29.73 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और भूगोल विभाग परिसर में 8 मंज़िला भवन
नई दिल्ली, 23 अक्तूबर।
दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति ने विश्वविद्यालय में ढांचागत सुविधाओं का विस्तार करते हुए 29.73 करोड़ रुपए की लागत सेबनने वाले “प्रज्ञान भवन” के निर्माण कार्य का शुभारंभकिया। यह आठ मंज़िला भवन दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और भूगोल विभाग के पिछले लॉन में बनेगा जोकि एफएमएस के निकट स्थित है। कुलपति ने भवन निर्माण के लिए पट्टिका का अनावरण करने के साथ नारियल फोड़ कर निर्माण कार्य की शुरुआत का शुभारंभ किया। उन्होंने बताया कि यह भवन लगभग 24 माह में बनकर तैयार हो जाएगा।
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में वर्तमान विद्यार्थी संख्या के हिसाब से भवन सुविधाओं में कहीं-कहीं कमी नज़र आती है। इस नए भवन के निर्माण से जहां पढ़ने के लिए बैठने की व्यवस्था का विस्तार होगा वहीं विद्यार्थियों के लिए आधुनिक स्तर की ढांचागत सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा के लिए शैक्षणिक वातावरण और योग्य शिक्षकों के साथ ढांचागत सुविधाएं भी अनुकूल होना आवश्यक है। इसीलिए दिल्ली विश्वविद्यालय में इन सुविधाओं के विस्तार के लिए नए भवनों का निर्माण किया जा रहा है। इस अवसर पर कुलपति प्रो. योगेश सिंह के साथ दिल्ली विश्वविद्यालय के दक्षिणी दिल्ली परिसर के निदेशक प्रो. श्री प्रकाश सिंह, डीन ऑफ कॉलेजेज़ प्रो. बलराम पाणी, रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता और चीफ इंजीनियर अनुपम श्रीवास्तव सहित विश्वविद्यालय और स्कूल से जुड़े अनेकों गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
4600 वर्ग मीटर निर्मित क्षेत्र में बनेंगे 17 कमरे
804100 वर्ग मीटर प्लॉट एरिया वाली इस परियोजना की अनुमानित लागत 29.73 करोड़ है। इसमें “प्रज्ञान भवन” नामक एक ब्लॉक होगा जिसकी इमारत में भूतल के अलावा सात मंज़िलें होंगी। 187.0 वर्ग मीटर के यू.जी.टी पंप रूम क्षेत्रफल सहित इस भवन का कुल निर्मित क्षेत्र (ममटी और मशीन रूम सहित) 4600 वर्ग मीटर होगा। इसमें प्रस्तावित 9 क्लास रूम और 8 ट्यूटोरियल रूम को मिलकर कुल 17 कमरों का निर्माण होगा। इस भवन की अधिकतम ऊँचाई (मशीन रूम सहित) 36.8 मीटर होगी। “प्रज्ञान भवन” के निर्माण के लिए कुल अनुमानित समय 24 महीने रखा गया है। इस भवन में हर सुविधा का ध्यान रखते हुए 2 लिफ्टें होंगी। वीआरवी केंद्रीकृत एयर कंडीशनिंग सिस्टम, यूपीएस सिस्टम, सोलर पैनल सिस्टम और गैस आधारित अग्निशमन प्रणाली का प्रावधान भी किया जाएगा।