Saturday, November 30, 2024
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दिल्ली की सड़कों को सुंदर और विश्वस्तरीय बनाएगी केजरीवाल सरकार, एक अप्रैल से शुरू होगा काम

– सीएम अरविंद केजरीवाल ने सड़कों को सुंदर बनाने को लेकर की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी रहे मौजूद – पीडब्ल्यूडी की टूटी सड़कों व गड्ढों के साथ टूटे फुटपाथ, सेंट्रल वर्ज, मेन होल्स, स्लैब, साइनेज, बिजली के खंभे, रेलिंग, लाइेंट्स और एफओबी रिपेयर किए जाएंगे- अक्सर सरकारी पैसा लुटाने के लिए एक पत्थर टूटने पर सारा फुटपाथ बदल दिया जाता है, पर हम यह नहीं करेंगे, सिर्फ टूटे हिस्से को ही रिपेयर करेंगे, ताकि पैसा बचे- एजेंसी को मेंटिनेंस के लिए 10 साल का कॉन्ट्रैक्ट दिया जाएगा, जो कुछ भी टूटने पर 24 घंटे में रिपेयर करेगी- 10 साल में हर सड़क की दो बार री-सर्फेसिंग होगी और तीन से छह महीने के अंदर सेंट्रल लाइन, जेब्रा क्रॉसिंग और फूटपाथ पेंट किए जाएंगे – प्रतिदिन मैकेनिकल स्पीपिंग के साथ सड़कों, फुटपाथों, पेड-पौधों को हफ्ते में तीन दिन धोया जाएगा और डीप स्क्रबिंग कर कचरा साफ किया जाएगा – पीडब्ल्यूडी की सड़कों के लिए डीप स्क्रबिंग मशीनें, 150 टैंकर्स व स्प्रिंकलर के साथ 100 मैकेनाइज्ड रोड स्पीपर हायर किए जाएंगे – एमसीडी के 250 वार्डों की सड़कों और उसके किनारे के पेड़-पौधों को धोने के लिए 250 एंटी स्मॉग गन कम स्प्रिंकलर हायर किए जाएंगे – दिल्ली जल बोर्ड के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले पानी का इस्तेमाल सड़कों को धोने में किया आएगा – थर्ड पार्टी कैमरा लगे वाहन से निगरानी करेगी, अगर कहीं कोई कमी दिखेगी तो कांट्रैक्टर पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा- एक सेंट्रलाइज्ड कम्प्लेंट सिस्टम होगा, जहां सड़क पर गंदगी, मिट्टी या गड्ढा दिखने पर कोई भी व्यक्ति शिकायत कर सकेगा – मशीनें हायर करने समेत अन्य कार्य में पहले साल करीब 4.5 हजार करोड़ रुपए खर्च होगा और फिर हर साल 2 हजार करोड़ रुपए खर्च होगा – अगले 10 दिनों में कैबिनेट से सारे प्रपोजल पास हो जाएंगे और एक अप्रैल से सारा काम शुरू हो जाएगा – अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली, 28 जनवरी, 2023 : दिल्ली सरकार दिल्ली की सड़कों को सुंदर और विश्वस्तरीय बनाएगी। इस पर एक अप्रैल से काम शुरू होने की उम्मीद है। इस संबंध में सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की और कहा कि पीडब्ल्यूडी की टूटी सड़कों व गड्ढों के साथ टूटे फुटपाथ, सेंट्रल वर्ज, मेन होल्स, स्लैब, साइनेज, बिजली के खंभे, रेलिंग, लाइेंट्स और एफओबी आदि रिपेयर किए जाएंगे। एजेंसी को मेंटिनेंस के लिए 10 साल का कांट्रैक्ट दिया जाएगा, जो कुछ भी टूटने पर 24 घंटे में रिपेयर करेगी। 10 साल में हर सड़क की दो बार री-सर्फेसिंग होगी। प्रतिदिन मैकेनिकल स्पीपिंग के साथ सड़कों, फुटपाथों, पेड-पौधों को हफ्ते में तीन दिन धोया जाएगा और डीप स्क्रबिंग कर कचरा साफ किया जाएगा। हम डीप स्क्रबिंग मशीनें, 150 टैंकर्स व स्प्रिंकलर के साथ 100 मैकेनाइज्ड रोड स्पीपर हायर करेंगे। इसी तरह, एमसीडी के 250 वार्डों की छोटी-छोटी सड़कों और उसके किनारे के पेड़-पौधों को धोने के लिए 250 एंटी स्मॉग गन कम स्प्रिंकलर हायर करेंगे। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले पानी का इस्तेमाल सड़कों को धोने में किया आएगा। थर्ड पार्टी कैमरा लगे वाहन से निगरानी करेगी। अगर कहीं कोई कमी दिखेगी तो कांट्रैक्टर पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। अगले 10 दिनों में कैबिनेट से सारे प्रपोजल पास हो जाएंगे और एक अप्रैल से सारा काम शुरू हो जाएगा।

– हम दिल्ली की सड़कों को सुंदर बनाना चाहते हैं, इसके लिए हमने कई पायलट प्रोजेक्ट करवाए और अब यह सफल होता दिख रहा है

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में आज एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक हुई। बैठक में उपमुख्यमंत्री एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री मनीष सिसोदिया, मुख्य सचिव समेत संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इस महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की सड़कों को साफ-सुथरा व विश्वस्तरीय बनाने और लास्ट माइल कनेक्टिविटी को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। इस संबंध में सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रेस वार्ता कर जानकारी देते हुए कहा कि मैं कई सालों से जिस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा था, अब वो प्रोजेक्ट सफल होता नजर आ रहा है। हम दिल्ली की सड़कों को बहुत सुंदर बनाना चाहते हैं। इस पर मैं कई सालों से काम रहा है। इस संबंध में कई पायलट प्रोजेक्ट करवाए। उन सबका परिणाम यह है कि अब यह प्रोजेक्ट सिरे चढ़ता नजर आ रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली सरकार सबसे पहले 45 फुट (18 मीटर से ज्यादा चौड़ी) से चौड़ी करीब 1400 किलोमीटर सड़कें पीडब्ल्यूडी के अधिकार क्षेत्र में आती हैं। हम पीडब्ल्यूडी की सारी सड़कों सुंदर बनाने जा रहे हैं। अक्सर देखा जाता है कि फुटपाथ के उपर स्लैब या कर्ब स्टोन निकला हुआ दिखाई देता है। कई जगहों पर फुटपाथ टूटे हुए हैं। सेंट्रल वर्ज टूटे पड़े हैं। पत्थर इधर-उधर पड़े हैं। ये सारे रिपेयर किए जाएंगे। सीएम ने रिपेयर करने पर बल देते हुए कहा कि अभी तक देखा गया है कि सरकारी पैसा लुटाने के लिए एक पत्थर टूटता है, तो सारा फुटपाथ बदल दिया जाता है। हम यह नहीं करेंगे। जहां एक पत्थर टूटा है, वहां एक पत्थर ही बदलेंगे और जहां दस टूटा है, वहां दसों को बदलेंगे। हम सारा फुटपाथ नहीं बदलेंगे। इससे पैसे की बचत होगी। सभी टूटे फुटपाथ, सेंट्रल वर्ज, मेन होल्स, प्री-कास्ट स्लैब, साइनेज, बिजली के खंभों को ठीक किया जाएगा। जिन खंभों पर बिजली काम नहीं कर रही है, उसको ठीक किया जाएगा। सभी सब-वे की खराब रेलिंग और लाइेंट ठीक की जाएंगी। टूटे फूट ओवर ब्रिज को रिपेयर किया जाएगा। सड़कों के किनारे लगी रेलिंग टूटी हैं, तो ठीक की जाएंगी और टूट स्ट्रीट फर्नीचर को रिपेयर जाएगा। सड़कों के गड्ढों को भरा जाएगा, टूटी सड़कों को भी ठीक किया जाएगा। 

– टूटी सड़कें और फूपाथ 24 घंटे के अंदर रिपेयर किए जाएंगे, ताकि दिल्ली की सड़कें हमेशा चमकती और सुंदर नजर आएं

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमें उम्मीद है कि वर्क ऑर्डर 20 मार्च के आसपास हो जाएगा और एक अप्रैल से काम चालू हो जाएगा और उसके छह महीने के अंदर रिपेयर का सारा काम पूरा कर लिया जाएगा। उसके बाद के मेंटिनेंस के लिए हम 10 साल का कांट्रैक्ट दे रहे हैं। इसके तहत जब भी कुछ टूटेगा, तो वो तत्काल रिपेयर किया जाएगा। उसके लिए नया कांट्रैक्ट देने की जरूरत नहीं होगी। ब्रिज,  फुटपाथ या कहीं पर भी कुछ टूटेगा, तो 24 घंटे के अंदर उसको रिपेयर किया जाएगा, ताकि दिल्ली की सड़कें हमेशा चमकती और सुंदर नजर आएं। इसी तरह, सड़कों में भी कहीं अगर गड्ढा या क्रैक होगा, तो उसको भी 24 घंटे के अंदर रिपेयर किया जाएगा। पांच साल के अंतराल पर सड़क की रिपेयरिंग करनी होती है। इसलिए 10 साल में हर सड़क की दो बार री-सर्फेसिंग की जाएगी। सेंट्रल लाइन, जेब्रा क्रॉसिंग और फूटपाथ आदि पर की गई पेंटिंग को तय मानक के अनुसार तीन से छह महीने में की जाएगी। ताकि सड़कें साफ-सुथरी नजर आएं। सड़कों और फूटपाथ की प्रतिदिन मैकेनिकल स्पीपिंग की जाएगी। इसके लिए कई मशीने हायर की जा रही हैं। सड़कों व फूटपाथों को हफ्ते में तीन दिन वॉश किया जाएगा। सड़कों के दोनों तरफ के पेड़ों को धोया जाएगा। डीप स्क्रबिंग की मशीनें लाई जा रही हैं, ताकि सड़कों पर जमा कचरा भी साफ किया जा सके। सड़कों पर फैला कूड़ा को उठाने के लिए भी मशीनें लाई जा रही हैं, उनसे सारा मलबा और कूड़ा साफ किया जाएगा। सड़कों के दोनों तरफ की रेलिंग को पानी से धोया जाएगा। हम मैकेनिकल स्पीपिंग के 100 से अधिक मैकेनाइज्ड रोड स्पीपर हायर करेंगे। इनके हायर करने से सड़कों को हर दूसरे-तीसरे दिन साफ किया जा सकता है। 150 से अधिक टैंकर्स और स्प्रिंकलर्स हायर किए जा रहे हैं। 150 टैंकर्स और स्प्रिंकलर्स से प्रतिदिन पीडब्ल्यूडी की 1400 किलोमीटर सड़कों धोई जाएंगी और दोनों तरफ पेड़-पौधों को भी धोया जाएगा।

– रोजाना सड़क से पोस्टर व बैनर हटाए जाएंगे और सड़कों की सेंट्रल वर्ज और दोनों तरफ खाली जमीन पर पौधे लगाए जाएंगे

सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि 250 से अधिक एंटी स्मॉग गन कम स्प्रिंकलर्स को हायर किया जा रहा है। दिल्ली में कुल 250 वार्ड हैं। हर वार्ड में एक मशीन दी जाएगी। इन 250 एंटी स्मॉग गन कम स्प्रिंकलर्स से दिल्ली की छोटी-छोटी सड़कों और सड़कों के दोनों तरफ लगे पेड़ों को धोया जाएगा। इसके लिए एजेंसी को फूटपाथ और सड़कों को धोने और मैकेनिकल स्पीपिंग के लिए 10 साल का कांट्रैक्ट दिया जाएगा। हमें उम्मीद है कि दिल्ली की सारी सड़कों को धोने के लिए प्रतिदिन लगभग 10 हजार किलोलीटर पानी की जरूरत पड़ेगी। जलबोर्ड के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले पानी को अभी यमुना में बहा दिया जाता है, लेकिन अब यह पानी सड़कों को धोने के काम आएगा। हम प्रतिदिन सड़कों पर पोस्टर्स, बैनर्स लगे होते हैं। अब इसको प्रतिदिन हटाया जाएगा। इसके अलावा, हम बड़े पैमाने पर पेड़ पौधे लगा रहे हैं। सड़कों की सेंट्रल वर्ज और सड़क के दोनों तरफ खाली जमीन पर बड़े स्तर पर पौधे लगाए जाएंगे। इसके लिए भी 10 साल का कांट्रैक्ट दिया जा रहा है। एजेंसी प्लांट लगाएगी और प्रतिदिन उनका रख-रखाव, धोने, खाद-पानी देने और अच्छी मिट्टी का काम करेगी। अगले 10 दिनों में कैबिनेट से यह सारे प्रपोजल पास हो जाएंगे और उम्मीद करता हूं कि एक अप्रैल से सारा काम शुरू हो जाएगा। 

– अगर सड़क पर कहीं कोई कमी दिखी तो कांट्रैक्टर पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह काम तब अच्छे से चलेगा, जब इसकी कड़ाई से निगरानी की जाएगी। इसकी थर्ड पार्टी निगरानी करेगी। उसके पास वाहन होंगे, वाहनों पर कैमरे होंगे। दिल्ली में पूरे दिन कई वाहन चलते रहे हैं और कैमरे से कैप्चर करती रहेंगी कि कितना काम हो रहा है। इसके एग्रीमेंट के अंदर भारी जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। अगर कहीं कोई कमी नजर आई तो कांट्रैक्टर पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। सारा सिस्टम पर डैश बोर्ड के उपर होगा, ताकि कड़ाई से निगरानी की जा सके। बहुत ही कड़े पैरामीटर बनाए गए हैं, जिनकी लगातार मॉनिटरिंग होगी। एक सेंट्रलाइज्ड कम्प्लेंट सिस्टम (केंद्रीकृत शिकायत प्रणाली) होगी। अगर सड़क पर कहीं गंदगी, मिट्टी या गड्ढा नजर आता है, तो दिल्ली का कोई भी नागरिक शिकायत कर सकता है। हम चाहते हैं कि सर्वश्रेष्ठ कंपनी इसके अंदर भाग लें। सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस प्रोजेक्ट पर आने वाली लागत के बारे में बताया कि पहले साल मशीनें आदि हायर करने में अधिक खर्च आएगा। हमें उम्मीद है कि पहले साल में करीब 4.5 हजार करोड़ रुपए लगेंगे। उसके बाद साल दर साल का खर्चा लगभग 2 हजार करोड़ रुपए लगेगा। 

– प्रोजेक्ट का उद्देश्य

इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य दिल्ली में सभी सड़कों को विश्व स्तरीय मेंटिनेंस कर एक नया मानदंड स्थापित करना है। सड़कों की मरम्मत और रखरखाव से दिल्ली के निवासियों को बहुत फायदा होगा। एजेंसी यह सुनिश्चित करेगी कि सड़कें हमेशा सुरक्षित, साफ-सुथरी और स्मूथ हों। कांट्रैक्ट अवधि के दौरान पेंट कर सड़कों को रिफलेक्टीव, नॉन फेडेड बनाकर रखा जाएगा, ताकि वाहन चालकों और पैदल चलने वालों को सड़कें आसानी से दिखाई दें। एजेंसी जल-जमाव को रोकने के लिए भी काम करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि सभी सड़कों के ढलान और स्तर उचित हों, जिससे एक सहज और आरामदायक ड्राइविंग का अनुभव मिले। इसके अतिरिक्त, एजेंसी न्यूनतम स्वीकार्य मानकों को पूरा करने के लिए आवश्यकता अनुसार सड़क को मजबूत करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी। इस प्रोजेक्ट से दिल्ली के निवासियों के लिए बेहतर और सुरक्षित सड़कें बनेंगी।

– प्रोजेक्ट की मुख्य विशेषताएं 

प्रोजेक्ट के तहत सड़क की मरम्मत और रखरखाव में फुटपाथों, मीडियंस और अन्य बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए कई तरह के काम किए जाएंगे। यह प्रोजेक्ट फ़ुटपाथ और मीडियंस पर सिविल कार्य के साथ शुरू होगी, जिसमें फ़ुटपाथ, साइकिल ट्रैक और सर्विस रोड की मरम्मत के साथ ही व्हीलचेयर उपयोगकर्ताओं के लिए रैंप का निर्माण और जहां जरूरी हो, वहां साइनेज में सुधार शामिल है। फ़ुटपाथ और मीडियंस पर विद्युत कार्य भी किया जाएगा, जिसमें मौजूदा केबलिंग सिस्टम की मरम्मत और रिले करना, खराब फीडर खंभों को बदलना और एस्केलेटर, लिफ्ट, सब-वे इलेक्ट्रिक पंप और प्रकाश व्यवस्था की मरम्मत और प्रतिस्थापन शामिल है। प्रोजेक्ट के तहत इन मरम्मत कार्यों के अलावा नए पौधों और झाड़ियों को लगाने साथ-साथ सिविल और बिजली के काम का रखरखाव, फुटपाथों और सेंट्रल वर्ज मीडियंस की नियमित साफ-सफाई और बागवानी का रखरखाव भी शामिल किया जाएगा। नए वृक्षारोपण शेड्यूल ऑफ क्वांटिटीज (एसओक्यू) के अनुसार किया जाएगा और गड्ढे भरने, छंटाई, खाद और पानी का कार्य नियमित रूप से किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत अच्छी गुणवत्ता वाली मिट्टी, धूल और मिट्टी के रिसाव को रोकने के लिए गीली घास की एक परत लगाने और पीडब्ल्यूडी की सड़कों को और अधिक हरा-भरा बनाने का कार्य भी किया जाएगा।

मेंटिनेंस कार्य में फुटपाथ की नियमित धुलाई और सफाई, पूरे पंक्ति की सफाई और मशीनीकृत सफाई, अतिक्रमण को रोकने के लिए उचित निगरानी और वार्ड, कूड़े, लावारिस मलबा का निपटान, पेड़ों, झाड़ियों, हेजेज की नियमित धुलाई और सफाई शामिल होगी। प्रदूषण को कम करने के लिए कर्ब स्टोन, जल जमाव की रोकथाम, झाड़ियों और पौधों की छंटाई, पानी और सिंचाई सिस्टम और क्षतिग्रस्त पेड़ों को आवश्यकता के अनुसार बदला जाएगा। साथ ही, क्षतिग्रस्त या फ्यूज्ड लाइटों को बदलना, सिस्टम के कुशल कार्य के लिए सभी सिविल एजेंसियों, ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय करना, पूरे पंक्ति से पोस्टर और बैनर हटाना, सब-वे की यंत्रीकृत सफाई, रेलिंग की सफाई, सड़क की मरम्मत शामिल है। फर्नीचर और साइनेज, एलजी पोर्टल्स, डब्ल्यूआईएमएस, पीडब्ल्यूडी सेवा, स्मार्ट सिटी एपीपी 311, आदि जैसे सभी वेब पोर्टलों पर शिकायतों का निपटारा किया जाएगा। प्रोजेक्ट में दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों और सभी स्तरों पर प्रगति की निगरानी के लिए एक नियंत्रण कक्ष की स्थापना की जाएगी। साथ ही त्वरित प्रतिक्रिया के साथ दिन-प्रतिदिन निगरानी की जाएगी।

-शिकायतों के निपटारे के लिए सेंट्रल कंट्रोल रूम बनाया जाएगा

सड़क के रखरखाव के लिए जिम्मेदार एजेंसी के पास कुशल और प्रभावी सेवा सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय होंगे। एजेंसी के काम पर नज़र रखने के लिए रिमोट मॉनिटरिंग का उपयोग किया जाएगा और आने वाली किसी भी शिकायत को तुरंत हल करने के लिए वाहनों को तैनात किया जाएगा। शिकायतों के निपटारे के लिए सेंट्रल कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा। एजेंसी को सड़कों पर किए गए सभी कार्यों के विस्तृत, जीआईएस-लिंक्ड डिजिटल रिकॉर्ड बनाए रखने की आवश्यकता होगी। यदि एजेंसी शर्तों का पालन नहीं करती है तो आरएफपी दस्तावेज़ में किसी भी आवश्यक लेवी को रेखांकित किया जाएगा।

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