Wednesday, December 25, 2024
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सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल की बेहतरी के लिए होगा कार्य : डॉ. सुशील

– बैठक में एमएस ने दिया आश्वासन
– करीब 40 मिनट तक चली बैठक
– अस्पताल की बेहतरी को लेकर हुई चर्चा

नई दिल्ली, 8 सितम्बर 2022: दिल्ली देहात के नरेला स्थित सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल की दयनीय सुविधाओं में सुधार की मांग और बंद पड़ी स्वास्थ्य सेवाओं को चालू कराने के लिए ग्रामीणों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल संघर्ष समिति के बैनर तले गुरुवार को अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक (एमएस) डॉ. सुशील कुमार के साथ बैठक की। ग्रामीण सुरेंद्र पांचाल ने बताया कि करीब 40 मिनट चली बैठक में अस्पताल प्रशासन के साथ अस्पताल की बेहतरी को लेकर चर्चा की गई।

 इस दौरान एमएस ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि अस्पताल की बेहतरी के लिए वे हर संभव प्रयास करेंगे। बता दें कि करीब एक माह पहले ही डॉ. सुशील कुमार ने यहां एमएस का पदभार संभाला है। प्रतिनिधिमंडल में नरेश गुप्ता, सुरेंद्र पंचाल, राजव्रत आर्य आदि शामिल रहे। गौरतलब है कि समिति के बैनर तले ग्रामीणों ने उपराज्यपाल, दिल्ली सरकार और अस्पताल प्रशासन को इस अस्पताल की बेहतरी के लिए कई पत्र लिखे हैं।

संघर्ष समिति में पदाधिकारियों ने बताया था कि अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर बंद पड़े है, जिसके कारण सर्जरी नहीं की जा रही है। प्रसव पीड़ित अधिकतर महिलाओं को डिलीवरी के समय दूसरे अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है, अस्पताल में आईसीयू आज तक चालू नहीं हो पाया है और ट्रॉमा सेंटर भी नहीं बन पाया है जिसके कारण गंभीर रोगियों का इलाज हॉस्पिटल में नहीं हो पाता है।

संघर्ष समिति ने पत्र में बताया कि अस्पताल में डेंटल विभाग भी बंद है और लैब में आधुनिक मशीनें नहीं है और हॉस्पिटल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी चालू नहीं हो पाई है। वृद्धों और शुगर के मरीजों के लिए दोपहर को चलने वाली विशेष क्लीनिक भी बंद कर दिए हैं। अस्पताल में कार्डियोलॉजी का डिपार्टमेंट भी नहीं बन पाया है। जिसकी बहुत जरूरत है। अस्पताल को 773 बेड के कैंसर और ट्रॉमा सेंटर में अपग्रेड करने का कार्य भी बीच में रोक दिया गया है। इन सुविधाओं को बेहतर और बंद पड़ी सेवाओं को चालू करवाने के लिए सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल संघर्ष समिति के माध्यम से यह मांगे उठाई जा रही है। इस संबंध में दिल्ली के उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री और अस्पताल प्रशासन को भी पत्र लिखकर इस पर कार्रवाई करने के लिए अनुरोध किए गए हैं।

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