- दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने भाजपा शासित उतरी नगर निगम पर कस्तूरबा अस्पताल के डाक्टरों का वेतन रोकने पर रोष जताते हुए वेतन देने की मांग की।
- केजरीवाल सरकार द्वारा एलएनजेपी अस्पताल में सुविधाओं के अभाव को उजागर करने में मीडिया ने अस्पताल की भयानक दुर्दशा को सामने लाने के बावजूद भी अस्पताल में मरीजों को बिना डॉक्टर या नर्स के स्ट्रेचर पर मरने के लिए छोड़ दिया है
- दिल्ली नगर निगम के अनुसार, कोविड-19 दिशा निर्देशों का पालन करते हुए 2098 शवों का अंतिम संस्कार किया गया है, हालांकि दिल्ली सरकार के अनुसार अभी तक 984 कोविड मरीजों की ही मौत हुई है
नई दिल्ली : दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम पर दरिया गंज स्थित कस्तूरबा अस्पताल के डाक्टरों को पिछले 3 महीनों से वेतन नही देने का आरोप लगाया और केजरीवाल सरकार पर लोकनायक अस्पताल की पूरी तरह उपेक्षा करने का आरोप लगाया जहां प्रशासन ने मरीजों को मरने के लिए छोड़ दिया है, जबकि कोविड-19 महामारी में अत्यधिक तेजी के कारण दिल्ली के लोग काफी तनाव के दौर से गुजर रहे हे। चौ0 अनिल कुमार ने कि यह बहुत ही चौंकाने वाला और परेशान करने वाला है कि दरिया गंज के कस्तूरबा अस्पताल के डॉक्टरों को मार्च, 2020 के बाद से उनको वेतन का भुगतान नहीं किया गया है, जबकि वे कोरोना के मरीजों का इलाज करने के लिए करो या मरो की लड़ाई में न केवल अपनी जान जोखिम में डालकर लगे हुए बल्कि अपने परिवार के सदस्यों की जान को जोखिम में डालने का खतरा उठा रहे है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने अस्पताल के अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक को पत्र लिखकर कहा है कि वे वेतन न मिलने पर सामूहिक इस्तीफा देने की बात कहकर अपनी वेदना प्रकट की, क्योंकि मार्च, 2020 के बाद से उन्हें 3 महीने से वेतन नहीं दिया गया है। रेजिडेंट डॉक्टर्स ने कहा कि उनके वेतन का भुगतान नहीं होने के कारण, वे अपने किराए का भुगतान नहीं कर पाए हैं, आवश्यक वस्तुएं नही खरीद पर रहे हैं और अपने यात्रा खर्च को वहन करने में भी असमर्थ हैं। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा शासित उत्तरी नगर निगम को इन डॉक्टरों के वेतन का तुरंत भुगतान करना चाहिए क्योंकि कोरोना वायरस के खिलाफ यह डाक्टर फ्रंट लाइन पर लड़ाई लड़ रहे है, जबकि भाजपा और आप पार्टी की सरकारों की विफलताओं के कारण कोरोना राजधानी में तेजी से फैल रहा है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि मुझे यह जानकर भी हैरानी हुई कि दिल्ली नगर निगम के अनुसार, कोविड-19 के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए 2098 शवों का अंतिम संस्कार किया गया है, हालांकि दिल्ली सरकार के अनुसार, अब तक कोविड के कारण केवल 984 मरीजों की मौत हुई है। चौ0 अनिल कुमार ने पूछा कि आखिर दिल्ली सरकार यह आंकड़े क्यों छिपा रही है। चौ0 अनिल कुमार ने केजरीवाल सरकार की भी आलोचना करते हुए कहा कि एलएनजेपी अस्पताल की स्थिति भयावह है क्योंकि यहां कोविड मरीजों की देखभाल ही नही की जा रही है, वे संकटमय परिस्थितियों में स्ट्रेचर पर लेटे रहते है और डॉक्टर, नर्सें और पेरा मेडिकल स्टाफ कोई भी उनकी देखभाल नही कर रहा है, और स्ट्रेचर पर कोविड मरीजों की डेड बॉडी खुले में पड़ी हुई है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि मीडिया ने एलएनजेपी अस्पताल की भयानक स्थिति को उजागर करने के बावजूद, दिल्ली सरकार ने अस्पताल के हालात को सही करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है, हालांकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में कोविंड के रोगियों के लिए पर्याप्त बेड हैं। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि लोग उपेक्षित होने और अस्वच्छ स्थिति के कारण दिल्ली सरकार के अस्पतालों में जाने से डरते हैं, क्योंकि केजरीवाल सरकार द्वारा सुविधाओं के अभाव, निष्क्रियता और अक्षमता के कारण डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ का मनोबल टूट चुका है। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा, जिसने डॉक्टरों पर फूलों की वर्षा की और कुछ भाजपा नेताओं ने कोरोना वायरस के खिलाफ अपनी निस्वार्थ लड़ाई की सराहना करने के लिए डॉक्टरों के पैर भी धोए, अब भाजपा शासित निगम सरकार डॉक्टरों के वेतन का भुगतान नहीं कर रही है। उन्होंने आप पार्टी की दिल्ली सरकार की भी निंदा की कि दिल्ली सरकार एलएनजेपी अस्पताल की सुविधाओं को बढ़ाने की अनुमति देने की बजाय हालात को सुधारने की ओर कोई कारगर कदम नही उठा रही है।