- करीब 200 मजदूरों, गरीबांे व जरुरत मंद लोगों को खाना खिलाया
- मेहरौली तथा छत्तरपुर में चल रही “कांग्रेस की रसोइयों” का जायजा लिया
- डॉ. भीम राव अंबेडकर जी ने हमेशा हिंदुस्तान के समाज को रोशनी दिखाने का काम किया
- दिल्ली के 14 जिलों में दिल्ली काँग्रेस के “आओ हाथ बढ़ाये” कार्यक्रम
- “कांग्रेस की रसोई” डॉ. भीम राव आंबेडकर जी को समर्पित
नई दिल्ली ः दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने सोमवार को अपने घर पर चल रही ‘कांग्रेस की रसोई” के माध्यम से करीब 200 मजदूरों, गरीबांे व जरुरत मंद लोगों को खाना खिलाया और उसके बाद मेहरौली तथा छत्तरपुर में चल रही “कांग्रेस की रसोइयों” का जायजा लिया और लोगों की समस्याएं भी सुनी। जिसमे लोगों ने उनको केजरीवाल सरकार द्वारा बांटे जाने वाले खाने की शिकायत की। चौधरी अनिल कुमार ने बताया कि लॉक डाउन के पहले चरण के आखरी दिन के एक दिन पहले तक भी केजरीवाल सरकार जरुरत मंद और गरीबों को अच्छी क्वालिटी का खाना देने में पूरी तरह विफल रही है और दिल्ली की गरीब जनता परेशानियों का सामना कर रही है।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि डॉ. भीम राव अंबेडकर जी ने हमेशा हिंदुस्तान के समाज को रोशनी दिखाने का काम किया है और पंक्ति में खड़े आखिरी व्यक्ति जिसमे गरीब, दलित, पिछड़े और मजदूर आते हैं उनकी लड़ाई लड़ी और उनमें सामाजिक चेतना का संचार भी किया इसलिए हमने कल मंगलवार को समानता के प्रतीक गरीबो, मजदूरों, पिछड़ों व दलितों के मसीहा डॉ. भीम राव आंबेडकर जी की जयंती के उपलक्ष में पूरी दिल्ली के 14 जिलों में दिल्ली काँग्रेस के “आओ हाथ बढ़ाये” कार्यक्रम के तहत चलने वाली “कांग्रेस की रसोई” को डॉ. भीम राव आंबेडकर जी को समर्पित किया है जिसके तहत उन जगहों पर डॉ. अंबेडकर जी के चित्र लगाकर माल्यार्पण करके उनको नमन करके उनके कार्यों को याद किया जाएगा। उसके बाद मजदूरों, गरीबो और जरुरत मंदों को पका हुआ पौष्टिक भोजन बाटा जाएगा ।
चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि हमने डॉ. आंबेडकर की इस सोच को आगे बढ़ाते हुऐ कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर लॉक डाउन के समय रोजाना तकरीबन 50 हजार गरीबो, मजदूरों, व जरुरतमंदो को पका हुआ ताजा पौष्टिक खाना खिलाने का कार्य शुरू किया हुआ है। उन्होंनें कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर जी ने हमारा इतना खूबसूरत संविधान बनाया जिसके तहत सभी धर्मों, जातियों और सम्प्रदाय के लोगों को समान अवसर दे कर उनके विकास का मार्ग प्रशस्त किया था। उन्होंने लिंग, जाति और सम्प्रदाय ने नाम पर भेद भाव को भी खत्म करने के प्रावधान संविधान में निहित किये थे परन्तु कुछ विघटनकारी ताकते बाबा भीमराव आंबेडकर जी द्वारा बनाइए गये संविधान को बदलना चाहती हैं जैसे की पीछे कुछ वर्षों में देखा भी गया है और उसी कड़ी में ये ताकतें संविधान में दिए गये आरक्षण को भी खत्म करना चाहती हैं।