Sunday, December 22, 2024
Homeताजा खबरेंलॉक डाउन के दौरान केजरीवाल घर से कितनी बार निकले, जनता को...

लॉक डाउन के दौरान केजरीवाल घर से कितनी बार निकले, जनता को बताए: मनोज तिवारी

  • क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री दिल्ली में एक भी जगह इंस्पेक्शन करने गए, ग्राउंड पर नदारद क्यों रहे-
  • दिल्ली के लोगों ने वोट देकर आपको प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया है बल्कि काम करने के लिए बनाया है
  • दिल्ली सरकार ने बिना योजना के गरीब विरोधी नीति लागू कर दिया है
  • दिल्ली सरकार को मेरा सुझाव है कि बस में 20 लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाते हुए बस सेवा को फ्री किया जाए
  • केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को पर्याप्त राशन मुहैया करवाया, फिर भी प्रवासियों को नहीं दिया
  • प्रवासी मजदूरों को भोजन से वंचित रखा और वो पलायन करने पर विवश हो गए
  • दिल्ली सरकार प्रवासी मजदूरों को रोकने में असफल रही
  • दिल्ली सरकार की ओर से चलाए जा रहे 500 रसोई घर का पता आज तक दिल्ली के मुख्यमंत्री नहीं दे पाए
  • केजरीवाल अस्पतालों को लेकर सभी जानकारी दिल्ली के लोगों के सामने रखें
  • बताएं कि दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए कितने बेड है और पिछले 1 महीने में कितने खाली रह गए हैं

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की ओर से लॉक डाउन 4 पर जारी गाइडलाइन के बाद दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने मंगलवार को कहा कि केजरीवाल दिल्ली के लोगों को जवाब दे कि 54 दिनों के लॉक डाउन के दौरान वह घर से कितनी बार निकले? क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री दिल्ली में एक भी जगह इंस्पेक्शन करने गए, ग्राउंड पर नदारद क्यों रहे? जिन दिल्ली के लोगों ने वोट देकर अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाया, उन्हीं लोगों का हालचाल जानने के लिए केजरीवाल एक बार भी उनके बीच में भी नहीं गए। दिल्ली के लोगों ने वोट देकर आपको प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया है बल्कि काम करने के लिए बनाया है।

कल सोमवार को सांसद रमेश बिधूड़ी ने दिल्ली सरकार से यह मांग की थी कि इस महामारी में गरीबों व जरूरतमंद लोगों को काम काज पर आने जाने के लिए बस यात्रा फ्री होनी चाहिए। तिवारी ने सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा दिल्ली में बस यात्रा फ्री करने की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार रिक्शा या ऑटो में सिर्फ एक सवारी ही सफर कर सकता है लेकिन यह चिंता की बात है कि गरीब उसका किराया कैसे दे पाएगा। दिल्ली सरकार ने बिना योजना के गरीब विरोधी नीति लागू कर दिया है। दिल्ली सरकार को मेरा सुझाव है कि बस में 20 लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाते हुए बस सेवा को फ्री किया जाए क्योंकि वह लोग काम पर ही जा रहे हैं और उन्हीं कामों से दिल्ली सरकार को राजस्व प्राप्त होता है।

तिवारी ने दिल्ली सरकार के राशन वितरण प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री जनता को जवाब दें कि दिल्ली के हर गरीब, जरूरतमंद, मजदूर व्यक्ति तक राशन क्यों नहीं पहुंचा? केंद्र सरकार की ओर से मिले पूरे अनाज को क्यों नहीं बांटा गया? केंद्र सरकार की ओर से पर्याप्त राशन मुहैया करवाने के बाद भी दिल्ली सरकार ने क्यों प्रवासी मजदूरों को भोजन से वंचित रखा जिससे वो पलायन करने पर विवश हो गए? क्यों दिल्ली सरकार प्रवासी मजदूरों को रोकने में असफल रही?

तिवारी ने बताया कि 8 अप्रैल को मुख्यमंत्री केजरीवाल के साथ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सांसदों ने दिल्ली सरकार की ओर से चलाए जा रहे हैं 500 रसोईघर का पता मांगा था, कई बार इस मामले को उठाया गया लेकिन आज तक दिल्ली सरकार उन रसोईघर का पता नहीं दे पाई। इससे तो साफ जाहिर है कि केजरीवाल जी की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल उन कार्यों का ब्यौरा रखते हैं जो धरातल पर हुआ ही नहीं है।

दिल्ली सरकार की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर टिप्पणी करते हुए तिवारी ने कहा कि समय पर इलाज के अभाव में कोरोना वायरस से संक्रमित आम लोगों के साथ-साथ कोरोना वॉरियर्स तक की जान चली गई। दिल्ली में संक्रमितों की कुल संख्या 10,554 हो गई है और 4750 मरीज ठीक हो चुके हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली के ही मुख्यमंत्री ने कहा था कि संक्रमित लोगों के इलाज के लिए लगभग 30 हजार बेड का इंतजाम किया गया है। फिर भी लोगों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे हैं। कोरोना संकट के दौरान वाहवाही के लिए झूठ बोलने का समय नहीं इसलिए दिल्ली के मुख्यमंत्री दिल्ली के लोगों को सच बताएं। अस्पतालों को लेकर सभी जानकारी उनके सामने रखें और उन्हें बताएं कि दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए कितने बेड है और पिछले 1 महीने में कितने खाली रह गए हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments