कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने किया दिल्ली विश्वविद्यालय के एसओएल के नए शैक्षणिक सत्र का शुभारंभ
नई दिल्ली, 03 अक्तूबर 2022 : दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग के नए सत्र (2022-23) का शुभारंभ कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने सोमवार को लैपटॉप पर बटन दबाकर किया। दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस रीगल लॉज के कॉन्वेंशन हाल में आयोजित इस कार्यक्रम में एसओएल के छह नए कोर्सों को भी लॉंच किया गया। कुलपति ने बताया कि 28 वर्ष बाद एसओएल पाठ्यक्रम में छह नए कोर्सों को शामिल किया गया है। उन्होने बताया कि यूजी और पीजी के लिए शुरू किए जा रहे ये नए कोर्स रोजगार-उन्मुख और पेशेवर पाठ्यक्रम आधारित होंगे।
कुलपति ने नए सत्र का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह हर्ष का विषय है कि स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग के डायमंड जुबली वर्ष और विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष में दूरस्थ और सतत शिक्षा विभाग (डीडीसीई) के तहत छह नए कोर्सों को भी शुरू किया जा रहा है। विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष में एसओएल के नए कोर्सों की शुरुआत के लिए कुलपति ने दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग की निदेशक, प्रोफेसर पायल मागो एवं उनकी सम्पूर्ण टीम का धन्यवाद भी किया।
कुलपति ने कहा कि समय के साथ जरूरते बदलती रहती हैं, इसलिए उभरते भारत की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, इस वर्ष डीयू के इतिहास में पहली बार, डीडीसीई के माध्यम से यूजी और पीजी दोनों स्तरों पर प्रबंधन और अन्य कुछ पेशेवर कोर्स शुरू किए जा रहे हैं। उन्होने कहा कि यह सभी को समावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करके एक मानक स्थापित करेंगे। इन स्नातक स्तर/स्नातकोत्तर (यूजी/पीजी) कोर्सों से विद्यार्थियों की रोजगार क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी और उन्हें अपने रणनीतिक निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग की निदेशक, प्रोफेसर पायल मागो ने पीपीटी के माध्यम से सभी कोर्सों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होने बताया कि प्रति वर्ष लगभग साढ़े पाँच लाख विद्यार्थी एसओएल में प्रवेश लेते हैं। इन नए कोर्सों के बाद विद्यार्थियों की संख्या में और इजाफा होगा। उन्होने नए कोर्सों की जानकारी देते हुए बताया कि एमबीए को छोडकर बाकी सभी पाँच नए कोर्सों में सीटों की संख्या असीमित है। एमबीए में 20 हजार सीटों की स्वीकृति मिली है जिनके लिए दाखिले मेरिट के आधार पर होंगे। प्रोफेसर मागो ने बताया कि नए शैक्षणिक सत्र के लिए एसओएल के सभी कोर्सों में दाखिले एनईपी-2020 के तहत अंडरग्रेजुएट करिकुलम फ्रेमवर्क (यूजीसीएफ़)-2022 के अनुसार ही होंगे। इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह,, कैंपस ऑफ ओपन लर्निंग की निदेशक, प्रोफेसर पायल मागो, रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता एवं पीआरओ अनूप लाठर आदि सहित एसओएल के स्टाफ सदस्य, फ़ैकल्टी सदस्य तथा कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
ये होंगे नए कोर्स
पुराने पाठ्यक्रमों के अलावा एसओएल द्वारा इस वर्ष बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन: फाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट एनेलाइजेज (एफआईए), बैचलर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (बीएमएस) और बैचलर ऑफ आर्ट्स (ऑनर्स) अर्थशास्त्र नामक तीन नए कोर्स (पाठ्यक्रम) अंडर ग्रेजुएट लेवल पर शुरू किए जा रहे हैं। इनके अलावा मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए), बैचलर ऑफ लाइब्रेरी एंड इन्फॉर्मेशन साइन्स (बीएलआईएससी) व मास्टर ऑफ लाइब्रेरी एंड इन्फॉर्मेशन साइन्स (एमएलआईएससी) नामक तीन नए कोर्स पोस्ट ग्रेजुएट लेवल पर शुरू किए जा रहे हैं।
पहले से चल रहे कोर्स:
दिल्ली विश्वविद्यालय के एसओएल द्वारा पहले से चलाए जा रहे कोर्सों में अंडर ग्रेजुएट लेवल पर बैचलर ऑफ आर्ट्स (ऑनर्स) अंग्रेजी, बैचलर ऑफ आर्ट्स (ऑनर्स) राजनीति विज्ञान, बैचलर ऑफ कॉमर्स (ऑनर्स), बैचलर ऑफ कॉमर्स तथा बैचलर ऑफ आर्ट्स (बीए प्रोग.) शामिल हैं। इनके साथ ही पोस्ट ग्रेजुएट लेवल पर मास्टर ऑफ आर्ट्स (हिंदी), मास्टर ऑफ आर्ट्स (इतिहास), मास्टर ऑफ आर्ट्स (राजनीति विज्ञान), मास्टर ऑफ आर्ट्स (संस्कृत) तथा मास्टर ऑफ कॉमर्स (एम.कॉम.) कोर्स पहले से चलाए जा रहे हैं।
पूरी तरह से ऑनलाइन होगी प्रवेश प्रक्रिया
दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस ऑफ ओपन लर्निंग की निदेशक प्रोफेसर पायल मागो ने बताया कि पंजीकरण और प्रवेश प्रक्रिया, https://sol.du.ac.in पर पूरी तरह से ऑनलाइन होगी। इस सत्र से शुरू किए जा रहे सभी नए कोर्स दूरस्थ शिक्षा ब्यूरो और एआईसीटीई (एमबीए) द्वारा विधिवत अनुमोदित हैं। उन्होने बताया कि पंजीकरण प्रक्रिया, प्रवेश के लिए अनुसूची और बाद की प्रक्रिया का विवरण उसी लिंक पर ऑनलाइन बुलेटिन ऑफ इन्फॉर्मेशन (बीओआई) में उपलब्ध होगा।