- पूरी दिल्ली को नोटिस भेजकर मांग रही 2004 से आजतक का हाउसटैक्स जमा करने का सबूत – इतनी पुरानी रसीदें जमा नहीं कर पाने पर दिल्लीवालों को डरा-धमकाकर पैसे ऐंठने का अवसर ढूंढ रही एमसीडी – खुद एलजी व भाजपा नेता भी नहीं दे पाएंगे इतने वर्षों के हाउस टैक्स की रसीदें – एमसीडी के पास पहले से मौजूद सभी दस्तावेज, जिसके आधार पर आसानी से पता लगाया जा सकता है कि किसने हाउसटैक्स जमा किया और किसने नहीं – ‘आप’ सहन नहीं करेगी दिल्ली वालों का अपमान, हाउस टैक्स जमा नहीं करने वालों से डील करने का अन्य तरीका निकाले एमसीडी- दुर्गेश पाठक
नई दिल्ली, 13 जुलाई 2022 : आम आदमी पार्टी के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी पूरी दिल्ली को नोटिस भेजकर 2004 से आजतक का हाउसटैक्स जमा करने का सबूत मांग रही है। जो बिल्कुल संभव नहीं है। यह सिर्फ और सिर्फ दिल्लीवालों को लूटने की नई स्कीम है। इतनी पुरानी रसीद जमा नहीं कर पाने पर पहले दिल्लीवालों एमसीडी दफ्तर के चक्कर लगवाए जाएंगे। फिर पुलिस बुलाकर उन्हें डरा-धमकाकर पैसे ऐंठने का काम किया जाएगा। दुर्गेश पाठक ने कहा कि लगभग 18 वर्षों पुरानी रसीदें खुद एलजी व भाजपा नेता भी नहीं दिखा पाएंगे। एमसीडी के पास पहले से सभी दस्तावेज मौजूद हैं, जिसके आधार पर आसानी से पता लगाया जा सकता है कि किसने हाउसटैक्स जमा किया और किसने नहीं। आम आदमी पार्टी दिल्लीवालों का अपमान बिल्कुल सहन नहीं करेगी। एमसीडी हाउस टैक्स जमा नहीं करने वालों से डील करने का अन्य तरीका निकाले क्योंकि पूरी दिल्ली को परेशान करना बिल्कुल सही नहीं है।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता, राजेंद्र नगर से विधायक एवं एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले एलजी साहब ने दिल्ली वालों को चोर कहकर अपमानित किया था। दिल्ली वालों को बईमान कहा था। साथ ही यह कहा कि यदि दिल्लीवाले ईमानदारी से टैक्स जमा करें तो शायद एमसीडी देश के सभी निगमों से सबसे अमीर निगम होती। आम आदमी पार्टी ने उसपर विरोध भी जताया था। दिल्ली के लोग एलजी के ऐसे बयान से आहत हुए। लोगों का कहना है कि एमसीडी ना सड़कें साफ करती है और ना कूड़ा उठाती है। यह सब तो फिर भी सहन कर लेंगे लेकिन हमें चोर कहा जाए, ऐसा बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे।
‘आप’ विधायक ने कहा कि हमें लगा कि शायद एलजी साहब की लाइन में कोई गड़बड़ हो गई हो, वास्तव में वह कहना कुछ और चाहते हों। लेकिन हम गलत थे। ऐसा लग रहा है कि भाजपा शासित एमसीडी ने दिल्लीवालों को परेशान करने की कसम खाई है। अब उन्होंने दिल्ली की जनता को अपमानित करके लूटने की स्कीम निकाली है। भाजपा शासित एमसीडी पूरी दिल्ली में नोटिस भेजकर कह रही है कि आपने हाउस टैक्स जमा किया है या नहीं, इसका सबूत दो। आमतौर पर कोई भी व्यक्ति 4-6 महीने की रसीद दे देगा। ज्यादा से ज्यादा एक साल की रसीद दे देगा। लेकिन एमसीडी कह रही है कि हमें 2004 से लेकर आजतक की सभी रसीदें चाहिए। मुझे नहीं लगता है कि यह संभव है। यदि एलजी से इतने वर्षों की रसीद मांग ली जाए तो वह भी नहीं दे पाएंगे। मैं तो कहता हूं कि सबसे पहले भाजपा का कोई पार्षद, नेता या मंत्री इतनी पुरानी रसीद दिखाकर हाउस टैक्स जमा करने का सबूत पेश करे।
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ पैसा बनाने का माध्यम है। इतनी पुरानी रसीदें लोग दे नहीं पाएंगे। आप कुछ दिन उन्हें बार-बार दफ्तर बुलाएंगे, फिर पुलिस बुलाकर हर व्यक्ति पर 2-3 लाख रुपए बना लेंगे। यह पैसा वसूली का एक नया तरीका है। आपके पास सारा रिकॉर्ड मौजूद होगा कि किसने हाउस टैक्स जमा किया है और किसने जमा नहीं किया है। इतनी बड़ी एजेंसी के अंतर्गत आप इतना भ्रष्टाचार कर रहे हैं, पैसों की लूट कर रहे हैं तो आपके पास सभी रसीदें भी मौजूद होंगी। उन रसीदों के अनुसार जिन्होंने हाउस टैक्स नहीं जमा किया है उनसे बात करिए। लेकिन इस प्रकार पूरी दिल्ली को नोटिस भेजकर 2004 से लेकर आजतक की रसीद मांगना, उनका अपमान करना है, उनका मजाक उड़ाना है।
भाजपा शासित एमसीडी को चेतावनी देते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा कि ऐसी उलूल-जुलूल हरकतें करना बंद करें। आपने एमसीडी का चुनाव रोक दिया, आप कूड़ा नहीं उठाते हैं, नालियों की सफाई नहीं करते हैं। मॉनसून के दौरान दिल्ली के नाले साफ नहीं करते हैं जिससे दिल्ली में जलभराव होता है। इन सभी कारणों से दिल्ली वाले पहले ही बहुत परेशान हैं। आम आदमी पार्टी दिल्लीवालों का अपमान सहन नहीं करेगी। ऐसा लगता है एलजी साहब ने जो दिल्लीवालों के खिलाफ बोला है, उसको जबरदस्ती साबित करने के पीछे पड़ गए हैं। भाजपा शासित एमसीडी से हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि संबंधित अधिकारियों से बातचीत कर इस फैसले को वापस लें। जिसने-जिसने हाउस टैक्स नहीं जमा किया है, उससे डील करने का अन्य तरीका निकालिए। लेकिन पूरी दिल्ली को इस प्रकार परेशान करना बिल्कुल सही नहीं है।