- फर्जी वेबसाइट चलाने वालों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश
- खाद्य मंत्री इरान हुसैन ने खाद्य आयुक्त और अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को पैसे लेकर राशन कार्ड बनाने का दावा करने वाली फर्जी वेबसाइट के प्रति सचेत किया
- अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ने पुलिस को फर्जीवाड़ा करने वालों की जानकारी दी
- विशेष आयुक्त (एफसीएस) ने एफआईआर के लिए पुलिस से शिकायत दर्ज कराई
- दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू की
नई दिल्ली: दिल्ली के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के मंत्री इमरान हुसैन ने खाद्य और नागरिक आपूर्ति आयुक्त और अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को पैसे लेकर राशन कार्ड बनाने का दवा करने वाली फर्जी वेबसाइट(https://rationcardagent.co.in/digital-ration-card-application) चलाने वालों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इस फर्जी वेबसाइट से लोगों को डिजिटल राशन कार्ड के लिए पंजीकरण करने और राशन कार्ड बनाने के एवज में 407 रुपये शुल्क के रूप में जमा करने के लिए कहा जा रहा था।
खाद्य मंत्री इमरान हुसैन ने कहा कि दिल्ली सरकार कोविड-19 लॉकडाउन अवधि के दौरान राहत अभियान चला रही है, जहां न केवल राशन कार्ड धारक, बल्कि जिनके पास राशन सीर्फ नहीं है, उन सभी गरीब और जरूरतमंद लोगों को भी मुफ्त में राशन प्रदान किया जा रहा है। ऐसे समय में जनता के साथ फर्जीवाड़ा और सरकार के साथ धोखाधड़ी करना सिर्फ कानून का ही उल्लंघन नहीं है, बल्कि मानवता के खिलाफ अपराध है और ऐसे दोषी व्यक्तियों व फर्जीवाड़ा करने वालों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और कानून का उल्लंघन करने के लिए उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए।
मंत्री इमरान हुसैन ने सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति (सीएफएस) आयुक्त के सामने ऐसे फर्जी वेबसाइट की वजह से लोगों को होने वाले नुकसान पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होने कहा कि ऐसी फर्जी वेबसाइट द्वारा न सिर्फ गरीब जरूरतमंद लोगों को ठगा जा रहा है, बल्कि आवेदकों द्वारा दी गई व्यक्तिगत जानकारी का इनके द्वारा दुरुपयोग भी किया जा सकता है। खाद्य मंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों को इस मामले में एफआईआर दर्ज करने, मामले की जांच कर गिरफ्तारी करने के लिए तत्काल आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ने इस मामले की जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को दी है और उन्हें इस प्रकार के गंभीर अपराध में संलिप्त व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही खाद्य मंत्री इमरान हुसैन ने आयुक्त (खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति) के साथ इस मामले की समीक्षा की। इसके बाद, विशेष आयुक्त (खाद्य और नागरिक आपूर्ति), दिल्ली सरकार द्वारा पुलिस अधिकारियों को एक विस्तृत शिकायत दर्ज कराई गई, जिसमें तत्काल एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच करने और आरोपियों की गिरफ्तारी समेत आवश्यक कानूनी कार्यवाही का अनुरोध किया गया।
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और आईटी अधिनियम की धारा 66 डी के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की है और मामले की जांच शुरू कर दी है। मंत्री ने सीएफएस को इस मामले की त्वरित जांच और दोषियों को बिना किसी देरी किए सजा दिलाने के लिए पुलिस को आवश्यक सहायता देने का भी निर्देश दिया।
गौरतलब है कि कुछ लोगों द्वारा फर्जी वेबसाइट बनाकर आम लोगों से कुछ पैसे लेकर उन्हें डिजिटल राशन कार्ड बनाकर देने का झांसा दिया जा रहा है। इसके लिए आम लोगों को आरोपी फर्जी वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण करने के लिए कह रहे हैं। यह गैरकानूनी लाभ उठाने के इरादे से जनता के साथ ठगी की जा रही है। इसके साथ ही यह सरकार के साथ धोखाधड़ी का भी मामला है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अनुसार, “राशन कार्ड” का अर्थ लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन की दुकानों से आवश्यक वस्तुओं की खरीद के लिए राज्य सरकार या प्राधिकरण के तहत जारी एक दस्तावेज है। कानून के तहत सिर्फ राज्य सरकारों को ही राशन कार्ड जारी करने का अधिकार है, ऐसे में इस प्रकार की फर्जी वेबसाइट द्वारा राशन कार्ड बनाने के लिए लोगों को ठगना एक गंभीर मामला है।
खाद्य मंत्री इमरान हुसैन ने आम जनता से भी सतर्क रहने का अनुरोध किया है और किसी भी प्रकार की जालसाजी में न आने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सरकार की सभी योजना की जानकारी सरकारी वेबसाइटों पर उपलब्ध है। साथ ही साथ लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी मौजूद है। उन्होंने कहा कि सरकार जरूरत मंद लोगों को मुफ्त में राशन मुहैया करा रही है और राशन के लिए ई-कूपन तैयार करने के लिए सरकार द्वारा कोई पैसा नहीं लिया जा रहा है।