- -15 दिन के बाद केजरीवाल सरकार का पोल खुलना तय है- नई आबकारी नीति के खिलाफ भाजपा द्वारा किए जा रहे संघर्ष का उपराज्यपाल ने संज्ञान लिया – केजरीवाल ने ब्लैक लिस्टेड कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए कानून को ताख पर रख दिया – केजरीवाल शराब फ्री देकर दिल्ली को नशे की नगरी बनाने पर तुले हैं – केजरीवाल शराब के ठेके खोलने का विरोध करने वाली महिलाओं को अपने गुंडों से पिटवाते हैं :आदेश गुप्ता
नई दिल्ली, 25 जुलाई। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने आज दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा नई आबकारी नीति के खिलाफ मिली शिकायत के बाद मुख्य सचिव को दिए जांच के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि भाजपा पहले से ही कहती आ रही है कि दिल्ली में नई आबकारी नीति के नाम पर भारी भ्रष्टाचार किया गया है। जिसका खुलासा 15 दिन के बाद आने वाली रिपोर्ट में अपने आप हो जाएगा। जिस तरह से चोर दरवाजे से ब्लैक लिस्टेड कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए करोड़ों रुपये दिए गए, वो सभी भ्रष्टाचार के पुख्ता सबूत हैं।
आदेश गुप्ता ने इसे भाजपा के संघर्ष का परिणाम बताते हुए कहा काफी समय से दिल्ली भाजपा लगातार नई आबकारी नीति के खिलाफ सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करती रही है और आज उसके सकारात्मक परिणाम आने लगे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल द्वारा शराब माफियाओं के साथ मिलकर जो भ्रष्टाचार किया गया है, उसके खिलाफ भाजपा का किया गया संघर्ष सही दिशा में चल रहा है। दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने गली-गली में शराब के ठेके खोलकर अपने ही वायदों से यू-टर्न लेने का काम किया है। यह वहीं केजरीवाल हैं जो सत्ता में आने से पहले कहते थे कि शराब के ठेके खोलने के पीछे नेता और अधिकारी करोड़ों रुपये घूस लेते हैं, तो आज केजरीवाल को बताना पड़ेगा कि आखिर दिल्ली में 850 ठेके खोलने के पीछे कितने करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार किया है।
आदेश गुप्ता ने कहा कि महिलाओं के सम्मान की बात करने वाली केजरीवाल सरकार शराब के ठेके को खुलने का विरोध करने पर महिला संगठन को अपने गुंडो से पिटवाने का काम करते हैं। इतना ही नहीं बीच बाज़ार में शराब के ठेके खोलकर केजरीवाल ने महिलाओं के सुरक्षा को भी खतरे में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली की महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है क्योंकि बीच बाज़ार में शराबियों के जमावड़े लगे रहते हैं। एक बोतल पर एक फ्री के चक्कर में बाज़ार शराब खरीदने वालों से भरी पड़ी होती है जिसमें आम जनता का जाना मुश्किल हो गया है।