- शिक्षा मंत्री ने ऑनलाइन और एसएमएस-आईवीआर आधारित शिक्षा की समीक्षा की
- लाॅकडाउन के बावजूद दिल्ली सरकार ने आॅनलाइन शिक्षा जारी रखी
- हर कक्षा के छात्रों के लिए पांच शैक्षणिक कार्यक्रम लागू हुए
- लाॅकडाउन के दौरान आॅनलाइन शिक्षा का प्रयोग सार्थक रहा
- मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ’कोरोना काल में पैरेंटिंग’ तथा “हर घर एक स्कूल, हर माता-पिता एक शिक्षक” पर बल दिया
नई दिल्ली : लाॅकडाउन के दौरान दिल्ली सरकार के स्कूलों में आॅनलाइन शिक्षा का रविवार को समापन हुआ। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने विभागीय अधिकारियों के साथ इसकी समीक्षा की। उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि यह प्रयोग सार्थक रहा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 4 अप्रैल को ’कोरोना काल में पैरेंटिंग’ तथा “हर घर एक स्कूल, हर माता-पिता एक शिक्षक” का आह्वान किया था। इसके आलोक में दिल्ली सरकार ने केजी से कक्षा 12 तक हर कक्षा के बच्चों के लिए पांच अलग-अलग हस्तक्षेप शुरू किए। दिल्ली सरकार के स्कूलों के लगभग 9 लाख बच्चों को इसका लाभ मिला।
उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने आज इस कार्यक्रम की समीक्षा की। उन्होंने शिक्षा निदेशक विनय भूषण, शिक्षा सलाहकार शैलेन्द्र शर्मा और अतिरिक्त निदेशक (स्कूल) डॉ. सरोज सेन आडल के अलावा मुख्य हितधारकों के साथ समीक्षा की। हितधारकों में स्टूडेंट्स, उनके माता-पिता, शिक्षक, अधिकारी और सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल थे। समीक्षा के दौरान सिसोदिया ने कहा कि लाॅकडाउन के बावजूद नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत करना अनोखा प्रयोग है। इस संकट के दौर में डिजिटल तकनीकों की मदद से ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन करना, काफी चुनौतीपूर्ण था। हमने पहले कभी ऐसी तकनीक का इस्तेमाल नहीं किया था। लेकिन अब हम कोरोना के समय में पेरेंटिंग के समापन सत्र में पहुंच गए हैं। हमारे लिए अपनी शिक्षा और अनुभवों की समीक्षा आवश्यक है।
निदेशक शिक्षा विनय भूषण ने कहा कि छात्रों के पूरी तरह स्कूल में वापस आने तक उनकी प्रति सप्ताह ट्रैकिंग करने की योजना है।
शिक्षा निदेशक के प्रमुख सलाहकार शैलेन्द्र शर्मा ने इन पाँच कार्यक्रमों की जानकारी दी-
- कक्षा 11 के छात्रों के लिए लाइव ऑनलाइन कक्षाएं,
- कक्षा 10 और 12 के छात्रों के लिए हर दिन अंग्रेजी और व्यक्तित्व विकास
- कक्षा 9 के छात्रों के लिए ऑनलाइन गणित की कक्षाएं
- 9 से 12 के छात्रों के लिए डिजिटल उद्यमशीलता कक्षाएं
- केजी से कक्षा 8 तक बच्चों के लिए माता-पिता के माध्यम से एसएमएस और आईवीआर आधारित गतिविधियां
इनके अलावा, परिवार की खुशी के लिए ऑनलाइन क्लास के 15 सत्र आयोजित हुए। इनमें प्रतिदिन औसतन 40,000 लोग शामिल हुए। लाइव ऑनलाइन कक्षाओं का प्रयोग काफी सार्थक रहा। कक्षा 11 के छात्रों के लिए कैरियर लॉन्चर के सहयोग से 6 अप्रैल आॅनलाइन कक्षाएं प्रारंभ हुईं। 85 फीसदी छात्रों ने इसमें पंजीयन किया। अंग्रेजी कक्षाओं में सर्वाधिक 60,500 छात्रों की उपस्थिति हुई। ये कक्षाएं 30 मई 2020 को संपन्न हुईं।
शिक्षा विभाग के अनुसार इन कक्षाओं के माध्यम से सामान्य कक्षाओं की अपेक्षा 10 घंटे से भी अधिक अतिरिक्त पढ़ाई हुई। आरपीवीवी, गांधीनगर की छात्रा दीया जैन ने अनुभव साझा करते हुए कहा कि पहले नियमित कक्षाओं में हमारे पास किसी विषय को दुबारा पढ़ना मुश्किल था। लेकिन अब ऑनलाइन कक्षाओं में विषय रिकॉर्ड होने के कारण बेहतर समझ के लिए दुबारा देखे जा सकते हैं। सीनियर सेकेंडरी स्कूल, नजफगढ़ की स्टूडेंट एनी ने कहा कि प्रत्येक ऑनलाइन कक्षा में दो शिक्षक होते हैं। एक हिंदी और दूसरे अंग्रेजी के लिए। हमें आसानी से अपनी शंका दूर करने का अवसर मिलता है। हम चैट बॉक्स के जरिए कुछ भी पूछ सकते हैं। एनी ने ऑनलाइन क्लासरूम जारी रखने का सुझाव दिया।
इसी तरह, कक्षा 10 और 12 के छात्रों के लिए प्रतिदिन अंग्रेजी और व्यक्तित्व विकास कक्षाएं भी काफी सफल रहीं। इन कक्षाओं में किसी एक दिन अधिकतम उपस्थिति 83545 दर्ज की गई। इसे ब्रिटिश काउंसिल और मैकमिलियन एजुकेशन के सहयोग से 4 मई, 2020 को लॉन्च किया गया था। इसका मकसद बोर्ड परीक्षा का इंतजार कर रहे छात्रों को नए कौशल का अवसर प्रदान करना था। इसके 30 सत्र की अंतिम कक्षा 2 जून को होगी। इन ऑनलाइन कक्षाओं में बच्चों के बीच सबसे लोकप्रिय गतिविधियांे में व्याकरण संबंधी खेल और अभ्यास, खेल और शौक गतिविधियाँ, दोस्त बनाओ और मीडिया साक्षरता प्रमुख थीं। दस दिनों के अंतराल पर दो बार मूल्यांकन किया गया। 70 फीसदी से अधिक अंक लाने वाले छात्रों की संख्या 29 फीसदी से बढ़कर 41 फीसदी हो गई।
इसके अलावा, कक्षा 9 के छात्रों के लिए 1015 शिक्षकों की मदद से ऑनलाइन मैथ्स कक्षाएं खान अकादमी की साझेदारी में शुरू हुईं। यह 27 अप्रैल से 29 मई तक चलीं। सप्ताह में तीन दिन 90 मिनट की क्लास हुई। नए बैच के लिए बुनियादी गणित पर 7 विषय और पुराने बैच के लिए अभ्यास के 4 विषय रखे गए। लगभग 1.75 लाख छात्रों ने इन कक्षाओं का लाभ उठाया। यह कुल नामांकन का 36 फीसदी है। 56 शिक्षकों ने शिक्षण सामग्री तैयार करने और हेल्पलाइन प्रबंधन का दायित्व संभाला। 1015 शिक्षकों ने अपने स्कूलों के छात्रों का मार्गदर्शन करने के लिए खान अकादमी के ऑनलाइन प्रशिक्षण में भाग लिया।
ऑनलाइन क्लास के बारे में अनुभव पूछने पर आरपीवीवी यमुना विहार के छात्र रजत ने कहा कि स्कूल का अपना आकर्षण है, लेकिन ऑनलाइन क्लासेस भी अच्छा प्रयोग है। लाॅकडाउन के दौरान कक्षा 9 से 12 के छात्र के लिए उद्यमी मानसिकता क्लासेस भी चलाई गईं। दिल्ली सरकार की ईएमसी टीम द्वारा 16 अप्रैल को शुरू हुआ यह प्रयोग 4 जून तक चलेगा। इसमें सोशल मीडिया के विभिन्न मंच फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, व्हाट्सएप, यूट्यूब और एसएमएस के जरिए ऐसी क्लासेस हुईं। इस दौरान विषयों पर छात्रों के लिए 10 गतिविधियाँ हुईं- रचनात्मकता, आत्म जागरूकता, भय का प्रबंधन, बड़ा सपना और निर्णय-क्षमता। उद्यमियों के साथ दो लाइव संवाद आयोजित किए गए। 3 जून और 10 जून को दो और संवाद होंगे। इन क्लासेस में लगभग 45,000 छात्रों ने भाग लिया।
इनके अलावा, केजी से कक्षा 8 तक हैप्पीपेस क्लासेस, मिशन बुनियाद का प्रयोग भी सकारात्मक रहा। केजी से 8 तक बच्चों के 5.7 लाख अभिभावकों के साथ एसएमएस के माध्यम से सामान्य गतिविधियां चलाई गई। स्वास्थ्य और स्वच्छता, कला और शिल्प, कोरोना जागरूकता सहित 52 सामान्य गतिविधियाँ हुईं। प्रत्येक वैकल्पिक दिनों में माता-पिता के साथ कुल 25 कहानियाँ अथवा गतिविधियां साझा की गईं।
मिशन बुनियाद के तहत कक्षा 3 से 8 तक के 5.2 लाख अभिभावकों को मिस्ड कॉल के माध्यम से जोड़ा गया। प्रत्येक वैकल्पिक दिन में अभिभावकों के साथ कुल 25 कहानियाँ, गतिविधियां साझा की गई। कक्षा तीन से आठ तक के बच्चों के लिए एसएमएस, आईवीआर के जरिए मिशन बुनियाद और कहानियों पर आधारित शिक्षा 13 मई से 31 मई तक चलाई गईं। साथ ही, दिल्ली में नगर निगम स्कूलों के प्राथमिक कक्षाओं के लगभग 4 लाख बच्चों के अभिभावकों के साथ एसएमएस और आइवीआर के माध्यम से 4 मई को शिक्षण प्रारंभ हुआ।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बच्चों और उनके माता-पिता के साथ फोन पर भी बात की और उनकी पसंदीदा गतिविधियों के बारे में पूछा और कैसे उन्होंने इन गतिविधियों का संचालन किया। सिसोदिया ने कहा कि आॅनलाइन शिक्षा के इन प्रयोगों से सबक लेते हुए सामान्य दिनों की शिक्षा में डिजिटल तकनीक के सार्थक उपयोग के प्रयास किए जाएंगे।