रोजगार सम्बन्धी अवसरों के सृजन और साथ ही उपलब्ध संसाधनों की उत्पादकता में भी वृध्दि होगी
नई दिल्ली : दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष राजदत्त गहलोत की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सोमवार को दक्षिणी निगम के नेता सदन नरेंद्र चावला ने कन्फर्मिंग औद्यौगिक क्षेत्र में बने हुए भवन के सभी तलों पर औद्यौगिक भूखंडों पर फैकट्री लाईसेंस प्रदान करने की मंजूरी दी। उन्होंने कहा कि क्योंकि अन्य तलों पर भवन प्लान की गैर-मंजूरी के कारण भू-तल को छोड़कर अन्य तलों पर लाईसेंस जारी करने को अनुमत करने वाली कोई नीति नहीं है, इसलिए औद्यौगिक परिसरों (परिक्षेत्रों) का कोई इष्टतम उपयोग नहीं है और इसी के साथ-साथ ऐसे कई मामले भी है जिनमें परिसरों के मालिक औद्यौगिक गतिविधियों सहायक औद्यौगिक व्यापार के लिए प्रथम या द्वितीय अथवा सभी तलों का उपयोग करना शुरू कर देते है, यह विद्यमान मानकों से अधिक परिसरों के अवैध उपयोग के कारण उल्लघंन के बराबर है। अन्य तलों पर फैक्ट्री लाइसेंस जारी करने के लिए नगर निगम को प्रतिषेध करने वाला कोई सुव्यक्त सुविवेचित प्रावधान नहीं है।
इस निर्णय की सम्पुष्टि करते हुए स्थायी समिति अध्यक्ष राजदत्त गहलोत ने कहा कि इस कदम से औद्यौगिक क्षेत्र में रोजगार सम्बन्धी अवसरों के सृजन और साथ ही उपलब्ध संसाधनों की उत्पादकता में भी वृध्दि होगी। इससे विधिसम्मत औद्यौगिक व्यापारों को राहत मिलेंगी और उद्योगपतियों के लिए बहुत हद तक एक तनावमुक्त वातावरण बनाने में सहायता मिलेंगी। उन्होंने बताया कन्फर्मिंग प्लॉटेड विकसित औद्योगिक क्षेत्रों, यथा- मायापुरी, ओखला आदि में कुछ मध्यम, हल्के एवं सेवा उद्योगो को उन औद्योगिक इकाइयों के प्रथम तल एवं द्वितीय तल, पर अनुमत किया जा सकता है, जहाँ विद्यमान मानकों के अनुसार भूतल के लिए भवन प्लांट पहले से ही विद्यमान है।