- दिल्ली में सौर ऊर्जा परियोजनाएं होगी बेहतर
- दिल्ली की दैनिक बिजली मांग को सौर ऊर्जा की सहायता से काफी हद तक पूरा किया जा सकता है
नई दिल्ली, 28 सितंबर 2022:
दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए दिल्ली नगर निगम ने आज भारतीय सौर ऊर्जा निगम लिमिटेड (सेकी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। निगम मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान अश्विनी कुमार एवं आयुक्त ज्ञानेश भारती उपस्थित थे। दिल्ली नगर निगम की ओर से मुख्य अभियंता संदीप शर्मा और एसईसीआई के निदेशक (सौर), संजय शर्मा द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
दिल्ली की दैनिक बिजली मांग को सौर उर्जा की सहायता से काफी हद तक पूरा किया जा सकता है। इसके अलावा, रूफटॉप सोलर सिस्टम द्वारा उत्पादित ऊर्जा की खपत ज्यादातर उत्पादन के बिंदु पर या उसके पास होती है, जिससे ट्रांसमिशन और वितरण नुकसान कम होता है। रूफटॉप सौर ऊर्जा की स्व-उपभोग भी भीड़भाड़ वाले इलाकों में नए वितरण बुनियादी ढांचे, जैसे ट्रांसफार्मर, के प्रावधान की आवश्यकता और चुनौती को कम करती है। दिल्ली नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में लगभग 1800 निगम भवन हैं जहां विस्तृत सर्वेक्षण और उनकी उपयुक्तता की जांच के बाद छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जा सकते हैं। इस परियोजना के तहत 1186 स्कूलों, 289 सामुदायिक सेवा भवनों, 251 स्वास्थ्य विभाग भवनों और 75 कार्यालयों और अन्य भवनों सहित निगम भवनों का उपयोग भारतीय सौर ऊर्जा निगम लिमिटेड (सेकी) द्वारा छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए किया जा सकता है।
भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, दिल्ली नगर निगम इस दिशा में कदम उठा रहा है और अब तक 1800 भवनों में से 558 नगर भवनों पर कुल 11.7 मेगावाट की रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए गए हैं। इन सौर संयंत्रों ने लगभग 1.5 करोड़ ऊर्जा इकाइयाँ उत्पन्न की हैं जो सालाना 15 करोड़ रुपये के लगभग राजस्व/बचत करती हैं। । इसके अतिरिक्त, सौर पहल से सालाना लगभग 15210 टन कार्बन उत्सर्जन को कम करके पर्यावरण संरक्षण की दिशा में योगदान दिया है।
एसईसीआई के साथ वर्तमान समझौता ज्ञापन के अंतर्गत पूंजीगत व्यय के साथ-साथ सौर ऊर्जा संयंत्र के इष्टतम जीवन (25 वर्ष) के साथ संचालन और अनुरक्षण में व्यय चयनित रेस्को द्वारा किया जाएगा और एमसीडी को उत्पन्न सौर ऊर्जा की बिक्री के माध्यम से राजस्व प्राप्त होगा । कैप्टिव खपत के लिए लेखांकन के बाद, अतिरिक्त बिजली डिस्कॉम को समय-समय पर डीईआरसी द्वारा तय की गई दरों पर बेची जाती है और इस प्रकार अर्जित राजस्व निगम को अर्जित होता है। यह अनुमान लगाया गया है कि शेष निगम भवनों की छतों पर 15-20 मेगावाट की कुल पीवी क्षमता चिन्हित की गई है।
सौर ऊर्जा हरित ऊर्जा का व्यवहारिक रूप है। सौर ऊर्जा में नगर निगम के ऊर्जा खर्च को कम करने व हमेशा उपलब्ध ना होने वाले जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने की संभावना है। उस संभावना को हासिल करने के लिए तेजी से सौर ऊर्जा क्षमता विस्तार की आवश्यकता है। समझौता ज्ञापन के तहत निगम क्षेत्राधिकार में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए संभावित स्थलों की पहचान और विकास के लिए सहयोग शामिल है । इसके तहत सेकी रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्रों की योजना, डिजाइन, निर्माण, आपूर्ति, स्थापना, परीक्षण, कमीशन, संचालन और रखरखाव के लिए अधिकृत विक्रेताओं के माध्यम से सर्वेक्षण से संबंधित सभी गतिविधियों का संचालन करेगा।