- एमसीडी के 6 हजार करोड़ के टोल टैक्स घोटाले पर एलजी ने क्यों अब तक नहीं दिया जांच का आदेश? – दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 2 महीने पहले सभी दस्तावेजों के साथ एलजी को पत्र लिख जांच की मांग की थी- क्या इस घोटाले में भाजपा का कोई बड़ा नेता शामिल है जो एलजी जांच कराने से भाग रहे हैं?- बीजेपी एमसीडी ने टोल टैक्स इकट्ठा करने के लिए एक कंपनी को 1200 करोड़ का टेंडर दिया था लेकिन पहले साल के बाद कंपनी ने पैसा देना बंद कर दिया – 2021 में एक नई कंपनी को वही टेंडर मात्र 700 करोड़ में दिया गया, इस अनुसार लगभग 6 हजार करोड़ का घोटाला बनता है – एलजी साहब आम आदमी पार्टी के खिलाफ रोज एक नई जांच का आदेश दे देते हैं, फिर वह भाजपा के खिलाफ जांच का आदेश क्यों नहीं दे रहे हैं : दुर्गेश पाठक
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर 2022 : ‘आप’ विधायक एवं एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी के 6 हजार करोड़ के टोल टैक्स घोटाले पर एलजी विनय सक्सेना ने अबतक जांच का आदेश नहीं दिया है। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 2 महीने पहले सभी दस्तावेजों के साथ एलजी को पत्र लिख जांच की मांग की थी। एलजी साहब आम आदमी पार्टी के खिलाफ रोज एक नई जांच का आदेश दे देते हैं लेकिन उन्हें मिलता कुछ नहीं है। क्या इस घोटाले में भाजपा का कोई बड़ा नेता शामिल है जो एलजी जांच कराने से भाग रहे हैं?
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता, विधायक एवं एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि आज से लगभग 2 महिने पहले हमने बहुत सारे दस्तावेज दिल्ली की जनता के सामने रखा था कि भारतीय जनता पार्टी ने एमसीडी में लगभग 6 हजार करोड़ रुपयों का टोल-टैक्स घोटाला किया है। उन्होंने एक कंपनी को 1200 करोड़ से ज्यादा का टेंडर दिया। उस कंपनी ने पहले साल पैसा दिया लेकिन उसके बाद पैसा देना बंद कर दिया। पैसे ना देने के बावजूद भाजपा उसी से टोल इकट्ठा करने का काम कराती रही। इसके बाद 2021-2022 में उन्होंने एक नई कंपनी को टेंडर दिया।
जो टेंडर पहली कंपनी को 1200 करोड़ रुपयों में दिया था, वही टेंडर दूसरी कंपनी को सिर्फ 700 करोड़ रुपयों में दिया। सबसे दुर्भाग्य की बात यह है कि दोनों सिस्टर कंपनियां हैं। जब हमने आंकड़ों को जोड़ा तो लगभग 6 हजार करोड़ का घोटाला सामने आया। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जी ने एलजी को पत्र लिखा था। साथ ही मामले से संबंधित सभी दस्तावेज भी एलजी को दिए थे। उन्होंने मामले की जांच कराने की मांग की थी। आज लगभग दो-ढाई महीने हो गए लेकिन एलजी ने अबतक जांच का आदेश तक नहीं दिया है। यहां तक कि पत्र को लेकर जो पावती लिखी जाती है, एलजी ने वह तक नहीं दी।
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि भाजपा का बहुत वरिष्ठ नेता इस घोटाले में शामिल हैं। शायद इसीलिए एलजी जांच का आदेश नहीं दे रहे हैं। आज दिल्ली की जनता के सामने भाजपा से प्रश्न पूछना चाहूंगा कि भाजपा का कौन वरिष्ठ नेता इस मामले में शामिल है? एलजी साहब किस नेता की जांच कराने से पीछे हट रहे हैं। दिल्ली की जनता की गाड़ी-कमाई का पैसा, जो कि लगभग 6 हजार करोड़ रुपए है, उसकी लूट की गई है। एलजी साहब हर सुबह उठते हैं और आम आदमी पार्टी के खिलाफ एक नई जांच का आदेश दे देते हैं। जांच में जब कुछ नहीं मिलता है तो फिर एक नई जांच का आदेश दे देते हैं। अभीतक वह आम आदमी पार्टी के खिलाफ कई जांच करवा चुके हैं लेकिन किसी में कुछ नहीं मिला। इसके बावजूद हम उनकी सभी जांचों का स्वागत करते हैं लेकिन एलजी साहब 6 हजार करोड़ के घोटाले की जांच भी तो कराएं। वह इसकी जांच से क्यों भाग रहे हैं?