- जनता की अदालत में गुनाहगार साबित होने पर अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को हिरासत में लिया गया
- प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता और नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी की उपस्थिति में कनॉट प्लेस में लगी जनता की अदालत
- नई आबकारी नीति को लेकर आदेश गुप्ता और रामवीर सिंह बिधूड़ी द्वारा पूछे सवालों का कोई जवाब नहीं दे पाए केजरीवाल और सिसोदिया
- नई आबकारी नीति के खिलाफ संघर्ष कर रहे दिल्ली भर की महिलाओं ने भी जनता की अदालत में पूछे सवाल
नई दिल्ली, 4 सितंबर 2022: दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता और नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी की उपस्थिति में रविवार को कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में जनता की अदालत (छद्म अदालत ) का आयोजन किया गया जिसमें दिल्ली की जनता ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर नई आबकारी नीति से सम्बंधित कई सारे सवाल पूछे। इसके साथ ही जनता के सवालों को जब आदेश गुप्ता और रामवीर सिंह बिधूड़ी ने केजरीवाल और सिसोदिया से पूछा तो उसमें से एक भी सवाल का जवाब वे नहीं दे सके। जनता की अदालत में सुनवाई के बाद दोनों आरोपियों को हिरासत में लेने का आदेश जनता के जज वरिष्ठ पत्रकार डॉक्टर राजवर्धन त्रिपाठी ने दिया। जनता की अदालत में भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया सह-प्रमुख संजय मयूख, प्रदेश महामंत्री कुलजीत सिंह चहल, प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक गोयल देवराहा एवं सुनील यादव सहित प्रदेश के अन्य पदाधिकारी और दिल्ली के बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
- राजस्व में 3000 करोड़ का कैसे नुकसान हो गया?
आदेश गुप्ता ने केजरीवाल और सिसोदिया से जनता की अदालत में सवाल करते हुए कहा कि नई आबकारी नीति में शराब की बिक्री में दोगुने से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई, लेकिन राजस्व में 3000 करोड़ का कैसे नुकसान हो गया? शराब माफियों को फायदा पहुँचने के लिए कमीशन को 2 फीसदी से 12.5 फीसदी क्यों कर दिया? उन्होंने जनता की अदालत में केजरीवाल के सामने अपने सवाल को रखते हुए कहा कि आपने तो स्वराज नामक पुस्तक में खुद ही लिखा है कि किसी भी क्षेत्र में शराब के ठेके खोलने से पहले वहां की महिलाओं और आरडब्ल्यूए संगठन से पूछकर फैसला लिया जाएगा, लेकिन नई आबकारी नीति के तहत गली-गली में शराब के ठेके खोलने के लिए किससे अनुमति ली गई? - पंजाब चुनाव शराब माफ़ियाओं के पैसों से ही लड़ा और चुनाव में पैसे पानी की तरह बहाया गया
आदेश गुप्ता ने अपने सवालों में जिक्र करते हुए कहा कि आखिर देवली की महिलाओं ने क्या जुर्म किया था जो आपने बाउंसर बुलवाकर उन्हें पिटवाने का काम किया? मंदिरों, स्कूलों के बगल में ठेके खोलकर किस समान वितरण की बात करते रहे? उन्होंने सवाल किया कि आखिर कौन सी मजबूरी थी जो आपने पंजाब चुनाव से ठीक पहले शराब नीति लागू किया। पंजाब चुनाव शराब माफ़ियाओं के पैसों से ही लड़ा और चुनाव में पैसे पानी की तरह बहाया गया।
- शराब के ठेके खोलने के पीछे कितने रुपये का भ्रष्टाचार किया?
नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने सवाल किया कि आप कहते हैं कि शराब के ठेकों की संख्या नहीं बढाई गई, लेकिन गली-गली में शराब के लगभग 850 से अधिक ठेके क्यों खोल दिये? उन्होंने मनीष सिसोदिया से सवाल करते हुए कहा कि विधानसभा में खुद आप कहते थे कि दिल्ली के 100 वार्ड हैं जहां शराब के ठेके नहीं खोले जा सकते, लेकिन बावजूद उसके मास्टर प्लान का उल्लंघन कर आपने शराब के ठेके क्यों खोले। शराब के ठेकों के अलावा हॉल, रेस्टोरेंट में भी आपने शराब परोसने की समय सीमा को बढ़ा दिया। इसमें आपने यह नहीं बताया कि शराब के ठेके खोलने के पीछे कितने रुपये का भ्रष्टाचार किया?
इसके अलावा दिल्ली की महिलाएं, जो नई आबकारी नीति के शुरुवात से ही संघर्ष कर रही थी और फिर उनके अथक प्रयासों के बाद कई शराब के ठेके बन्द कर दिए गए। उन्होंने भी जनता की अदालत में अपने सवाल रखें जिसका जवाब केजरीवाल और सिसोदिया नहीं दे पाए। जिन महिलाओं और समाजिक कार्यकर्ताओं ने नई आबकारी नीति की शुरुआत से ही विरोध किया उनमें हेमादत, इंद्रजीत पवार, ममता भारद्वाज, नायडू, सारिका गुप्ता एवं रेखा सिन्हा सहित कई अन्य महिलाएं और समाजिक कार्यकर्ता ने भी अपने सवाल पूछे।