- 15 सितंबर से 26 अक्टूबर तक मिली जानकारी के अनुसार कुल पराली जलाने के 7136 मामले सामने आए हैं जिनमें से सिर्फ पंजाब से 3293 मामले आए हैं : सचदेवा
- राघव चड्ढा ट्वीट कर जिन 6023 पराली जलाने के मामलों को पंजाब का बता रहे हैं वह असल में 6 राज्यों का आंकड़ा है और उसमें से 2704 अकेले पंजाब के हैं : वीरेन्द्र सचदेवा
- कल 26 अक्टूबर को कुल 1113 पराली के मामले सामने आए थे जिनमें से 589 पराली जलाने के मामले पंजाब में दर्ज किए गए : सचदेवा
नई दिल्ली, 27 अक्टूबर 2023 : दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण सिर्फ दो महिने का नहीं बल्कि पूरे साल की समस्या है और अरविंद केजरीवाल एवं उनके मंत्रियों ने इसे कभी गंभीरता से नहीं लिया और यही कारण है कि इस समस्या के समाधान के लिए सरकार क्या उपाय कर रही है, यह बताने की जगह अब वह प्रतिदिन नई नई बातें रख रही है। प्रेसवार्ता में प्रदेश मंत्री हरीश खुराना, मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर एवं प्रदेश भाजपा मीडिया रिलेशन प्रमुख विक्रम मित्तल उपस्थित थे।
वीरेन्द्र सचदेवा ने आई.सी.ए.आर. की रिपोर्ट और नासा द्वारा ली गई सैटेलाइट पिक्चर को दिखाते हुए कहा कि 15 सितंबर से 26 अक्टूबर तक मिली जानकारी के अनुसार कुल पराली जलाने के 7136 मामले सामने आए हैं जिनमें से सिर्फ पंजाब में 3293 मामले आए हैं जबकि आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चढ्ढा इस पर बड़े सफाई के साथ झूठ बोल रहे हैं कि हमारी सरकार ने पराली जलाने के मामले को 50 फीसदी से अधिक कम किया है।
राघव चड्ढा ट्वीट कर जिन 6023 पराली जलाने के मामलों को पंजाब का बता रहे हैं वह असल में 6 राज्यों का आकड़ा है जिसमें से 2704 अकेले पंजाब के हैं। सचदेवा ने कहा कि कल 26 अक्टूबर को कुल 1113 पराली के मामले सामने आए थे जिनमें से 589 पराली जलाने के मामले पंजाब में दर्ज किए गए। वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी सिर्फ घोषणों की सरकार है और वह बड़े आराम से झूठ बोलते हैं। सरकारी आकंड़ों को भी यह झूठ साबित करने का काम करते हैं। पंजाब अकेले 53 फीसदी पराली जलाने के मामले का जिम्मेदार है। इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार की भेंट कनॉट प्लेस में बंद पड़ा हुआ स्मॉग टावर भी खड़ा है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि याद कीजिए केजरीवाल सरकार ने बायो डी-डकंपोजर बनाने का दावा किया था लेकिन सच्चाई यह है कि आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार साल 2020-21 में कैप्सूल बनाने का खर्चा 40 हजार, छिड़काव करने में खर्चा 21,56,780 रुपये खर्च रहा जबकि 2021-22 में कुल कैप्सूल का खर्चा 2 लाख और छिड़काव पर 43,95,757 रुपये खर्च किए गए जबकि इनके प्रचार के लिए कुल 15 करोड़ 80 लाख रुपये खर्च किए गए जबकि इतने पैसे लूटाने के बाद कुल 645 किसानों को ही लाभ मिला।
हरीश खुराना ने कहा कि प्रदूषण के नाम पर केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के खजाने को लूटने का काम किया है। ऑड ईवन अभियान के लिए केजरीवाल सरकार ने पिछले तीन सालों में कुल 55 करोड़ रुपये प्रचार प्रसार और अपने लोगों को सैलरी देने में खर्च किए हैं और यह भाजपा का आरोप नहीं बल्कि आरटीआई का जवाब है। स्मॉग टॉवर जो बंद पड़ा है लेकिन उसके मेंटनेंस के उपर 2 करोड़ 38 लाख रुपये का खर्चा हुआ है।
खुराना ने कहा कि केजरीवाल सरकार रियल टाइम सोर्स स्टडी को लेकर मामूली बजट आवंटन कर बंद करने की तैयारी पहले से ही कर रखी थी। साल 2021-22 में 12.26 करोड़, 2022-23 में 2.8 करोड़ और 2023-24 में मात्र 40 लाख रुपये आवंटित किया है। दिल्ली सरकार समझाए कि क्या 40 लाख में वह वैज्ञानिकों को तनख्वाह देगी या फिर सोर्स स्टडी अरैंज करवाएगी।