- आज भी केजरीवाल सरकार ने नहीं बताया कि टेस्टिंग बढ़ाने की क्या योजना है
- केजरीवाल सरकार सिर्फ अपनी विफलताओं को छिपाने में लगी हुई है
- अरविंद केजरीवाल सिर्फ एसी कमरे में बैठकर दिल्ली की जनता के हमदर्द होने का दिखावा करते हैं, लेकिन दिल्ली की जनता के लिए धरातल पर कोई व्यवस्था नहीं की
- प्राइवेट अस्पताल के संचालकों से आम आदमी पार्टी के नेताओं की ही साठगांठ है, यही वजह है कि केजरीवाल सिर्फ बयानबाजी करते हैं और कोई एक्शन नहीं लेते
नई दिल्ली : प्राइवेट अस्पतालों को लेकर अरविंद केजरीवाल द्वारा दिए गए बयानों पर दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने पलटवार करते हुए केजरीवाल सरकार की व्यवस्थाओं को कटघरे में लाकर खड़ा किया। गुप्ता ने कहा कि आज भी अरविंद केजरीवाल दिल्ली की जनता के सामने सिर्फ बयानबाजी करने के लिए सामने आए जबकि उन्हें मरीजों का इलाज नहीं करने वाले प्राइवेट अस्पतालों पर कार्रवाई करनी चाहिए थी। लेकिन केजरीवाल सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए कभी केंद्र सरकार पर हमला करती है तो कभी प्राइवेट अस्पतालों की आड़ लेती है। व्यवस्थाओं को सुधारने के नाम पर कुछ भी नहीं किया जा रहा है सिर्फ हवाई दावे किए जा रहे हैं। इससे साफ है कि केजरीवाल सरकार दिल्ली की जनता की हिमायती होने का सिर्फ दिखावा करती रहती है।
गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल कुछ प्राइवेट अस्पतालों को अन्य राजनैतिक पार्टियों के साथ साठगांठ होने की बात कह रहे हैं जबकि सच्चाई तो यह है कि इन प्राइवेट अस्पतालों से ही आम आदमी पार्टी के नेताओं की साठगांठ चल रही है। यही वजह है कि इन अस्पतालों की इतनी शिकायतें आने के बाद भी केजरीवाल सरकार ने सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया। उन्होंने सवाल किया कि अगर वाकई केजरीवाल सरकार प्राइवेट अस्पतालों को लेकर गंभीर है तो उनके खिलाफ कार्रवाई करें, न कि टीवी पर आकर इस तरह की बयानबाजी। अरविंद केजरीवाल एक बार भी सरकारी अस्पतालों की हालत देखने के लिए फील्ड में नहीं गए हैं बस एसी रूम में बैठकर बयानबाजी करते रहते हैं।
गुप्ता ने यह भी कहा है कि प्राइवेट अस्पताल वाले कोविड के इलाज के नाम पर लोगों से 5 से 15 लाख रुपए चार्ज कर रहे हैं जिसे लेकर भी अरविंद केजरीवाल ने कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों में कोविड का इलाज सामान्य वर्ग के लिए एक तय कीमत पर होना चाहिए, ताकि प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी पर रोक लग सके। उन्होंने कहा केजरीवाल सरकार ने निजी लैब में टेस्टिंग बंद करने को लेकर अपनी सफाई तो दी, लेकिन आज भी यह नहीं बताया कि भविष्य में टेस्टिंग बढ़ाने को लेकर क्या तैयारी है। यह साफ जाहिर हो रहा है कि केजरीवाल सरकार दिल्ली के लोगों के स्वास्थ्य को लेकर कितनी लापरवाह है।