- आपके अंदर हुनर है तो आप बहुत आगे जाएंगे
- दिल्ली सरकार ने सन फाउंडेशन के साथ छात्रों में स्किल डेवलप करने के लिए ‘वर्ल्ड क्लास स्किल सेन्टर’ की शुरुआत की।
- सेंटर में 8वीं से लेकर स्नातक के बच्चों के लिए शुरु किए गए 10 कोर्स
- 6 माह के फ्री फुल टाइम स्किल ट्रेनिंग प्रोग्राम से लाभान्वित होंगे 800 बच्चे
- रोजगार की समस्या को दूर करने का एकमात्र उपाय है कौशल
नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने सन फाउंडेशन के साथ छात्रों में स्किल डेवलप करने के लिए ‘वर्ल्ड क्लास स्किल सेन्टर’ की शुरुआत की। इस स्किल सेंटर का उद्घाटन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज आईटीआई कैंपस, जेल रोड, हरि नगर में किया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हम ये सपना देख रहे हैं कि हर बच्चा अच्छे से पढ़ लिख सके और कुशल बन सके। वर्ल्ड क्लास स्किल सेंटर की शुरुआत इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे दिल्ली के बच्चें कुशल बनेंगे व देश के विकास में भागीदारी देंगे।
सिसोदिया ने कहा कि हम दिल्ली का आठवां वर्ल्ड क्लास स्किल सेंटर शुरू कर रहे हैं। पहला सेंटर सिंगापुर गवर्नमेंट के सहयोग से 2015 में शुरू किया गया था। 1 साल के अंदर उसके रिजल्ट इतने शानदार आए कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेज से सामान्य स्नातक और प्रोफेशनल कोर्स करने वाले,चार साल का कोर्स पूरे करने वाले बच्चों की इतनी नौकरियां नहीं लग रही थी। जितना कि इस वर्ल्ड क्लास स्किल सेंटर के माध्यम से लग रही थी। क्योंकि बाजार में स्किल की मांग ज्यादा है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के बाद सबसे ज़्यादा नौकरी उन लोगों को मिली है जिन्हें कोई न कोई कौशल आता था। इसलिए दिल्ली सरकार अपने वर्ल्ड क्लास कौशल केंद्रों के माध्यम से बच्चों को कुशल बनाना चाहती है।उन्होंने कहा कि बेरोजगारी की समस्या को केवल स्किल के माध्यम से दूर किया जा सकता है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में हर साल ढाई लाख बच्चे स्कूल से निकल कर आते हैं और उनमें से केवल सवा लाख बच्चों को ही दिल्ली के उच्च शिक्षा संस्थान दाखिल दे पाते है। जिन बच्चों को हमारे उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिला नहीं मिलता वह बच्चे कहां जाएंगे। दिल्ली सरकार की योजना है कि उन बच्चों को स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी। ताकि वह जीवन में अपने स्किल के माध्यम से कुछ नया कर सकें।उन्होंने बताया कि एक आंकड़े के अनुसार देश में हर साल 50 लाख बच्चे स्किल का कोर्स करते है। उसमें से 50% को नौकरियां मिल जाती हैं,लेकिन बाकी को नहीं। उन्हीं लोगों को नौकरियां मिल पाती है जिन्होंने यहां से ज्ञान लेकर उसे और आगे बढ़ाया, नई चीजें सीखते रहें। उन लोगों को नौकरियां नहीं मिल पाई जिन्होंने डिग्री या सर्टिफिकेट को ही अंतिम सत्य मान लिया।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में पहले स्किल की ट्रेनिंग दी जाती थी पर दुर्भाग्यवश फॉर्मल डिग्री को इतना मान सम्मान मिलने लगा कि स्किल पर ध्यान ही नहीं दिया गया। लेकिन यदि आपके अंदर हुनर है तो आप बहुत आगे जाएंगे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार की कोशिश है कि दिल्ली के स्किल एजुकेशन सिस्टम को चैनेलाइज कर दें। हमारी कोशिश यही रहेगी कि यहां से आपको जो सर्टिफिकेट मिले वह किसी यूनिवर्सिटी के सर्टिफिकेट के रूप में मिले । इस सेंटर में आठवीं से स्नातक तक के विद्यार्थियों के लिए 10 कोर्सेज की शुरुआत की गई है।
राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क पर आधारित व राष्ट्रीय कौशल विकास निगम द्वारा मान्यता प्राप्त इस प्रोग्राम में असिस्टेंट फैशन डिज़ाइनर, इंटीरियर डिज़ाइनर, असिस्टेंट ब्यूटी थेरेपिस्ट, फील्ड इंजीनियर (RACW), वेब डेवलपर (कोडिंग कोर्स), सॉफ्टवेयर डेवलपर (कोडिंग कोर्स), ग्राफ़िक डिज़ाइनर, ड्यूटी असिस्टेंट, डेटा-एंट्री ऑपरेटर, सोलर पैनल इंस्टालेशन टेक्नीशियन आदि के कोर्स है। इसके अलावा ट्रेनीज को डिजिटल साक्षरता, स्पोकन इंग्लिश, सॉफ्ट स्किल और पर्सनालिटी डेवलोपमेन्ट सिखाया जाएगा। ये सभी कोर्स मुफ्त एवं 6 महीने की अवधि के होंगे। इस स्किल सेंटर से हर साल ट्रेनिंग प्रोग्राम के माध्यम से 800 ट्रेनीज को लाभ मिलेगा।
घरेलू और वैश्विक औद्योगिक मांग को देखते हुए छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए इस केंद्र की स्थापना अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ की गई है।जिसमें औद्योगिक यात्राओं, प्रशिक्षण सेमिनारों, सम्मेलनों और विशेषज्ञ व्याख्यान के साथ गहन शिक्षण शामिल है ताकि ट्रेनीज उन अवसरों को पा सके जिनका उन्हें इंतज़ार होता है। साथ ही साथ इससे ट्रेनीज को बेहतर प्लेसमेंट पाने में मदद मिलेगी।