Wednesday, November 20, 2024
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एनईपी के तहत दिल्ली सरकार वित्त पोषित कॉलेजों के यूजीसी द्वारा अधिग्रहण की मांग की

  • सांसद मनोज तिवारी ने हरसंभव प्रयास का आश्वासन दिया

नई दिल्ली, 24 जुलाई 2022 : नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) के अध्यक्ष प्रो ए के भागी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों की मांगों को लेकर सांसद मनोज तिवारी से मुलाकात की। एनडीटीएफ अध्यक्ष प्रो भागी ने सांसद से मांग की कि दिल्ली सरकार के पूर्ण और आंशिक रूप से वित्त पोषित कॉलेजों में अनियमित वेतन, अपर्याप्त ग्रांट व अन्य सुविधाओं से वंचित कॉलेजों की समस्या का एक ही समाधान है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग इन कॉलेजों का अधिग्रहण कर ले। प्रेस प्रभारी डॉ. बिजेंद्र कुमार ने यह जानकारी देते हुए बताया कि एनडीटीएफ अध्यक्ष ने दिल्ली विश्वविद्यालय में तदर्थ शिक्षकों के समायोजन और आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के आरक्षण लागू होने के फलस्वरूप शिक्षकों और कर्मचारियों के अतिरिक्त पद शीघ्र जारी कराने की मांग की।

सांसद मनोज तिवारी ने प्रतिनिधि मंडल द्वारा रखे गए मुद्दों को ध्यानपूर्वक सुना और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे पर उपराज्यपाल से बात करेंगे। सांसद मनोज तिवारी ने संसद सत्र में भी इन मुद्दों को उठाने का भरोसा दिलाया है। नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट अभी तक शिक्षकों की मांगों को लेकर दो सांसदों से मुलाकात की है। एनडीटीएफ दिल्ली के सभी सांसदों से मिलकर शिक्षकों की समस्याओं को शीघ्र हल करवाने का आग्रह करेगा। एनडीटीएफ के प्रतिनिधि मण्डल में दिल्ली विश्वविद्यालय कार्यकारी सदस्य प्रो वी एस नेगी, एनडीटीएफ उपाध्यक्ष डा प्रदुमन राणा, डॉ सलोनी गुप्ता, डा मनोज केन, डूटा कार्यकारिणी सदस्य डॉ हरिंद्र कुमार सिंह, लुके कुमारी खन्ना, डा जय विनोद, डा संजय वर्मा, डा के एम वत्स और अकादमिक परिषद सदस्य डॉ सुदर्शन कुमार शामिल थे। 

एनडीटीएफ अध्यक्ष प्रो ए के भागी ने सांसद मनोज तिवारी को दिल्ली सरकार के बारह पूर्ण वित्त पोषित कॉलेजों में कई वर्षों से चली आ रही ग्रांट और वेतन अनियमितता की समस्या से अवगत कराते हुए इसे नियमित रूप से जारी कराने का अनुरोध किया। प्रो ए के भागी ने सांसद से मांग की कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा दिल्ली सरकार वित्त पोषित बारह कॉलेजों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अपने अधीन लेने और केंद्र सरकार द्धारा इनके पूर्ण वित्त पोषण से ही यह समस्या हल हो सकती है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कॉलेजों को सम्बद्ध करने का पुन प्रावधान किया गया है। प्रो ए के भागी ने सांसद को अवगत कराया कि बारह कॉलेजों के अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय के बीस कॉलेजों को दिल्ली सरकार पांच प्रतिशत अनुदान देती है। इन बीस कॉलेजों को भी पूर्ण रूप से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से अधिग्रहण कराने की मांग भी की गई। सांसद मनोज तिवारी ने सभी मुद्दों पर शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया।

प्रो ए के भागी ने दिल्ली सरकार के द्वारा पूर्ण रूप से वित्त पोषित बारह कॉलेजों में लैब, शौचालय, जर्जर इमारत सहित पूरी ग्रांट न मिलने से मेडिकल व एरियर्स आदि समय पर न दिए जाने का मुद्दा भी सांसद महोदय के समक्ष रखकर समाधान कराने का आग्रह किया। प्रो भागी ने कॉलेज ऑफ आर्ट्स को दिल्ली विश्वविद्यालय के अधीन लेने की मांग भी की। प्रो ए के भागी ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय में साढ़े चार हज़ार के करीब तदर्थ शिक्षक कार्य कर रहे हैं। नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट इनके समायोजन के लिए अथक प्रयास कर रहा है। सांसद मनोज तिवारी से यूजीसी से आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों का आरक्षण लागू होने के फलस्वरूप बढ़े कार्यभार के लिए शिक्षकों और कर्मचारियों हेतु अतिरिक्त पद जारी कराने और केंद्र सरकार से दिल्ली विश्वविद्यालय में काम करने वाले तदर्थ शिक्षकों का एकबारगी समायोजन करवाने की मांग को रखा गया है।

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