Friday, December 20, 2024
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2047 तक भारत के विकसित राष्ट्र के रूप में उभरने की यात्रा के अग्रदूत होंगे किसान : मुर्मू

  • भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के 62वें दीक्षांत समारोह में 26 विषयों में 543 छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान
  • राष्ट्रपति मुर्मू के मुख्यातिथ्य व केंद्रीय मंत्री श्री मुंडा की अध्यक्षता में हुआ दीक्षांत समारोह
  • 2047 तक भारत के विकसित राष्ट्र के रूप में उभरने की यात्रा के अग्रदूत होंगे किसान 
  • किसान न केवल अन्नदाता बल्कि सही अर्थों में जीवनदाता 

नई दिल्ली, 9 फरवरी 2024,

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के स्नातक विद्यालय का 62वां दीक्षांत समारोह, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के मुख्य आतिथ्य एवं केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा की अध्यक्षता में हुआ। पूसा परिसर स्थित भारत रत्न सी. सुब्रमण्यम हॉल में गरिमामय समारोह में कृषि विज्ञान के 26 विषयों में 5 विदेशी छात्रों सहित 543 छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की गई, साथ ही प्रतिभावान विद्यार्थियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर मुंडा ने आईएआरआई के प्रकाशनों का विमोचन किया एवं नई किस्मों को जारी कर इन्हें राष्ट्रपति को भेंट किया।

अपने दीक्षांत भाषण में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि आईएआरआई ने भारत द्वारा खाद्य सुरक्षा प्राप्त करने में अतुलनीय योगदान दिया है। इस संस्थान ने न केवल कृषि से जुड़े अनुसंधान व विकास कार्यों को दक्षतापूर्वक किया है, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया है कि ऐसी जानकारी प्रयोगशाला के बाहर धरातल पर जाकर मूर्त रूप ले सकें। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि संस्थान ने 200 से ज्यादा नई तकनीकों का विकास किया है। वर्ष 2005 से 2020 के

बीच ही आईएआरआई ने 100 से ज्यादा किस्में विकसित की है और 100 से अधिक पेटेंट्स अपने नाम की हैं। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि ऐसा कहा जाता है कि किसान के हल की नोक से खींची गई रेखा सभ्यता के पूर्व के समाज और विकसित समाज के बीच की रेखा है। किसान न केवल विश्व के अन्नदाता है, बल्कि सही अर्थों में जीवनदाता है। समारोह में डेयर के सचिव व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक भी मौजूद थे। आईएआरआई के निदेशक डॉ. ए.के. सिंह ने स्वागत भाषण दिया। डीन डा. अनुपमा सिंह ने अकादमिक रिपोर्ट प्रस्तुत की।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में एक बहुत बड़ी जनसंख्या कृषि से जीविका अर्जन करती है। कृषि का भारत के सकल घरेलू उत्पाद में भी महत्वपूर्ण योगदान है। एक कृषि प्रधान परिवार से आने के कारण मैं जानती हूं कि किसान खाद्यान्न उपलब्ध कराकर कितनी संतुष्टि का अनुभव करता है। देश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होने में किसानों का बहुत बड़ा योगदान है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने, नई कृषि पद्धतियों को प्रोत्साहित करने व सुचारू सिंचाई प्रणाली प्रदान करने के लिए काम कर रही है। सरकार ने किसानों की आय में वृद्धि के लिए सभी फसलों की एमएसपी में महत्वपूर्ण वृद्धि की है। 

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