गेस्ट शिक्षकों सहित सभी अनुबंधित कर्मियों को समान कार्य समान वेतन दिया जाए। – चौ0 अनिल कुमार
नई दिल्ली, 25 जून, 2022 – दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल मिशन एक्सीलेंस स्कीम और दिल्ली स्पोटर्स यूनिवर्सिटी खोलकर छात्रों और खिलाड़ियों के लिए अवसर देने का सब्जबाग तो दिखा रहे हैं परंतु दिल्ली सरकार के अंतर्गत अनुबधित कर्मचारियों को नियमित करने के संबध में कोई क्रियाशीलता नही दिखाई है। जब पंजाब में विधानसभा चुनाव के दौरान दिल्ली में गेस्ट टीचर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नियमित करने की मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन कर रहे थे तब केजरीवाल पंजाब में अनुबंधित कर्मियों को नियमित करने का वायदा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केजरीवाल झूठ बोलने और लोगों को गुमराह करने में महारत मिली हुई है। आगामी हिमाचल, गुजरात, हरियाणा राज्यों के चुनाव में केजरीवाल एक बार दोबारा इसी तरह के फर्जी वादे करने शुरु कर दिया है और दिल्ली के ध्वस्त शिक्षा मॉडल की बखान भी कर रहे है।
प्रदेश अध्यक्ष ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया कि पिछले 8 वर्षों के शासन में एक भी अनुबंधित कर्मचारी को पक्का नही किया और केजरीवाल द्वारा गेस्ट टीचरों से किए झूठे वायदों की पोल खुल चुकी है। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि उन्होंने कि अरविन्द केजरीवाल ने अनुबंधित कर्मी जिनमें गेस्ट टीचर, वोकेशनल टीचर, नर्स, डीटीसी ड्राईवर, जल बोर्ड स्टाफ को नियमित नौकरी देने और समान काम समान वेतन देने का वादा किया था परंतु एक भी कर्मचारी को नियमित नही किया गया।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि उपमुख्यमंत्री निवास पर गेस्ट टीचरों की मांगों को लेकर किए प्रदर्शन में मैंने स्वयं शामिल होकर आवाज उठाई, जिसके दवाब में आकर शिक्षा मंत्री मनीष सीसोदिया ने गेस्ट शिक्षक का वेतन बढ़ाने के संबध में शिक्षा विभाग को पत्र भेजने की बात कही, परंतु 6 महीने से अधिक समय बीतने के बाद शिक्षा मंत्री ने अपने वादे को नहीं पूरा किया। उन्होंने कहा कि पत्र में संविदा कर्मियों को कोरोना काल में हुई दुख तकलीफ को ध्यान में रखने का दावा किया था, जबकि वास्तविकता में कारण सड़कों पर हो रहे भारी विरोध प्रदर्शन को रोकना था जिसे केजरीवाल सरकार पंजाब चुनाव को देखते हुए टालना चाहती थी।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि एक जुलाई से ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद विद्यालय खुलने वालें है। यह बहुत चिंताजनक है कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान 11 मई से 30 जून तक दिल्ली सरकार के स्कूलों में कार्यरत गेस्ट टीचरों को कार्यमुक्त रखा गया और इस दौरान उनका वेतन नही दिया गया। उन्होंने मांग की दिल्ली सरकार गेस्ट टीचरों के नियमन और ग्रीष्मकालीन अवकाश का वेतन भी देना चाहिए, जबकि सरकार ने इस संबध में कोई कदम नही उठाया है।