमों में कोई काम नहीं हो रहा है फिर वह फिक्स्ड चार्ज कैसे भरेंगे। एक तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री फ्री बिजली देने की बात करते हैं तो वहीं दूसरी तरफ वह बिजली कंपनियों द्वारा फिक्स्ड चार्ज के नाम पर उन व्यापारियों को भी भारी भरकम बिल भिजवा रहे हैं। कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न हालातों को देखते हुए बिजली के बिलों में राहत प्रदान की जानी चाहिए। मेरा दिल्ली सरकार से आग्रह है कि बिजली बिलों में लगाए जा रहे फिक्स्ड चार्ज को माफ किया जाए और मीटर रीडिंग के आधार पर ही बिजली बिल लिए जाए। दिल्ली सरकार से मेरी अपील है कि बिजली बिल से फिक्स्ड चार्ज माफ करने हेतु बिजली कंपनियों को आवश्यक निर्देश प्रदान करें।