- 75 वर्षों में देश में पहली बार अनाज अथवा खाद्य पर टैक्स मोदी सरकार ने लगाया है
नई दिल्ली, 18 जुलाई 2022: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार ने दही, मक्खन, चावल, दाल, ब्रेड, पैक्ड दूध व पैकिंग आटा और ब्रांडेड खाद्य वस्तुओं पर 5 जीएसटी लगाकर सीधा गरीब, मध्यम व निम्न वर्ग के लोगों पर प्रहार किया है। बेरोजगारी और महंगाई की मार झेल रही जनता को लूटने के लिए मोदी सरकार अपने उद्योगपति मित्रों को हर संभव लाभ पहुचाने वाले निर्णय ले रही है। उन्होंने कहा कि रसोई गैस की बढ़ती दरों के साथ घरेलू इस्तेमाल की वस्तुओं की बढ़ती दरों और उस पर मोदी सरकार अतिरिक्त जीएसटी ने परिवारों का बजट बिगाड़ कर रख दिया है जिसके लिए पूरी तरह से भाजपा जिम्मेदार है। 75 वर्षों में देश में पहली बार अनाज अथवा खाद्यान पर टैक्स मोदी सरकार ने लगाया है।
चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार की एकतरफा सोच के कारण जहां देश पर आजादी के बाद पहली बार आर्थिक और बेरोजगारी का संकट गहराया है। भाजपा सरकार द्वारा पैक्ड खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी के अनैतिक निर्णय के बाद जहां उपभोक्ता को महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी, वहीं छोटे दुकानदारां और खुले बाजारों में व्यवसाय करने वालों को भी काफी परेशानी होगी। उन्होंने बताया कि इंडस्ट्रियल इंस्टीट्यूशनल उपभोक्ता जैसे होटल, रेस्टोरेंट, ट्रांसपोर्टेशन और रेलवे आदि अनब्रांडेड आईटम को खरीदकर इस्तेमाल करते है, यह खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी में बढ़ोत्तरी से अधिक प्रभावित होंगे।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि आजादी के बाद 75 वर्ष के इतिहास में महंगाई की दर और बेरोजगारी के आंकड़े पहली बार इतने गहराए है, जिससे देश की 80 प्रतिशत जनसंख्या सीधी प्रभावित हुई है, परंतु भाजपा सरकार कोविड महामारी की भरपाई की आड़ में लगातार पेट्रोलियम पदार्थाे, सीएनजी, रसोई गैस सहित खाद्य वस्तुओं की दरों में बढ़ोत्तरी को सही ठहरा रही है, जबकि वास्तविकता में केन्द्र सरकार अपने फिजूल खर्चों को दबाने के लिए महंगाई पर नियंत्रण करने में असहाय दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार अनाज अथवा खाद्यान पर टैक्स मोदी सरकार ने लगाया है। इससे पहले कभी भी दाल, चावल, आटा, मैदा, सूजी, गेंहू पर टैक्स नही लगा था।
चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि केंद्र में भाजपा की मोदी सरकार ने अपनी अधिसूचना में ड्राई लेगुमिनियस वेजिटेबल्स शब्द का प्रयोग करके सभी प्रकार के उत्पादों को पांच प्रतिशत जीएसटी के के दायरे में लाने का रास्ता साफ कर दिया है। मतलब साफ है कि सूखी सब्जियां या उससे बने प्रॉडक्ट भी लोगों को महंगे मिलेंगे। उन्होंने कहा कि खाद्य वस्तुओं के साथ स्वास्थ्य संबंधी उपकरण, आर्थोपेडिक उपकरण, शरीर के कृत्रिम अंग, सर्जिकल बेल्ट, सोलर वाटर हीटर और सिस्टम, प्रिंटिंग स्याही, साइकिल पंप, दूध निकालने वाली मशीन, सिंचाई किट और बीज आदि भी महंगे मिलेंगे।