– 11 सितम्बर 2023 से पुनः सिविल लाइन पर राज्य स्तरीय धरना जोरदार तरीके से होगा
– दिल्ली सरकार होश में आओ
नई दिल्ली, 4 सितंबर 2023 :
जब पिंक पिंक लहरायेगा होश ठिकाने आएगा, दिल्ली सरकार होश में आओ, इन्सेंटिव नहीं वेतन दो, सभी इंसेंटिव को चार गुणा करो, सरकारी कर्मचारी का दर्जा दो, बिना इंसेंटिव काम करना बंद करो, पॉइंट मुक्त 15 हज़ार वेतन दो आदि नारे लगाते हुए अपना विरोध प्रकट कर रही हैं। दिल्ली आशा वर्कर्स एसोसिएशन (दावा) के तरफ से घोषित आशा वर्कर्स की अनिश्चितकालीन हड़ताल का सोमवार को सातवां दिन है। दावा की तरफ से प्रकाश देवी ने बयान जारी कर बताया कि आशा वर्कर अलग अलग एरिया, डिस्पेंसरी, जिला, में धरना व प्रदर्शन पूरे जोश और ताकत के साथ कर रही है। दिल्ली की अलग अलग डिस्पेंसरी में 10 सितम्बर तक विरोध प्रदर्शन चलता रहेगा। 11 सितम्बर 2023 से पुनः सिविल लाइन पर राज्य स्तरीय धरना जोरदार तरीके से होगा। दिल्ली के विभिन्न इलाकों में सैंकड़ों आशाएं अपनी मांगों को जोरदार तरीके से उठा रही है। एआईयूटीयूसी इस आंदोलन को मज़बूत करने का दिल्ली की आशा वर्कर्स से पुरजोर अपील की है और साथ ही साथ सरकार से यह मांग करती है कि आशा वर्कर्स की मांगों को जल्द पूरा किया जाए।
दावा की सचिव उषा ठाकुर, अध्यक्ष सोनू और कार्यकारी अध्यक्ष शिक्षा, सरोज, सुजाता, निराज, निरु, संध्या, ललिता, मंजू, अनिता, निर्मला आदि नेत्रियां धरने को अपने अपने कार्य क्षेत्र में नेतृत्व दें रही है और आशा आंदोलनकारियों को हौसला बढ़ा रही है और बता रही है कि अंधी बहरी दिल्ली सरकार को हमारी मांगे पूरी करनी ही पड़ेगी। जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएगी तब तक हमारी हड़ताल जारी रहेगी। हम सरकार के पास बार-बार अपनी मांगों और समस्याओं का पत्र देते आए हैं। 19 जुलाई को हमने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज को अपना ज्ञापन दिया लेकिन हमारी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
दिल्ली आशा वर्कर्स एसोसिएशन ने बताया कि मजबूर होकर हमें अनिश्चितकालीन हड़ताल का फैसला लेना पड़ा है और 28 अगस्त से हम दिल्ली की आशाएं अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गई हैं। दावा यूनियन की सलाहकार प्रकाश देवी तथा एआईयूटीयूसी के दिल्ली राज्य सचिव मैनेजर चौरसिया ने अपने अपील में कहा है कि आने वाले समय में आंदोलन और तेज होगा। आशा वर्कर्स दिन-रात कड़ी मेहनत करके काम करती है लेकिन उनको पूरा मेहनताना नहीं मिलता। डॉक्टर और एएनएम के द्वारा तरह-तरह से शोषण किया जाता है। उनसे बिना इंसेंटिव भी काम करवाया जाता है।