- दिल्ली सरकार और निगम के भाजपा नेताओं ने बताया इसे निंदनीय व अमानवीय
- कोरोना वॉरियर्स की लिस्ट में स्पष्टता के साथ नगर निगम के कर्मचारियों को भी तत्काल प्रभाव से शामिल किया जाए और इसे पुनः जारी किया जाए
- तीनों नगर निगम के महापौर व स्थाई समिति के अध्यक्षों ने दिल्ली सरकार से कोरोना वॉरियर्स के लिस्ट में नगर निगम कर्मचारी को शामिल करने की मांग की
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने 19 अप्रैल को कोरोना वॉरियर्स की लिस्ट जारी की जिसके अनुसार डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, सिक्योरिटी, सैनिटेशन स्टाफ, पुलिसकर्मी या अन्य प्राइवेट, संविदा या सरकारी कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान संक्रमित हो जाने के कारण अगर मौत हो जाती है, तो उनके परिजनों को दिल्ली सरकार की ओर से एक करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जाएगी लेकिन दिल्ली सरकार ने इस लिस्ट से नगर निगम कर्मचारियों को बाहर रखा। इस पर दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि जो नगर निगम कर्मचारी दिन रात सातों दिन काम कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि महामारी के दौरान दिल्ली में लोग सुरक्षित हैं, इन्हें कोरोना वॉरियर्स की लिस्ट से बाहर रखना बेहद निंदनीय व अमानवीय है। संक्रमण के भारी खतरे के बीच नगर निगम कर्मचारी वॉरियर्स की तरह ही अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। दिल्ली के लोगों की सुरक्षा के लिए इन्होंने खुद जोखिम लेने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी।
तिवारी ने कहा कि दिल्ली सरकार के इस कदम ने साबित कर दिया है कि नगर निगम में भाजपा के होने के कारण नगर निगम के कर्मचारियों को हेय की दृष्टि से देखा जा रहा है व उन्हें दिल्ली सरकार की ओर से मिल रही सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है। तिवारी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से आग्रह किया है कि कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न हुए संकट के समय में इस तरह की ओछी राजनीति न करें। कोरोना वॉरियर्स की लिस्ट में स्पष्टता के साथ नगर निगम के कर्मचारियों को भी तत्काल प्रभाव से शामिल किया जाए और इसे पुनः जारी किया जाए।
दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि कोरोना संकट की इस घड़ी में नगर निगम कर्मचारियों ने बहुत मुस्तैदी से दिल्ली की सफाई और सैनिटाईजेशन व्यवस्था को संभाला है। निश्चित रूप से इन्हें भी कोरोना के खिलाफ लड़ने वाले योद्धाओं की सूची में शामिल करना चाहिए व एक करोड़ रुपये की मुआवजा राशि योजना में शामिल किया जाना चाहिए। पहले भी मुख्यमंत्री के सामने इस मामले को उठाया गया था और कुछ दिन पहले वीडियो कॉन्फ्रेंस भी की थी, लेकिन दिल्ली सरकार की ओर से इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। यहां तक कि नगर निगम कर्मचारियों के वेतन को लेकर पिछले दिनों ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र भी लिखा गया लेकिन कोई उचित कदम नहीं उठाया गया।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम महापौर सुनीता कांगड़ा व स्थाई समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता, उत्तरी दिल्ली नगर निगम महापौर अवतार सिंह व स्थाई समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश जेपी, पूर्वी दिल्ली नगर निगम महापौर अंजू कमलकांत व स्थायी समिति के अध्यक्ष संदीप कपूर ने भी दिल्ली सरकार से अनुरोध किया है कि तत्काल प्रभाव से नगर निगम कर्मचारियों को भी कोरोना वॉरियर्स की सूची में शामिल करें और इस संदर्भ में अपने मंत्रालय को निर्देशित कर नगर निगम कर्मचारियों के लिए भी सहायता राशि सुनिश्चित करें।