– कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने किया भूमि पूजन
– कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा: 15 महीने में तैयार हो जाएगा नया भवन
नई दिल्ली, 17 अक्तूबर 2023 : दिल्ली यूनिवर्सिटी सोशल सेंटर सह-शिक्षा स्कूल, मौरिस नगर के क्षैतिज विस्तार कार्य का शुभारंभ डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने भूमिपूजन के साथ किया। स्कूल परिसर में आयोजित इस समारोह में कुलपति ने अपने हाथों से जमीन खोद कर नींव की ईंट भी रखी। इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि 27.21 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से बनने वाला यह भवन 15 महीने में तैयार हो जाएगा। कुलपति ने कहा कि आज वो बच्चों के चेहरे पर जो मुस्कान देख रहे हैं, वह मुस्कान बहुत अच्छी है और नि:संदेह 15 महीने बाद यह मुस्कान और बढ़ जाएगी। प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि हमारा उद्देश्य बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ अच्छे संसाधन उपलब्ध करवाना भी है। बच्चों की गिनती के हिसाब से स्कूल में भवन की जो कमी है वह नई इमारत के बाद हल हो जाएगी। उन्होने कहा कि फिलहाल स्कूल में नर्सरी से 10वीं कक्षा तक लगभग 600 बच्चे पढ़ रहे हैं, जबकि भवन में कुल आठ कमरे और दो हाल ही हैं। नए भवन के बाद विद्यार्थियों को बैठने के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध होगा। भूमिपूजन के अवसर पर कुलपति प्रो. योगेश सिंह के साथ दिल्ली विश्वविद्यालय के दक्षिणी दिल्ली परिसर के निदेशक प्रो. श्री प्रकाश सिंह, रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता, चीफ इंजीनियर अनुपम श्रीवास्तव और फ़ाइनेंस ऑफिसर गिरीश रंजन सहित विश्वविद्यालय और स्कूल से जुड़े अनेकों गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
बेसमेंट सहित चार मंज़िला भवन में होंगे 21 कमरे
कुलपति ने बताया कि 16754 वर्गमीटर क्षेत्रफल के प्लॉट पर बनने वाले नए भवन की परियोजना लागत करीब 27.21 करोड़ रुपए है। सिंगल ब्लॉक की इस इमारत में बेसमेंट के अलावा ग्राउंड फ्लोर सहित चार मंज़िलें होंगी। भवन का बेसमेंट क्षेत्र 697.0 वर्ग मीटर होगा जबकि कुल निर्मित क्षेत्र (ममटी और मशीन रूम सहित) 3709.07 वर्गमीटर होगा। भवन की अधिकतम ऊंचाई (मशीन कक्ष सहित) 19.15 मीटर होगी। क्लास रूमों व प्रयोगशालाओं सहित कुल 21 कमरों का निर्माण किया जाएगा। कुलपति ने बताया कि बच्चों की सुविधा के लिए भवन में लिफ्ट भी लगाई जाएगी।
1947 में शुरू हुआ था स्कूल
दिल्ली यूनिवर्सिटी सोशल सेंटर सह-शिक्षा स्कूल की शुरूआत सन् 1947 में की गई। आरंभिक दिनों में मौरिस नगर क्षेत्र की महिलाओं ने सेवा परमो धर्मः की भावना को चरितार्थ करते हुए चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के बच्चों को दिल्ली विश्वविद्यालय के कला संकाय में स्थित बरके (सैनिक निवास) में पढ़ाना आरम्भ किया। 1964 में स्कूल को दिल्ली नगर निगम द्वारा पाँचवीं कक्षा तक पंजीकृत किया गया और 1967 में इसे आठवीं तक अपग्रेड कर दिया गया। 1970 में इस स्कूल को शिक्षा निदेशालय द्वारा माध्यमिक विद्यालय (I-VIII) के रूप में मान्यता प्राप्त हुई। सन् 1989 में स्कूल को वर्तमान बिल्डिंग अनुदान में प्राप्त हुई। यह बिल्डिंग 250 विद्यार्थियों के बैठने की क्षमता के अनुसार अनुदान में दी गई थी किन्तु वर्तमान में लगभग 600 विद्यार्थी स्कूल में पढ़ रहे हैं। वर्ष 2003 में विद्यालय द्वारा संचालित नौंवी और दसवीं कक्षाओं को शिक्षा निदेशालय द्वारा (बिना सहायता अनुदान के) मान्यता प्राप्त हुई और केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा सहबद्धता भी प्राप्त हुई। 2014 में स्कूल ने दिल्ली विश्वविद्यालय और अभिभावकों के सहयोग से निजी रूप से नर्सरी विभाग आरंभ किया। स्कूल को समय-समय पर दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा अनुदान भी प्राप्त होता है जिसे विद्यार्थियों की शैक्षणिक गतिविधियों हेतु उपयोग में लाया जाता है।