- दोनों के सामने हैं अपनी अपनी चुनौतियां
- दोनों चाहते हैं भ्रष्टाचार को खत्म करना
- दोनों चाहते हैं अपनी सत्ता को मजबूत करना
- अब देखते हैं कौन कहां से मांगता हैं आर्थिक मदद
- कोरोना महामारी ने कर दी है दोनों की हालत खराब
नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल है और दिल्ली भाजपा प्रदेश के अध्यक्ष हैं भाजपा के आदेश कुमार गुप्ता। दोनों ही नेता एक दूसरे के आमने सामने हैं। एक आम आदमी पार्टी का मुखिया है तो दूसरा दिल्ली भाजपा का। इस समय दोनों के सामने हालात लगभग बराबर हैं। दोनों नेताओं के सामने हैं अपनी अपनी चुनौतियां हैं कि भ्रष्टाचार को खत्म कैसे किया जाए ताकि जनता को राहत की सांस मिले और दिल्ली सरकार और निगमों की हालत बेहतर हो जाये। लेकिन भ्रष्टाचार खत्म करना इतना आसान नहीं हैं जितना की केजरीवाल सत्ता में आने से पहले सोचते थे। इन दिनों जिस प्रकार से नेताओं की गुटबंदी और नौकरशाही हावी है, नेता प्रमुख भी कुछ नहीं कर पाते हैं। दोनों नेता चाहते हैं कि उनकी सत्ता मजबूत होगी तो बेहतर कार्य कर सकेंगे और सत्ता तभी मजबूत हो सकती है जब सहयोगी मिलजुल कर एक दिशा में कार्य करें।
वर्तमान हालातों की बात करे तो कोरोना महामारी ने अच्छे खाशे देशों की हालत पतली कर दी है। निगमों की हालत से पहले ही दिल्लीवासी और निगम पार्षद जानते हैं जबकि दिल्ली सरकार अब चाहते हुए भी कुछ नहीं कर पा रही है। अपने आपको सक्षम कहने वाली दिल्ली सरकार अब केंद्र सरकार के सामने सहायता राशि की मांग कर रही है और दिल्ली नगर निगमों की हालत पहले से ही खराब हैं, जिसे उबारना प्रदेश अध्यक्ष गुप्ता के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। अब देखते हैं कौन कहां से आर्थिक मदद मांगता है ताकि आने वाले निगम चुनाव में जनता उनका भरपूर सहयोग करे।