- कट मोशन प्रस्ताव की वापसी की मांग को लेकर तीन बार स्थगित हुई बैठक
- कट मोशन प्रस्ताव से निगम में बढ़ेगा भ्रष्टाचार
- साजिश रच कर असंवैधानिक तरीके से कट मोशन प्रस्ताव लाना चाहती हैं निगम की महापौर
नई दिल्ली, 7 फरवरी 2024 :
दिल्ली नगर निगम की बजट बैठक में विपक्ष के पार्षदों ने हंगामा किया। इस दौरान भाजपा पार्षदों ने कट मोशन प्रस्ताव को वापिस लेने की मांग की। इस दौरान महापौर डॉ शैली ओबरॉय ने हंगामा कर रहे पार्षदों को बार बार कहा कि आप बैठक में चर्चा करें लेकिन महापौर ने कट मोशन पर भाजपा के पार्षदों को कोई जवाब नहीं दिया और चुप्पी साधे रखी। इसे देखते हुए भाजपा के पार्षदों ने महापौर के आसन के सामने जाकर जमकर हंगामा किया। इसके चलते महापौर को तीन बार सदन बैठक स्थगित करनी पड़ी। बता दें कि बुधवार को एमसीडी की बजट सत्र की बैठक करीब ढाई बजे शुरू हुई। जैसे ही महापौर ने बोलना शुरू किया तो वैसे ही भाजपा पार्षद अपनी उक्त मांग को लेकर हंगामा करने लगे और सदन पांच मिनट ही चल पाया। ऐसे ही फिर करीब साढ़े तीन बजे और फिर करीब शाम पांच बजे हुआ। नेता विपक्ष राजा इकबाल, उप नेता विपक्ष जयभगवान यादव, पूर्व महापौर सत्या शर्मा, पार्षद डॉ. अमित नागपाल, सुनीत चौहान आदि ने मांग करते हुए कहा कि जब तक यह प्रस्ताव वापस नहीं लिया जाएगा तब तक सदन को चलने नहीं देंगे। भाजपा पार्षदों ने महापौर को घेरते हुए कहा कि वह साजिश रच कर कट मोशन प्रस्ताव को लाना चाहती हैं, जो पूरी तरह से असंवैधानिक और नगर निगम अधिनियम के विरुद्ध है।
उन्होंने कहा कि गुरूवार को बजट के अंतिम दिन भी भाजपा कट मोशन प्रस्ताव का विरोध करेगी। भाजपा का हंगामा देखते हुए सत्तादल के पार्षदों ने विपक्ष को लेकर नारेबाजी की। बता दें कि बजट सत्र को लेकर महापौर डॉ. शैली ओबरॉय ने कहा था कि 5, 6 और 7 फरवरी को सदन में बजट को विस्तृत चर्चा की जाएगी। उसके बाद एमसीडी नेता सदन मुकेश गोयल 8 फरवरी को संशोधनों के बाद सदन में बजट को अंतिम रूप में पेश करेंगे। सदन में निगम आयुक्त ज्ञानेश भारती दिसंबर में बजट स्वीकृति के लिए प्रस्तुत कर चुके हैं।
दिल्ली नगर निगम में नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह ने बताया कि महापौर डॉ. शैली ओबरॉय कट मोशन प्रस्ताव के माध्यम से विभिन्न समितियों, वेतन, विकास संबंधी फंड को विभिन्न मदों से हस्तांतरित कर के महापौर विवेकाधिकार में डालना चाहती है जिस के भ्रष्टाचार बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि वार्ड समितियों के मद 6 करोड़, ग्रुप बी श्रेणी के अधिकारियों के वेतन मद से 226 करोड़, स्थायी समिति अध्यक्ष के मद से 9 करोड़, पार्कों की मरम्मत के मद से 13 करोड़, अभियांत्रिकी कार्यों के मद से 22 करोड़, कॉलोनियों में कार्यों के मद से 60 करोड़, अधिकृत और अनाधिकृत कॉलोनियों में कार्यों के मद से 46 करोड़, शहरीकृत क्षेत्रों में कार्यों के मद से 26 करोड़, ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यों के मद से 21 करोड़ व अन्य मदों से लगभग 1500 करोड़ रुपये आम आदमी पार्टी महापौर के विवेकाधिकार मद में हस्तान्तरित करना चाहती है। उन्होंने बताया कि निगम इतिहास में पहले कभी भी इस तरह की प्रक्रिया नहीं अपनाई गई जिस तरह की आम आदमी पार्टी अपनाना चाहती है। उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी के नागरिकों के हित में व दिल्ली के विकास के लिए कोई कार्य नहीं करना चाहती ये लोग सिर्फ भ्रष्टाचार की नीति से कार्य करते हैं।
दिल्ली नगर निगम की पूर्व महापौर सत्या शर्मा ने नगर निगम में काबिज महापौर शैली ओबेरॉय पर हमला बोलते हुए कहा कि वह साजिश रच कर कट मोशन प्रस्ताव को लाना चाहती हैं, जो पूरी तरह से असंवैधानिक और नगर निगम अधिनियम के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार को बजट के अंतिम दिन भी भाजपा कट मोशन प्रस्ताव का विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि स्थायी समिति और वार्ड कमेटियों के फंड को महापौर शैली ओबेरॉय महापौर के विवेकाधिकार फंड में स्थानांतरित कराने का प्रस्ताव आप पार्टी के पार्षदों ने साजिश रच कर सदन में पेश किया है। पूर्व महापौर सत्या शर्मा का कहना है कि करीब 1500 करोड़ रुपए का फंड ऐसे मदों से स्थानांतरित आप सरकार करना चाहती है, जो वैधानिक रूप से उचित नहीं हैं।