– केजरीवाल सरकार फिक्स चार्ज के नाम पर प्रतिवर्ष 11 हजार करोड़ रुपये की कर रही है अवैध वसूली: आदेश गुप्ता
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर 2022: भाजपा के राज्यसभा सांसद एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने केजरीवाल सरकार के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार ने विद्युत कंपनियों के 3229 करोड़ रुपये का बकाया को पूरी तरह से माफ कर दिया। जबकि यह बकाया केजरीवाल सरकार को प्राइवेट कंपनियों द्वारा लिए जाने थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली के नागरिकों को छूट देने की बात सिर्फ झूठी बुनियादी बातें थी। क्योंकि केजरीवाल का मकसद सिर्फ बीच में बिचौलियों को लाभ पहुंचाने का था।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता और भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा के साथ एक संयुक्त प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि लेट फीस के नाम पर प्राइवेट कंपनियों को 18 फीसदी वसूली की अनुमति केजरीवाल सरकार ने दी, लेकिन वहीं कंपनियों ने 12 फीसदी ही दिल्ली सरकार को दिया जबकि 6 फीसदी रकम कहां गयी, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। 6 फीसदी यानी लगभग 8000 करोड़ रुपये कहां गये, इसकी जानकारी किसी को नहीं मिली। इतना ही नहीं बोर्ड में हमेशा से अधिकारी और निजी कंपनियों के ही आदमी शामिल रहते थे, लेकिन यह पहली बार हो रहा है कि जब केजरीवाल सरकार ने अपने दो व्यक्तियों प्रवक्ता जास्मिक शाह और राज्यसभा सांसद के एक बेटे को नियुक्त किया। आखिर सरकार ने ऐसा क्यों किया और इसके पीछे क्या कारण था, इसका जवाब आज तक नहीं दे पाई। प्रेसवार्ता में प्रदेश मीडिया रिलेश विभाग के प्रभारी हरीश खुराना भी उपस्थित थे।
डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जब सत्ता में नहीं थे तो केजरीवाल ने कहा था कि जब वह सत्ता में आएंगे तो वे भ्रष्टाचार को खत्म करेंगे, लेकिन आज विद्युत कंपनियों के साथ मिलकर करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार को अंजाम दे चुके हैं। इसका जवाब उन्हें देना होगा। उन्होंने केजरीवाल से सवाल करते हुए कहा कि जब दिल्ली में एलपीजी पर सब्सिडी दी जा सकती है तो बिजली पर सब्सिडी क्यों नहीं दी जा सकती है। जनता को सब्सिडी लाभ देने से पहले भ्रष्टाचार करने का उद्देश्य केजरीवाल का था और जब उस भ्रष्टाचार को अंजाम दे दिया गया तो सब्सिडी भी वापस ले जी गयी।
आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल की हर योजना भ्रष्टाचार से प्रेरित होती है। बिजली विभाग में भी भारी भ्रष्टाचार करने का काम केजरीवाल सरकार ने किया है। जिस बोर्ड में सरकारी आदमी और अधिकारियों को होना चाहिए, उस बोर्ड के मेंबर आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता जस्मिन शाह को बनाया गया। राज्यसभा सांसद के बेटे नवीन गुप्ता को इसलिए बोर्ड का मेंबर बनाया गया ताकि भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जाए और किसी को कोई खबर तक ना हो।
आदेश गुप्ता ने कहा कि 3229 करोड़ रुपये विद्युत कंपनियों का माफ करना केजरीवाल सरकार का बड़ा घोटाला किया था क्योंकि यह रकम राजस्व में आनी थी जो निजी कंपनियों का माफ करके अपने जेब में भरने का काम केजरीवाल ने किया है। उन्होंने फिक्स चार्ज के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली में फिक्स चार्ज के नाम पर भी भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है। आज दिल्ली में फिक्स चार्ज 5500 मेगावाट से 7000 मेगावाट तक होता है, लेकिन केजरीवाल के संरक्षण में बिजली कंपनियां फिक्स चार्ज के नाम पर 22 हजार मेगावाट की वसूली कर रही है। यानि लगभग 11 हजार करोड़ रुपये का अवैध वसूली की जा रही है जिसका कोई हिसाब नहीं है।
आदेश गुप्ता ने कहा कि तिलक विहार कॉलोनी में रहने वाली 1984 दंगों में मारे गए लोगों की विधवाओं को केजरीवाल और उनके मंत्री कई बार बिजली में सब्सिडी देने की बात करके आए हैं लेकिन आज भी वहां लाखों रुपये के बिल आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार दिल्ली की जनता का सरोकार नहीं मानती है और इनका सिर्फ एक ही मकसद है जो भी योजनाएं हैं उनमें सिर्फ भ्रष्टाचार करना होता है।
मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि बीएससीएस राजधानी का 1301 करोड़ रुपये, बीएससीएस यमुना का 1948 करोड़ रुपये माफ कर केजरीवाल ने मोटी रकम वसूल की है। जो पैसा सरकारी राजस्व में जाना चाहिए था वह केजरीवाल की जेबों में गया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से शराब के 6 फीसदी रकम वसूल करने के लिए केजरीवाल ने विजय नायर का इस्तेमाल किया था, ठीक उसी प्रकार केजरीवाल ने बिजली कंपनियों से पैसा वसूल करने के लिए अपने लोगों को बोर्ड का मेंबर बनाकर रखा हुआ है।