– दिल्ली भाजपा की मीडिया कार्यशाला सम्पन्न
– जिलों एवं मोर्चों में नियुक्त नये प्रवक्ताओं एवं मीडिया प्रमुखों को मीडिया व्यवस्था से जोड़ना
– खुराना एवं बांसुरी स्वराज और मुख्य प्रवक्ता अभय वर्मा ने अपने सत्रों में अपने मीडिया अनुभव साझा किए
– प्रवक्ता परिस्थिति अनुसार हिंदी अंग्रेजी ही नहीं क्षेत्रीय भाषाओं में भी अपनी बात रखें
नई दिल्ली, 7 फरवरी 2024
दिल्ली भाजपा की मीडिया कार्यशाला बुधवार को एनडीएमसी सभागार में सम्पन्न हुई। इस दौरान भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख सांसद अनिल बलूनी ने प्रवक्ताओं को प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ ही यू ट्यूब चैनलों का उपयोग बढ़ाने का संदेश दिया। इससे पहले बलूनी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला को प्रारम्भ किया और प्रथम सत्र को सम्बोधित किया। अनिल बलूनी ने दिल्ली भाजपा को आगामी चुनाव के दृष्टिकोण से मीडिया सम्पर्क एवं उपयोग पर करणीय कार्य दिये और सभी प्रवक्ताओं को समझाया कि वह मैं यानि खुद के नहीं हम यानि संगठन के प्रसार के लिए प्रवक्ता दायित्व का उपयोग करें। दिल्ली भाजपा मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने संचालन करते हुए कहा कि इस मीडिया कार्यशाला का उद्देश्य संगठात्मक जिलों एवं मोर्चों में नियुक्त नये प्रवक्ताओं एवं मीडिया प्रमुखों को मीडिया व्यवस्था से जोड़ना एवं करणीय कार्यों से अवगत कराना है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने अपने संबोधन सत्र में संगठनात्मक गतिविधियों के साथ ही राजनीतिक विरोध को मुखर करने में मीडिया विभाग की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की और डिजिटल चैनलों के माध्यम से जन समस्याएं उठाने को कहा। राष्ट्रीय सह प्रमुख डॉ. संजय मयूख ने अपने सत्र में कहा कि मीडिया में निस्वार्थ कार्य कर हम अपने नेतृत्व विकास के साथ ही समाज की समस्याओं के समाधान के लिए भी काम कर सकते हैं। राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रत्यूष कंठ ने बहुभाषी प्रवक्ताओं के विकास पर बल देते हुए कहा कि प्रवक्ता परिस्थिति अनुसार हिंदी अंग्रेजी ही नहीं क्षेत्रीय भाषाओं में भी अपनी बात रखें।
प्रदेश मंत्री हरीश खुराना एवं बांसुरी स्वराज और मुख्य प्रवक्ता अभय वर्मा ने अपने सत्रों में अपने मीडिया अनुभव साझा किये और नये प्रवक्ताओं को स्थानीय समस्याओं को उठाने का महत्व समझाया। कार्यशाला के बीच बीच में सभी सम्मलित प्रदेश एवं जिला प्रवक्ताओं एवं मोर्चा मीडिया प्रमुखों को एक एक मिनट में अपने सुझाव एवं अपेक्षा रखने का मौका भी दिया गया जिसके चलते कार्यशाला ने दो तरफा संवाद का रूप भी लिया।