Thursday, October 17, 2024
Homeताजा खबरेंडीयू के वित्त पोषित 12 कॉलेजों के लिए 100 करोड़ की राशि...

डीयू के वित्त पोषित 12 कॉलेजों के लिए 100 करोड़ की राशि तत्काल जारी की जाए : एनडीटीएफ

  • बुनियादी ढांचागत मांगों को पूरा करने में विफल रही है दिल्ली सरकार
  • दिल्ली सरकार 12 कॉलेजों के सभी बकाया फंड को जारी करे
  • दिल्ली सरकार के वित्त पोषित कॉलेजों को अपने अधीन ले दिल्ली विश्वविद्यालय
  • वित्त पोषित 12 कॉलेजों की प्रबन्ध समिति के साथ-साथ डीयू के 20 कॉलेजों का भी राजनीतिकरण कर दिया है

नई दिल्ली, 10 सितम्बर 2022: डीयू की कार्यकारी परिषद् में सदस्य व एनडीटीएफ में महासचिव प्रो वी एस नेगी ने बताया कि एनडीटीएफ की दिल्ली सरकार से मांग है कि पूर्ण रूप से वित्त पोषित 12 कॉलेजों के लिए 100 करोड़ की राशि तत्काल जारी की जाए जिससे कि वेतन, भत्ते, पदोन्नति के लंबित बकाया और 7 वें वेतन, चिकित्सा बिल, बच्चों के शिक्षा भत्ते आदि की समस्या का समाधान हो सके। एनडीटीएफ की डीयू से मांग है कि इन कॉलेजों की प्रबन्ध समिति के तुरंत विस्तार सहित इन कॉलेजों को सीधे अपने अधीन लेने की प्रक्रिया आरंभ की जाए।

दिल्ली सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित 12 कॉलेजों में फंड कटौती अपने आप में अभूतपूर्व है जिसे किसी भी तरह से स्वीकार नहीं किया जा सकता है। पिछली किसी भी दिल्ली सरकार के समय उच्च शिक्षा के सामने ऐसा संकट देखने को नहीं मिला जैसा आप पार्टी नेतृत्व वाली सरकार के समय देखने को मिल रहा है। नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) के मीडिया प्रभारी डॉ. बिजेंद्र कुमार ने यह जानकारी देते हुए शनिवार को बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा प्रचारित उच्च शिक्षा का बहुचर्चित मॉडल दिल्ली के छात्रों की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम नहीं रहा है और पूरी तरह से विफल रहा है।

आप सरकार चुनावी वायदे के मुताबिक दिल्ली में 20 कॉलेज खोलने में विफल रही है। दूसरा, अंबेडकर विश्वविद्यालय, नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, डीटीयू, दिल्ली कौशल विश्वविद्यालय और हाल ही में असंबद्ध कॉलेज ऑफ आर्ट में अभूतपूर्व शुल्क वृद्धि दिल्ली सरकार के शिक्षा मॉडल को उजागर करती है जो स्व-वित्तपोषण मोड की ओर जा रहा है। आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने पूरी तरह से वित्त पोषित 12 कॉलेजों की प्रबन्ध समिति के साथ-साथ डीयू के 20 कॉलेजों का भी राजनीतिकरण कर दिया है। इन कॉलेजों के प्रबन्ध समिति अध्यक्षों ने लगातार कॉलेज के दिन-प्रतिदिन के मामलों में खुद को शामिल किया है और डीयू के कानूनों और अध्यादेशों के मानदंडों के विपरीत, अपनी शर्तों पर एकाधिकार और तानाशाही पूर्ण व्यवहार करने की कोशिश करते रहे हैं।

दिल्ली में आप पार्टी के सत्ता में आने के बाद से ही अपने राजनीतिक पूर्वाग्रह व विरोध के चलते दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज के प्राचार्य लगातार इनके उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं। साथ ही स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज के प्राचार्य और कालिंदी कॉलेज के पूर्व कार्यवाहक प्राचार्य को भी इसी कारण प्रताड़ित किया गया है। 12 पूर्ण वित्त पोषित कॉलेजों में दिल्ली सरकार एक तरफ इमारतों, क्लास-रूम, प्रयोगशालाओं, लड़कियों के कॉमन रूम, वॉशरूम, उपकरण आदि जैसी बुनियादी ढांचागत मांगों को पूरा करने में विफल रही है, दूसरी ओर वेतन, भत्ता, बकाया, चिकित्सा बिल आदि का भुगतान भी अपर्याप्त और अनियमित रूप से हो रहा है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments