- भाजपा शासित डीडीए 18 अगस्त को तोड़ने वाली है सभी 200 झुग्गियां – दीपक सिंगला
- विधायक ओम प्रकाश शर्मा ने डीडीए को पत्र लिख झुग्गियों को बचाने की बात करने की बजाय उन्हें खाली करवाने की बात कही, जिससे डीडीए की कार्रवाई में कोई बाधा न आए
- लगभग 25-30 सालों से झुग्गुयों में रह रहे हैं लोग, आज उन्हें बेघर करने की हो रही है साजिश
- आम आदमी पार्टी की मांग है कि यदि झुग्गियां हटानी है तो पहले लोगों को रहने के लिए अन्य स्थान दिया जाए
नई दिल्ली, 07 अगस्त 2022 :’आप’ एमसीडी सह-प्रभारी दीपक सिंगला ने कहा कि भाजपा शासित डीडीए ने कस्तूरबा नगर क्षेत्र की झुग्गियों को तोड़ने का नोटिस भेजा है। डीडीए ने 18 अगस्त को सभी 200 झुग्गियां तोड़ने की जानकारी दी है। वहां पिछले 25-30 सालों से लोग रह रहे हैं। आज उन्हें बेघर किया जा रहा है। क्षेत्र के विधायक ओम प्रकाश शर्मा ने डीडीए को पत्र लिख झुग्गियों को बचाने की बात करने की बजाय उन्हें खाली करवाने की बात कही, जिससे डीडीए की कार्रवाई में कोई बाधा न आए। यह अन्याय है। आम आदमी पार्टी की मांग है कि यदि झुग्गियां हटानी है तो पहले लोगों को रहने के लिए अन्य स्थान दिया जाए।
आम आदमी पार्टी से एमसीडी सह-प्रभारी दीपक सिंगला ने रविवार को एक बयान में कहा कि मैं विश्वास नगर विधानसभा से संबंध रखता हूँ। वहीं कस्तूरबा नगर नाम की एक कॉलोनी है जिसमें बसी 150-200 झुग्गियों को बिना किसी कारण भाजपा शासित डीडीए ध्वस्त करने की साजिश कर रही है। भाजपा ने नोटिस जारी किया है, जिसमें 18 अगस्त को झुग्गियों को तोड़ने की बात कही है। 1963 से लोग उन झुग्गुयों में रह रहे हैं। इसका मतलब है कि वह लोग लगभग 25-30 सालों से वहां रह रहे हैं। आज अचानक उन्हें बेघर करने की कोशिश हो रही है।
उन्होंने कहा कि विश्वास नगर क्षेत्र के विधायक ओम प्रकाश शर्मा ने डीडीए को पत्र लिखा है कि कस्तूरबा नगर इलाके में आपके द्वारा जिन चिन्हित स्थानों पर कार्रवाई की जा रही है, कृपया हमें उसका विवरण दें। वहाँ के लोग कुछ व्य्वस्था कर लें जिससे आपके काम में कोई बाधा उत्पन्न न हो। विधायक जी झुग्गुयों को नष्ट होने से बचाने की बजाय उन्हें खाली करने की बात कर रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने कहा था कि जहां झुग्गी वहां मकान होगा। चुनाव तो हार गए इसलिए झुग्गियों पर बुलडोजर चलाकर उनसे बदला ले रहे हैं। आम आदमी पार्टी की मांग है कि यदि उनकी झुग्गियां हटानी है तो पहले उन्हें रहने के लिए अन्य स्थान दिया जाए। उसके बाद ही कोई कार्रवाई की जाए। उन्हें इस प्रकार बेघर करना बिल्कुल सही नहीं है।