- निर्माण श्रमिकों के पंजीकरण के लिए दिल्ली सरकार ने शुरू किया मेगा रजिस्ट्रेशन ड्राइव, 8 लाख श्रमिकों का होगा पंजीकरण
- श्रमिक देश के रीढ़ की हड्डी, जो देश को मजबूत करते हैं
- श्रमिक हमारे समाज का सबसे महत्वपूर्ण अंग, उनके सम्मान व हितों का ध्यान रखना दिल्ली सरकार की प्राथमिकता
- मोबाइल यूनिट द्वारा कार्यस्थल पर ही होगा श्रमिकों का पंजीकरण
- 45 पंजीकरण शिविरों में श्रमिक करवा सकते हैं अपना रजिस्ट्रेशन
नई दिल्ली : दिल्ली सरकार दिल्ली के श्रमिकों के कल्याण के लिए पंजीकरण अभियान की शुरुआत कर रही है। इस अभियान के माध्यम से दिल्ली के श्रमिकों को सरकार की विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जाएगा। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व श्रम मंत्री श्री मनीष सिसोदिया ने श्रमिकों पंजीकरण के लिए मेगा रजिस्ट्रेशन ड्राइव की घोषणा सोमवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान की। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में लगभग 10 लाख निर्माण श्रमिक हैं, जिनमें से 1.31 लाख श्रमिक दिल्ली सरकार के दिल्ली निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकृत है और लगभग 80 हजार श्रमिकों के पंजीकरण की प्रक्रिया जारी है। इस रजिस्ट्रेशन ड्राइव के माध्यम से लगभग 8 से लाख अधिक निर्माण श्रमिकों का पंजीकरण किया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिक देश के रीढ़ की हड्डी है, जो देश को मजबूत करते हैं। मजदूर खड़े हैं तो हमारी इमारतें खड़ी है, शहर खड़े हैं। इसलिए श्रमिकों के सम्मान व हितों का ध्यान रखना हमारी सरकार की मुख्य प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार, निर्माण श्रमिकों को दिल्ली निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकृत करने के लिए बड़े पैमाने पर पंजीकरण अभियान शुरू कर रही है ताकि अधिक से अधिक श्रमिक दिल्ली सरकार द्वारा श्रमिकों को मिलने वाले शिक्षा, मातृत्व, पेंशन, स्वास्थ्य योजनाओं आदि का लाभ उठा सकें। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार दिल्ली में 45 पर पंजीकरण शिविरों का आयोजन कर रही है। ये शिविर 29 सरकारी स्कूलों और 16 प्रमुख निर्माण स्थलों पर लगाए जाएंगे।
साथ ही सभी जिलों में मोबाइल इकाइयाँ लगातार दिल्ली के विभिन्न निर्माण स्थलों पर जाकर निर्माण श्रमिकों को पंजीकृत करेंगी, ताकि श्रमिकों को अपनी दिहाड़ी न कटवानी पड़े। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली में 262 प्रमुख लेबर चैक पर बहुत सारे श्रमिक काम की तलाश में इकट्ठा होते हैं। सभी लेबर चैक पर होर्डिंग्स, पोस्टर और हैंडबिल वितरण के साथ बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक निर्माण श्रमिकों को अपने नजदीकी स्थानों पर पंजीकरण शिविरों में जाकर पंजीकरण के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। काफी श्रमिकों का पंजीकरण समाप्त हो चुका है। जिन्हें अपने पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए सूचित कर दिया गया है और लगभग 52000 पंजीकरण प्रक्रिया में हैं जो जल्दी से पूरे हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि निर्माण श्रमिक नए पंजीकरण, पंजीकरण के नवीनीकरण और सत्यापन प्रक्रिया के लिए 22 फरवरी से 22 मार्च तक, सोमवार से शुक्रवार सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक शिविरों में जा सकते हैं।
उपमुख्यमंत्री ने दिल्ली की जनता से अपील करते हुए कहा कि वह इस मेगा ड्राइव में भागीदार बन अधिक से अधिक श्रमिकों तक इसका लाभ पहुंचाये। श्रमिक डोरस्टेप डिलीवरी सुविधा द्वारा भी अपना पंजीकरण करवा सकते है। श्रमिकों को केवल 1076 पर कॉल करना होगा और लेबर डिपार्टमेंट के लोग श्रमिकों की सुविधा के अनुसार उनके घर जाकर उन्हें पंजीकृत करवाएंगे।
श्रमिकों को दिल्ली सरकार से मिलने मिलने वाली सहायता के तहत घर निर्माण के लिए 3 लाख से 5 लाख रुपये, मातृत्व लाभ में 30000 रुपये, टूल खरीदने के लिए 20000 रुपये का लोन व 5000 रुपये की सहायता राशि, श्रमिकों के प्राकृतिक मृत्यु पर 1 लाख व दुर्घटना मृत्यु पर 2 लाख की सहायता राशि, अपंग हो जाने पर 1 लाख की सहायता राशि व 3000 रुपये प्रतिमाह पेंशन, बच्चों की स्कूली शिक्षा व उच्च शिक्षा के लिए 500 से 10000 रुपये प्रतिमाह, श्रमिकों व उनके बच्चों के विवाह के लिए 35000 से 51000 रुपये की सहायता राशि, वृद्धावस्था पेंशन के रूप में 3000 रुपये प्रतिमाह की सहायता राशि दी जाती है। इन योजनाओं के तहत इस माह 488 निर्माण श्रमिकों को 3.18 करोड़ रुपये की सहायता राशि वितरित की गई। इसके अलावा कोरोना के दौरान दिल्ली सरकार ने लगभग 1139 निर्माण श्रमिकों को 10000 रुपयों की सहायता राशि दी थी।