– सीएम केजरीवाल का बड़ा तोहफा, ‘‘आप’’ सरकार बढ़े हुए पानी के बिलों के समाधान के लिए लाएगी वन टाइम सेटलमेंट स्कीम
– अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर वन टाइम सेटलमेंट स्कीम के प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट से हरी झंडी मिल जाएगी
– इस योजना से दिल्ली भर में गलत पानी के बिल प्राप्त करने वाले करीब 40 फीसद उपभोक्ताओं को लाभ होगा
– एरियर्स वाले सभी उपभोक्ता एक बार में रीकास्ट बिल का भुगतान कर पुराने बिल को समायोजित करा सकेंगे
– ओटीएस से डीजेबी को 2500 करोड़ रुपए का राजस्व मिलने की उम्मीद है
– स्कीम का लाभ उठाने वाले सभी उपभोक्ता को सक्रिय मीटर लगवाने होंगे, ताकि वो डीजेबी के बिलिंग के दायरे में आ सकें
– ओटीएस से उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी और दिल्ली जल बोर्ड को राजस्व मिलेगा
नई दिल्ली, 09 फरवरी 2024
दिल्ली में बढ़े हुए पानी के बिल पाने वाले 10 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार जल्द ही वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लेकर आ रही है। इस स्कीम की मदद से जिन लोगों के पानी के बिल गलत आए हैं, वो एक बार में रीकॉस्ट बिल जमा कर अपने पुराने बिल को समायोजित करा पाएंगे। इस प्रस्ताव को कैबिनेट से हरी झंडी मिलने के बाद इस योजना से दिल्ली के करीब 40 फीसद उपभोक्ताओं को लाभ होने की उम्मीद है, जो वर्तमान में बढ़े हुए पानी के बिल की समस्या का सामना कर रहे हैं। इस समस्या से निपटने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संबंधित विभागों को वन टाइम सेटलमेंट स्कीम को जल्द से जल्द कैबिनेट के समक्ष लाने का सख्त निर्देश दिया है। इस योजना के तहत दोबारा रीकॉस्ट की गई राशि के साथ नया बिल बनाकर उपभोक्ताओं को भेजा जाएगा। इसके बाद उपभोक्ता इस स्कीम के तहत नए रीकॉस्ट बिल का भुगतान कर सकते हैं। इससे उपभोक्ता पिछले सभी बकाया एक बार में चुका सकते हैं। इसके बाद उन उपभोक्ताओं का पानी का बिल माफ हो जाएगा, जिनका 20 किलोलीटर से कम पानी की खपत है। शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने विभाग को 14 फरवरी 2024 तक प्रस्ताव मंत्रिपरिषद में लाने के निर्देश जारी किए हैं।
ओटीएस योजना के तहत उपभोक्ताओं के गलत पानी के बिल पिछले वर्षों की औसत रीडिंग के अनुसार दोबारा जारी किए जाएंगे। पिछले एक वर्ष में दो ‘‘ओके रीडिंग’’ के आधार पर उनके बिलों को दोबारा तैयार किया जाएगा। वे उपभोक्ता, जो पिछले एक वर्ष में दो ‘‘ओके रीडिंग’’ प्रस्तुत करने में असमर्थ रहे हैं, उनकी रीडिंग की गणना पिछले 5 वर्षों के आधार पर की जाएगी। यदि खराब मीटर या बिल की समस्या 5 साल से अधिक पुरानी है तो बिल उपभोक्ता के पड़ोस के उपभोग पैटर्न के आधार पर दोबारा बनाया जाएगा। शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि रीकास्टिंग की पूरी प्रक्रिया वैज्ञानिक और तर्कसंगत तरीके से की जाएगी और यदि उपभोक्ता रीकास्टिंग राशि का भुगतान करता है तो पूरा बकाया समायोजित कर दिया जाएगा। मसलन, यदि किसी उपभोक्ता को 1 लाख रुपये का बढ़ा हुआ बिल मिला है और उसके उपभोग पैटर्न के आधार पर बिल को फिर से 7000 रुपये कर दिया जाता है, तो उस उपभोक्ता को केवल 7000 की एकमुश्त राशि का भुगतान करना होगा। यदि वह भुगतान कर देगा तो उसकी पूरी रकम समायोजित कर दी जाएगी। अगले बिलिंग चक्र से उसे नया बिल मिलेगा। यदि वह रीकास्टिंग राशि का भुगतान नहीं करता है, तो उसे पूरी राशि 1 लाख रुपये का भुगतान करना होगा।
दरअसल, सरकार को बढ़े हुए पानी के बिलों की बहुत सारी शिकायतें मिल रही हैं, जिसके कारण कई उपभोक्ताओं ने अपने पानी के बिल का भुगतान करना ही बंद कर दिया है। कई लोगों को मुफ्त जल योजना को स्वतः लागू होने और पिछली योजना के तहत बकाया राशि की 100 फीसद छूट के बारे में गलतफहमी थी। पानी मीटर रीडरों द्वारा मीटर रीडिंग गलत पंच करने की भी कई शिकायतें मिली हैं। इसके अलावा, कोविड के दौरान लॉकडाउन के कारण मीटर रीडिंग भौतिक रूप से नहीं की जा सकी। इसलिए, पानी के मीटरों की भौतिक रीडिंग के अभाव में बिल औसत रीडिंग (अर्थात प्रति माह 25 किलोलीटर उपयोग) के आधार पर बनाए जा रहे थे। पिछले बकाया और वर्तमान बिलों में जोड़ा गया विलंबित भुगतान अधिभार (एलपीएससी) अधिक पानी बिलों के मुख्य कारणों में से एक था। इसके परिणामस्वरूप अक्टूबर-नवंबर 2022 के दौरान दिल्ली जल बोर्ड पोर्टल पर 10,000 से अधिक शिकायतें आईं। इन सबके परिणामस्वरूप पानी के बिल गलत हो गए हैं, जिसके कारण कई उपभोक्ताओं ने अपने पानी के बिल का भुगतान करना बंद कर दिया है।
ओटीएस स्कीम से दिल्ली जल बोर्ड को भी काफी फायदा होने की उम्मीद है, क्योंकि उपभोक्ताओं द्वारा दोषपूर्ण बिलों का भुगतान न करने से डीजेबी को भी भारी नुकसान हुआ है। ओटीएस योजना न केवल उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत देगी बल्कि दिल्ली सरकार के लिए राजस्व भी पैदा करेगी। इस योजना से विभाग को लगभग 2500 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने की उम्मीद है। इस योजना का फायदा यह है कि बिल स्वचालित तरीके से दोबारा जमा हो जाएंगे। इसलिए, उपभोक्ताओं को व्यक्तिगत रूप से डीजेबी कार्यालयों में अपने बिलों में सुधार कराने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे उपभोक्ताओं को भी बड़ी सुविधा मिलेगी और उपभोक्ताओं द्वारा पहले का बकाया चुकाने की संभावना बढ़ जाएगी।
वहीं, जल मंत्री आतिशी ने कहा कि यह योजना उन सभी उपभोक्ताओं को डीजेबी के अंदर लाने में मददगार साबित होगी जिनके पानी के मीटर खराब हैं। वर्तमान में कई उपभोक्ता अपने खराब मीटर्स को ठीक कराने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। वन टाइम सेटलमेंट स्कीम का लाभ उठाने के लिए उपभोक्ताओं को चालू मीटर लगाना जरूरी हो जाएगा। जिनके मीटर खराब हैं उन्हें अपने मीटर बदलवाने होंगे। यह योजना दिल्ली जल बोर्ड ने पास कर दी है। शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अपने विभाग के अधिकारियों को इसे कैबिनेट के सामने रखने के आदेश दे दिए हैं। उपभोक्ताओं को अगले साइकल में रीकास्ट बिल दिया जाएगा और इस योजना का लाभ उठाने के लिए उनके पास 4 महीने का समय होगा। मुझे पूरा यकीन है कि इस योजना के आने से दिल्लीवासियों की पानी के बिल की समस्या हल होगी और दिल्ली जल बोर्ड की आय में बढ़ोतरी होगी।
– ओटीएस क्या है?
ओटीएस स्कीम के तहत उन सभी उपभोक्ताओं के पानी के बिलों को रीकास्ट किया जाएगा, जिनके पानी के बिल पिछले कुछ सालों से गलत आ रहे हैं। ये रीकास्टिंग दो श्रेणियों में की जाएगी- सेट ए- उन सभी उपभोक्ताओं को माना जाएगा जिनके पास कम से कम एक साल में दो ओके रीडिंग्स के साथ पानी के चालू मीटर्स हैं। अगर किसी के पास पिछले एक साल की ओके रीडिंग्स उपलब्ध नहीं हैं, तो पिछले 5 वर्षों के दौरान की ओके रीडिंग्स को माना जाएगा। सेट बी- इसमें में सेट ए से वंचित सभी उपभक्ता आएंगे और इसे ‘‘पड़ोसी के औसत’’ या उस इलाके में रह रहे बाकी उपभोक्ताओं के औसत पानी के इस्तमाल के आधार पर बिल रीकास्ट किया जाएगा। इस स्कीम का लाभ लेने वाले उपभोक्ताओं की 100 फीसदी एलपीएससी माफ कर दी जाएगी।
– इस योजना का लाभ कैसे उठाएं
इस योजना का लाभ उठाने के लिए उपभोक्ताओं को रीकास्ट बिल मिलने के बाद इस वन टाइम ऑफर को लेने के लिए चार महीने का समय मिलेगा। इसके अलावा उपभोक्ता को एक चालू पानी का मीटर भी लगवाना होगा। इससे उन सभी उपभोक्ताओं को डीजेबी के अंदर लाया जा सकेगा जिनके पानी के मीटर खराब हैं या उनमें किसी तरह की दिक्कत आ रही है।