– एनजीओ द्वारा जारी आंकड़े पर प्रदेश अध्यक्ष ने जताई चिंता
– बेघरों को सड़कों के किनारे न सोना पड़े और उन्हें उचित आश्रय गृह मिले
नई दिल्ली
दिल्ली की सड़कों पर ठंड के कारण 180 बेघरों की मौत हो गई है, जिससे स्पष्ट है कि लोग आश्रय गृहों की कमी या प्रवेश से इनकार के कारण सड़कों पर सोने को मजबूर हैं। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बेघरों के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन सेंटर फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट द्वारा दिल्ली में अत्यधिक ठंड के कारण बेघरों की मौत के मंगलवार जारी आंकड़ों पर चिंता व्यक्त की है। यह जानकर हैरानी होती है कि अरविंद केजरीवाल सरकार की आपराधिक लापरवाही के कारण जनवरी 2024 में दिल्ली की सड़कों पर खुले आसमान के नीचे ठंड के कारण औसतन हर दिन 9 लोगों की मौत हुई है। एनजीओ द्वारा जारी आंकड़े बताते हुए सचदेवा ने कहा कि दिल्ली सरकार में इस कद्र भ्रष्टाचार है कि जिन्हें किसी तरह आश्रय गृह में स्थान मिल जाता है तो दो समय का भोजन एवं स्वास्थ्य जांच जैसी बेसिक सुविधा भी नहीं मिलती।
सचदेवा ने बताया कि दिसंबर 2023 की शुरुआत में हमने ठंड के कारण बेघरों की मौत की बढ़ती संख्या का मुद्दा उठाया था और दिल्ली सरकार से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया था कि बेघरों को सड़कों के किनारे न सोना पड़े और उन्हें उचित आश्रय गृह मिले। दुर्भाग्य से दिल्ली सरकार की नोडल संस्था दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) आश्रय गृह उपलब्ध कराने के अपने उद्देश्यपूर्ण कर्तव्य में पूरी तरह से विफल रही है और संबंधित मंत्री आतिशी मानवीय कर्तव्य पर कोई ध्यान न देकर क्षुद्र राजनीतिक दोषारोपण के खेल में लगी हुई हैं।