– लैंडफिल साइट के लिए कोई योजना घोषित नहीं की – निगम को 10 हजार करोड़ रुपए का एक राहत पैकेज दे दिल्ली सरकार – बकाया राशि करीब 2000 करोड़ रुपए- दिल्ली सरकार का बजट झूठे वादों का है पुलिंदा – दिल्ली नगर निगम के डेढ़ लाख कर्मियों को निराशा हाथ लगी
नई दिल्ली, 04 मार्च 2024
दिल्ली सरकार का बजट झूठे वादों का पुलिंदा है और निगम के हिस्से में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। दिल्ली नगर निगम में नेता विपक्ष एवं पूर्व महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह ने सोमवार को दिल्ली सरकार के बजट को लेकर उक्त बातें कहीं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने निगम चुनाव के समय कूड़े के पहाड़ हटाने के लिए घोषित 850 करोड़ रूपए में से एक फूटी कोड़ी भी निगम के हिस्से में नहीं आई है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की डबल इंजन की सरकार बेपटरी हो गई है और निगम को सिर्फ आश्वासन ही मिला है। नेता विपक्ष ने कहा कि अगर दिल्ली सरकार को पेंशन और वेतन समय से देना है तो 2000 करोड रुपए की आवश्यकता अधिक थी लेकिन दिल्ली सरकार के बजट से दिल्ली नगर निगम के डेढ़ लाख कर्मियों को निराशा हाथ लगी है क्योंकि इस साल भी उन्हें वेतन और पेंशन के लिए परेशान होना पड़ेगा क्योंकि दिल्ली सरकार ने अपने बजट में कोई अतिरिक्त प्रावधान नहीं किया है।
नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा पेश किए अपने बजट में दिल्ली नगर निगम को बजट में मात्र 8423 करोड रुपए दिए हैं पिछले साल भी करीब इतनी ही राशि दी थी। उन्होंने कहा कि हमने देखा है कि कर्मियों, अधिकारियों को 2 महीने और पेंशन भी 2 महीने देरी से मिल रही है यह बकाया राशि करीब 2000 करोड़ रुपए है। राजा इकबाल सिंह ने कहा कि ना तो दिल्ली सरकार ने सफाई के लिए कोई योजना घोषित की है ना ही लैंडफिल साइट के लिए कोई योजना घोषित की है। सरदार राजा इकबाल सिंह ने कहा कि निगम चुनाव के समय केजरीवाल द्वारा लैंडफिल साइट खत्म करने के लिए 850 करोड़ रुपए देने की योजना फाइलों में ही रह गई है और निगम को एक भी रुपया नहीं मिला। राजा इकबाल सिंह ने कहा कि कर्मियों को पक्का करने के लिए कोई अतिरिक्त व्यवस्था बजट में नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि इससे पहले हमने देखा कि दिल्ली नगर निगम के बजट में भी कोई कर्मचारी के लिए योजना नहीं थी ना ही अतिरिक्त फंड की बात थी बस कागजी कार्रवाई पूरी की गई है।
नेता विपक्ष सरदार राजा इकबाल सिंह ने कहा कि हमारी मांग है कि दिल्ली सरकार कम से कम नगर निगम को तुरंत प्रभाव से 10 हजार करोड रुपए का एक राहत पैकेज दे ताकि कर्मियों के जो एरियर और उनके रिटायरमेंट के पास जो बेनिफिट मिलते हैं उसका पैसा बोनस और हेल्थ स्कीम के लिए उनके इलाज करने के लिए पैसे चाहिए होते हैं और लेकिन पैसे के न होने की वजह से उनको कैशलेस सुविधा नहीं मिल पाती है। इलाज के लिए तुरंत दिल्ली सरकार को चाहिए कि वह 10 हजार करोड रुपए निगम को देती लेकिन यह बड़ी दुख की बात है कि दिल्ली सरकार ने बजट में कोई प्रावधान नहीं किया।