लखनऊ। कोरोना वायरस अब थर्ड स्टेज में अपना रंग दिखा रहा है। देश की सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण से बुधवार को दो लोगों की मौत हो गई। बस्ती निवासी युवक ने गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ा तो मेरठ में बुजुर्ग ने अंतिम सांस ली।
उत्तर प्रदेश में अभी भी 105 लोग कोरोना वायरस पॉजिटिव हैं और करीब चार सौ लोग संदिग्ध हैं। इस जानलेवा वायरस के गहराते संक्रमण ने आज दो लोगों को अपना शिकार बना लिया। बस्ती निवासी 25 वर्षीय युवक ने गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ दिया। किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से आज ही इसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इतनी कम उम्र में कोरोना की वजह से मौत का यह देश में पहला मामला है। इससे पहले बिहार में एक 38 साल के व्यक्ति की कोरोना ने जान ली थी। अब तक यह माना जा रहा था कि कोरोना वायरस से सबसे अधिक खतरा बुजुर्गों को, श्वास संबंधी रोग से ग्रसित मरीजों को, किडनी के मरीजों या कमजोर इम्यूनिटी वालों को है।
मेरठ मेडिकल कालेज में भर्ती 72 वर्षीय कोरोना वायरस संक्रमित बुजुर्ग की मौत हो गई। जिस संक्रमित की मौत हुई है वह महाराष्ट्र के अमरावती से आए कोरोना संक्रमित युवक के ससुर थे। ससुराल आए इस युवक की 27 मार्च को रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके अगले ही दिन उनकी पत्नी तथा पत्नी के दो भाई भी पॉजिटिव हो गए। इसके बाद ससुस भी कोरोना वायरस की चपेट में आ गए। सभी को मेरठ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। जहां पर आज 73 वर्षीय बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया। इसी परिवार से जुड़े एक युवक की हालत गंभीर बनी है।
सीएमओ राजकुमार ने बुजुर्ग की मौत की पुष्टि की है। इसके साथ ही लखनऊ तथा मेरठ में भर्ती दो लोगों की हालत भी गंभीर बनी है। मेरठ मेडिकल कालेज के कोराना वार्ड में भर्ती संक्रमित की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है। यह युवक महाराष्ट्र के अमरावती से अपनी ससुराल मेरठ आया था। इसके संपर्क में आए 16 लोगों को भी कोराना की पुष्टि हो चुकी है।
मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर आर सी गुप्ता ने बताया कि मृतक मेरठ के पहले संक्रमित के ससुर थे। मृतक की उम्र 72 साल थी। वह 29 मार्च को एडमिट हुए थे। उसके बाद से उन्हें ऑक्सीजन पर रखा गया था। मंगलवार देर रात उनकी तबियत बिगड़ने लगी, जिसकी सूचना डॉक्टरों ने दी। उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया। प्रो गुप्ता ने बताया कि इस मरीज के साथ कुछ रिस्क फैक्टर भी था। उन्हें शुगर भी था और उम्र भी ज्यादा थी। बुधवार सुबह आठ बजे के करीब इनकी हालत ज्यादा ख़राब हो गई। 11 बजे के करीब अब्दुल अहमद की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमित मरीज की मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार ही होगा। इस बाबत कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उनकी बॉडी तीन परतों में पैक कराई जा रही है। साथ ही अन्य प्रोटोकॉल का भी पालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मृतक के दामाद ने कई लोगों में संक्रमण फैलाया है।
मेरठ में एक कोरोना पीडित बुजुर्ग मेडिकल कालेज में बने कोरोना वार्ड में भर्ती था। वहीं अमरावती से लौटे खुर्जा निवासी कोरोना पीड़ित की हालत गंभीर बनी हुई है। उसकेा देर रात हालत अधिक खराब हो जाने क बाद वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया है। जिस बुजुर्ग की मौत हुई है वह खुर्जा निवासी कोरोना पीड़ित का ससुर था। मेरठ में कोरोना के 13 मामले पाए गए हैं। जिनमें से 11 एक ही खानदान से संबंधित है। कोरोना से मेरठ में यह पहली और प्रदेश में दूसरी मौत है। इससे पहले एक मौत गोरखपुर में हो चुकी है। मेरठ में कोरोना पीड़ित की मौत होने के बाद से स्वास्थ्य विभाग में मेरठ से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मच गया। खुर्जा निवासी कोरोना पीड़ित को बचाने के चिकित्सीय प्रयास जारी है।
बस्ती के युवक की बाबा राघव दास मेडिकल में सोमवार को मौत हो गई थी। यह प्रदेश में किसी कोरोना पॉजिटिव की पहली मौत है। इतनी कम उम्र में मौत का देश में यह पहला मामला है। केजीएमयू लखनऊ के मीडिया प्रभारी डॉ सुधीर सिंह के मुताबिक गोरखपुर से जो सैम्पल आया था, वह जांच में पॉजिटिव मिला है। गोरखपुर में हुई जांच भी सही थी। केजीएमयू से क्रास चेक होना था। इसमें भी मामला सही पाया गया।
जिस युवक की मौत हुई है वह युवक बस्ती जिले के तुरकहिया मोहल्ले का रहने वाला था। उसकी उम्र 25 साल थी और वह परचून की दुकान चलाता था। पिछले तीन-चार महीनों से उसकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं पाई गई है, लेकिन आम तौर पर वह बीमार रह रहा था।युवक का गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अपना इलाज करवा रहा था। बीआरडी मेडिकल कॉलेज की लैब ने पहले ही इसमें कोरोना की पुष्टि कर दी थी। युवक की सोमवार को ही मौत हो गई थी, लेकिन बीआरडी मेडिकल कॉलेज ने नमूना दोबारा जांच करने के लिए केजीएमयू में भेजा था। आज केजीएमयू में दुबारा जांच के बाद युवक में फिर से करोना की पुष्टि हुई।
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कोरोना वायरस संक्रमण का यह संदिग्ध बीते रविवार को भर्ती कराया गया था। जांच के लिए इसका सैंपल मंगलवार को भेजा गया था। आज ही केजीएमयू ने अपनी रिपोर्ट में पॉजिटिव बताया था।बस्ती का युवक रविवार को मेडिकल कॉलेज में सांस फूलने की शिकायत लेकर भर्ती हुआ था। पहले मेडिसिन वार्ड में भर्ती किया गया। इसके बाद में तबीयत बिगडऩे पर उसे ट्रामा सेंटर के आइसीयू में लाया गया। वहां सोमवार को उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने संदेह के आधार पर कोरोना संक्रमण की जांच के लिए उसकी लार का नमूना लेकर लैब में भेज दिया। यहां जांच रिपोर्ट संदिग्ध आई थी। उसे पुन: जांच कराने के लिए किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) भेजा गया था। वहां हु़ई जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाने से मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मचा हुआ है। मरीज की देखरेख में दो डॉक्टर, दो स्टाफ नर्स व दो वार्ड ब्वाय लगे थे। उन्हें तत्काल आइसोलेट करा दिया गया है। बिना व्यक्तिगत सुरक्षा किट के मरीज की लार का नमूना लेने वाले दो लैब टेक्नीशियनों को भी हास्टल में आइसोलेट करा दिया गया है।
परिवार व डॉक्टरों को किया गया क्वारंटाइन
युवक को रविवार को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एडमिट करवाया गया था। पहले उसे कोरोना वार्ड में नहीं रखा गया था। लक्षण दिखने पर उसे कोरोना वार्ड में शिफ्ट किया गया था। जिन 12 डॉक्टरों ने उसका इलाज किया था उन्हें भी क्वारंटाइन किया गया है। प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने कहा कि रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई है। पूरी सावधानी बरती जा रही है। प्रत्येक डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टॉफ को प्रोटोकाल के अनुसार सुरक्षा किट उपलब्ध कराई जा रही है। पूरे वार्ड, आइसीयू व जिस रास्ते से मरीज गुजरा था, अगल-बगल की दीवालों को असंक्रमित कर दिया गया है। अब यहां पर नए आ रहे मरीजों को देखने में पूरी सावधानी बरतने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
दो महीने से था बीमार
परिवारवालों और पड़ोसियों का कहना है कि वह दो महीने से बीमार था। इस दौरान मोहल्?ले के ही दो डॉक्?टरों ने उसका इलाज किया। तबीयत में सुधार न होने पर उन्?हीं में से एक डॉक्?टर ने उसे बस्?ती जिला अस्?पताल भेजा। हालत और बिगड़ी तो रविवार को गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज ले जाया गया जहां सोमवार की सुबह आठ बजे उसकी मौत हो गई। रविवार को गोरखपुर मेडिकल कालेज लाया गया तो उसे सबसे पहले ट्रामा सेंटर में देखा गया। यहां से मेडिसिन विभाग के वार्ड नंबर 14 भेज दिया गया।डॉक्?टरों ने कोरोना वार्ड में तब भेजा जब रविवार रात उसकी तबीयत ज्?यादा बिगड़ गई। फिलहाल गोरखपुर से बस्ती तक इलाज करने वाले डॉक्टरों और स्टॉफ को आइसोलेशन में भेजा गया है। वह बस्ती में ही जमात में बतौर सेवादार कार्यरत था। उसने हाफिज की पढ़ाई की थी। तीन माह पहले ही उसका निकाह तय हुआ था। उसके मोहल्ले को भी क्वारंटीन करने की तैयारी चल रही है।
लखनऊ में कोरोना पॉजिटिव बुजुर्ग महिला की हालत बिगड़ी, आईसीयू में शिफ्ट
कनाडा से लौटी बहू से कोरोना वायरस का संक्रमण लेने वाली वृद्ध महिला की हालत मंगलवार को बिगड़ गई। लखनऊ में सेना के बेस अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कोरोना संक्रमित महिला को वार्ड से आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। उनके परिवार के तीन सदस्यों को भी क्वारंटाइन में भेज दिया गया। वृद्धा की बहू कनाडा से आई थीं। कोरोना की पुष्टि होने पर बहू को केजीएमयू में भर्ती कराया गया था। इसी बीच बहू के संपर्क में आने से 73 साल की वृद्ध महिला की तबीयत भी बिगडऩे लगी। महिला को बेस अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में 28 मार्च को भर्ती कराया गया था। उनकी पहली रिपोर्ट निगेटिव आई थी, जबकि पुणे से आई दूसरी रिपोर्ट पॉजिटिव निकली। मंगलवार को उनकी तबियत अचानक बिगड़ गई। रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता गार्गी मलिक सिन्हा ने बताया कि महिला को अभी आईसीयू में शिफ्ट किया गया है। कमांड अस्पताल में भर्ती एक अन्य रोगी में लक्षण पाए जाने पर उसके नमूने भी जांच के लिए पुणे भेजे गए हैं।