- अब निगम का यह ढुलमुल रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
- एमसीडी कर्मियों की मांगों को लेकर सिविक सेंटर में बैठक
नई दिल्ली, 23 जुलाई 2022: दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मियों के नियमित होने का कार्य अगस्त माह में शुरू हो सकता है। दिल्ली नगर निगम में कार्यरत सफाई कर्मचारियों की ज्वलंतशील एवं लंबित मांगों/समस्याओं को लेकर दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन संजय गहलोत ने उक्त बातें निगम आयुक्त ज्ञानेश भारती एवं निगम के अन्य उच्चाधिकारियों के साथ सिविक सेंटर में आयोजित बैठक में कही। बैठक में बारी बारी से कर्मियों की मांगों पर गहन विचार विमर्श किया गया और निष्कर्ष निकाला गया जिसमें प्रमुख रूप से जिन सफाई कर्मियों की प्रथम नियुक्ति 10 अप्रैल 2006 तक है, निगम की चरणबद्ध योजना के तहत पहले उन्हें नियमित किया जाएगा। बैठक में आयुक्त के अलावा, शिल्पा शिंदे (अतिरिक्त आयुक्त), अलका शर्मा (अतिरिक्त आयुक्त), संजीव मिश्रा (मुख्य श्रम कल्याण अधिकारी), पी सी मीना (मुख्य अभियंता) एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
गहलोत ने बताया कि इसमें वर्ष अप्रैल 1998 से आगे सभी कर्मियों को वरीयता देते हुए निगम नियमानुसार नियमित किये जायेंगे। इनके साथ साथ जो लेफ्ट आउट (छूटे हुए) मामले हैं उन्हें भी निपटा जाएगा। इनके अलावा करुणामूलक आधार पर कार्यरत हैं, उन्हें भी नियमित किया जाएगा। पत्रकारों से बातचीत में संजय गहलोत ने कहा कि निगम द्वारा पहले भी इस बाबत सेंकडो परिपत्र जारी किए जा चुके है जिनमे निगम द्वारा 2010 लगे कर्मचारियों को नियमित करने की बात कही गई है लेकिन अब अपनी स्वयं की बात से मुकर रहे हैं।
निगम के कार्यों के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए चेयरमैन संजय गहलोत ने कहा अब निगम का यह ढुलमुल रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आयोग के जो भी कर्तव्य है उनका परिपूर्ण रूप से पालन करते हुए कर्मचारियों को न्याय दिलाया जाएगा। बैठक के दौरान निगम की तरफ से 2010 तक नियमित करने पर उमा देवी वर्सेस कर्नाटक केस का जिक्र किया जिसके चलते निगम बाध्य है। इस मसले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चेयरमैन ने कहा कि इस बाबत आयोग सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा। चेयरमैन संजय गहलोत ने सभी ट्रेड यूनियन नेताओं से भी आह्वान किया है कि इस मामले में अगर कोई जानकारी अथवा निगम द्वारा लिखित आदेश एवं अन्य दस्तावेज हैं तो आयोग में तुरन्त जमा करवाएं ताकि एक हफ्ते की निश्चित अवधि में यह मामला सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया जा सके।
निगम में कार्यरत सभी नाला बेलदार जो 10 अप्रैल 2006 तक लगे हुए हैं उन्हें भी जल्द नियमित करने की निगमायुक्त ने इजाजत दे दी है। सेवानिवृत कर्मचारियों एवं नियमित हुए कर्मचारियों के एरियर का भुगतान भी निगम में कोष की उपलब्धता के आधार पर किया जाएगा। ईपीएफ के मसले पर भी आयोग की तरफ से निगम को चेताया गया। हरदयाल म्युनिसिपल लाइब्रेरी में कार्यरत कर्मचारी जो कर्मचारी 17-18 महीने से अपने वेतन से वंचित है। निगम द्वारा तुरंत 50 लाख की ग्रांट रिलीज की गई है तथा लाइब्रेरी के जिन कर्मचारियों को पहले नियमित किया गया बाद में वापस पार्ट टाइम कर दिया गया, इस संदर्भ में भी कमेटी बनाकर गहन जांच करने हेतु आयोग की तरफ से दिशा निर्देश दिए गए।
एक अन्य मामले में स्वामी दयानंद अस्पताल से हटाए गए 170 सफाई कर्मचारियों का मुद्दा भी एजेंडा में शामिल किया गया है, जिसका सकारात्मक परिणाम होगा ऐसा निगम कमिश्नर द्वारा आश्वासन दिया गया है। दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग की तरफ से डेम्स विभाग में कार्यरत सफाई कर्मचारियों की शिकायत के आधार पर निगम प्रशासन को यह भी हिदायत दी है कि किसी भी कर्मचारी का तबादला डिस्पेंसरी, मेटरनिटी होम अथवा अस्पतालों में न किया जाये। चेयरमैन संजय गहलोत ने कहा कि आयोग अपनी प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए बैठक की कार्यवाही (मिनिट्स) शपथ पत्र पर ली जाएगी।